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28 Jun 2020 · 1 min read

आप

अपने अहसास की ख़ुश्बू से सरोबर कर जाते हैं आप,
जब कभी मेरे ख़्यालों की गली से गुज़र जाते हैं आप,
मैं खुली आँखों से देखती हूँ बस आप ही के सपने,
जब भी कभी मेरे तस्व्वुर से गुज़र जाते हो आप,
हवा में महसूस होती है अजीब सी सरसराहट,
जब भी कभी मुस्कुराते हुए नज़र आ जाते हो आप,
सागर की लहरें भी ख़ूब उछाल भरती हैं,
जब भी कभी मेरी ही तरह उन्हें भा जाते हो आप,
दिल की लगी में मरने जब लग जाते हैं हम,
तो बन कर दवा हर मर्ज़ की हमारे जहन में आ जाते हो आप,
महकते रहते हैं गुल मेरे इश्क़ के दामन के,
जब कभी मेरी यादों की गली से गुज़र जाते हैं आप,
हम दिल लिए हाथों में खड़े रह जाते हैं,
सब जानते हुए भी, बन कर अनजान गुज़र जाते हैं आप….

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 368 Views
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