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गए दिनों का सुऱाग लेकर किधर से आया किधर गया वो। अजीब मानुष अजनबी था मुझे तो हैरान कर गया वो। वो हिज्र की रात का सितारा वो हमनफ़स वो सुख़न हमारा। सितारा ए शाम बन के आया बरंगे ख्व़ाब -ए- सहर गया वो।
श़ुक्रिया !
बहुत ख़ूब ????
गए दिनों का सुऱाग लेकर किधर से आया किधर गया वो।
अजीब मानुष अजनबी था मुझे तो हैरान कर गया वो।
वो हिज्र की रात का सितारा वो हमनफ़स वो सुख़न हमारा।
सितारा ए शाम बन के आया बरंगे ख्व़ाब -ए- सहर गया वो।
श़ुक्रिया !
बहुत ख़ूब ????