सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 237 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Sep 2021 · 1 min read मुंँहवे झुराइल बा घनाक्षरी रहिया में जगे- जगे, पेवना सटात बाटे, भाई हो लागत बाटे, वोट नियराइल बा। दुख बाँटे वाला हाथऽ, छोडते हवे न साथऽ, नेता सब गोड़वे में, देखीं लेपटाइल बा।... Bhojpuri · घनाक्षरी 232 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Sep 2021 · 1 min read जय बाबा विश्वकर्मा घनाक्षरी सृजन बाबा विश्वकर्मा जी के, नमन करत बानी, देव शिल्पी नमवा से, जाने ला जहनवा। परबत नदी नाला, झरना करेला हाला, उहे सिरजवनीं हँ, धरती गगनवा। महल अटारी सब,... Bhojpuri · घनाक्षरी 399 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Sep 2021 · 1 min read कुछ दोहे और आरक्षण उसको मिले, जो निर्बल धनहीन। जाति नहीं बस देखिए, भूख, गरीबी, दीन। मीठी वाणी बोलकर, घाव करें गंभीर। बड़े सयाने लोग हैं, देते दुख सह नीर।। जादूगर दृग आपके,... Hindi · दोहा 293 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Sep 2021 · 1 min read कुछ दोहे शर्मिंदा जिसको करे, निज भाषा का ज्ञान। ऐसा मूरख आदमी , होता पशु इंसान।। हिंदी मेरा ओढ़ना, हिंदी है परिधान। हिंदी लगती है मुझे, भाषा रस की खान।। निज भाषा... Hindi · दोहा 213 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Sep 2021 · 1 min read बाबा विश्वकर्मा बाबा विश्वकर्मा जी के, नमन करत बानी, देव शिल्पी नमवा से, जाने ला जहनवा। परबत नदी नाला, झरना करेला हाला, उहे सिरजवनीं हँ, धरती गगनवा। महल अटारी सब, चमकत गाड़ी... Bhojpuri · घनाक्षरी 387 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Sep 2021 · 1 min read बाप के फुर्सत मिले लइका खेलावे के ई प्रगति सब झूठ बाटे बस दिखावे के। अब कहाँ बा साँस की रिश्ता निभावे के। जब मुबाइल ना रहल सबकी लगे देखीं, बाप के फुर्सत मिले लइका खेलावे के।... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 328 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Sep 2021 · 1 min read कुछ दोहा नमन भोजपुरी दोहालय मंच मिलल न कुछऊ सेतिहा, मान, शान, सम्मान। त्याग दिहल अभिमान जे, पावल साँचा ज्ञान।। मुफ्त मिलल बा लूटिहन, झोला भरि के यार। दाम तनिक लागत हवे,... Bhojpuri · दोहा 1 332 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Sep 2021 · 1 min read धड़कन पहरेदार उर के भीतर आ गया, जबसे तू दिलदार। नैन किवाड़ी बंद हैं, धड़कन पहरेदार।। सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य Hindi · दोहा 281 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Sep 2021 · 1 min read भाषा शर्मिंदा जिसको करे, निज भाषा का ज्ञान। ऐसा मूरख आदमी , होता कब इंसान।। सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य Hindi · दोहा 407 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Sep 2021 · 1 min read सूर्य तुम को खुद लजाना चाहिए- गजल (२१ मात्रिक ) २१२२ २१२२ २१२ आदमी को मुस्कुराना चाहिए। दर्द गम अपना छिपाना चाहिए।1 हर हकीकत दूर से दिखती नहीं, और ठोडा पास आना चाहिए।2 टूट कर यह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 284 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Sep 2021 · 1 min read कौन सी अपनी कमाई जा रही है कौन सी अपनी कमाई जा रही है। बाप की दौलत लुटाई जा रही है। जो बुजुर्गों ने बनाई थी यहाँ पर, खाक में इज्जत मिलाई जा रही है। सभ्यता की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 427 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Sep 2021 · 1 min read नैन द्वार अधखुले छोड़कर कैसे कोई जा सकता है, अपनों से यूँ मुंह मोड़कर। सँगदिल बनकर पत्थर बनकर,नाज़ुक सा यह हृदय तोड़कर। अब भी क्या उम्मीद बची है, लौट पुनः तुम आओगी क्या- क्या... Hindi · मुक्तक 313 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक बड़ा मासूम है चेहरा है, निगाहें हैं बड़ी कातिल। छलकते होंठ के प्याले, किए जीना बड़ी मुश्किल। तुम्हारी गेसुओं की छांव में, रहने की हसरत थी- मगर किस्तम में कोई... Hindi · मुक्तक 1 214 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक दोराहे पर तड़प रही है, हिंदी अपनी प्यारी। कोर्ट कचहरी से संसद तक, फिरती मारी-मारी। बोल विदेशी सबको प्यारे, हिंदी से शरमाते- गैरों की मत बात करो जी, अपनों से... Hindi · मुक्तक 421 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक आधार छन्द -मोटनक(मापनी युक्त, वार्णिक, 12,मात्रा) मापनी-गागा,ललगा,ललगा,ललगा। 'मुक्तक ' मेरे सपने सब टूट रहे। साथी अपने सब छूट रहे। है हाल बुरा अब क्या कहना- जो रक्षक थे वह लूट... Hindi · मुक्तक 351 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Sep 2021 · 1 min read हिंदी दिवस विधा:- मुक्तक अंग्रेजी मोहित करे, घर आंगन बाजार। हिंदी दिवस मना लिए, कर आए उपकार। हिंदी से जिसको नहीं, हुआ अभी तक प्रेम- हिंदुस्तानी है नहीं, लगता है गद्दार। हुई... Hindi · मुक्तक 209 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Sep 2021 · 2 min read मुक्तक 28 मात्रिक ( मुक्तक 28 मात्रिक) प्रदत्त शब्द- शिक्षा, जीवन, अनुदान तुहीं सांसें, तुहीं धड़कन, तुहीं हर अंग है भगवन। तुम्हारे बिन कहाँ जीवन, में' कोई रंग है भगवन। न कोई गम... Hindi · मुक्तक 235 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Sep 2021 · 1 min read हिंदी के हत्यारे गीत। *************************************** हम सब हिंदी भाषी ही तो, हिंदी के हत्यारे हैं। निज भाषा शर्मिंदा करती, बोल विदेशी प्यारे हैं। उस थाली में छेद करें हम, खाते हैं जिस थाली... Hindi · गीत 3 2 568 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Sep 2021 · 1 min read देशभक्ति गीत देशभक्ति गीत लावणी छंद पर आधारित मातृभूमि पर न्योछावर अब, हमरो सुबहो-शाम रही। जबतक सागर रही हिमालय, हिन्द देश के नाम रही। वीरभूमि भारत के जननी, वीर पूत जनमावे ली।... Bhojpuri · गीत 2 1 577 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Sep 2021 · 1 min read राम जी के नाम लीं भोजपुरी गजल बा समय बाउर अगर तऽ, धैर्य से अब काम लीं। कर्म निज कइले करीं, अरु राम जी के नाम लीं। आदमी यदि लड़खड़ाते, मिल गइल हऽ राह में,... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 562 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read मेहरि के गोड़धरिया करऽ सुबह शाम दुपहरिया करऽ। मेहरि के गोड़धरिया करऽ। हेलो डियर डार्लिंग बोलऽ। जब-जब आपन मुँहवा खोलऽ। दांँत चियारऽ गले लगावऽ। अंगुरी झोंता में अझुरावऽ। घर, आँगन, दुअरिया करऽ। मेहरि के... Bhojpuri · कविता 2 2 401 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक मानवता का दुश्मन है यह, नशा न करना भाई। नशा किया है जिसने उसका, जीवन है दुखदाई। घर परिवार बिखर जाता है, दुख मिलता जीवन भर- इज्ज़त और प्रतिष्ठा खोती,... Hindi · मुक्तक 301 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक अश्क हरपल बहाना नहीं जिंदगी। हर घड़ी सर झुकाना नहीं जिंदगी। सांस जबतक रहे आस मत छोड़ना हार कर बैठे जाना नहीं जिंदगी। जख्म अपना सभी से छुपाया गया। अश्क... Hindi · मुक्तक 245 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read कुछ मुक्तक बेवजह सर खपाने से क्या फायदा। उम्र अपनी छुपाने से क्या फायदा। चेहरे पर बुढ़ापा नजर आ रहा- केश डाई कराने से क्या फायदा। हर घड़ी आप गैरों के' होते... Hindi · मुक्तक 1 489 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read कुछ भोजपुरी दोहे पर्दा में शोभत हई, घर के बुढ़िया सास। मेक्सी में घूमत रहें, बहुवर से का आस।। चिलमन से झाँकत हई, गोरी जवनी ओर। रजनी में दिनकर खिलल, भक से भइल... Bhojpuri · दोहा 1k Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read कुछ दोहे दोहा लिखा न जा रहा, करें छंद निर्माण। मुखपोथी पर देखिए, मिलता खूब प्रमाण।। जिनको समझ न आ रहा, दोहा छंद विधान। निर्माता हैं छंद के, ऐसे लोग महान।। समझ... Hindi · दोहा 197 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 7 Sep 2021 · 1 min read तोटक छंद आधारित मुक्तक आधार छंद- "तोटक" (मापनीयुक्त वर्णिक, 12 वर्ण) वर्णिक मापनी- ललगा ललगा ललगा ललगा ध्रुव शब्द- "विष" ॐ शिव वंदन तो भगवान किये। सुत अंजन के हनुमान किये। विष वारिधि मंथन... Hindi · मुक्तक 215 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Sep 2021 · 1 min read मुझे भी याद कर लेना हृदय से आज अपनी याद, को आजाद कर लेना। मिले जितनी खुशी उतना, मुझे बर्बाद कर लेना। तुम्हारे बिन सुनो अब तो, बड़ा मुश्किल हुआ जीवन। मिले फुर्सत कभी तुमको,... Hindi · मुक्तक 478 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 4 Sep 2021 · 1 min read तीन भोजपुरी मुक्तक जुदाई वाला याद कइसे बतावऽ न आई कबो। देखिहऽ एक दिन ई रुलाई कबो। हमके पत्थर कहऽ शौक से यार तूं, याद पत्थर न दिल से भुलाई कबो। याद पत्थर ई दिल... Bhojpuri · मुक्तक 1k Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 4 Sep 2021 · 1 min read पाँच गो दोहा धन दउलत मिथ्या हवे, जनवे हवे जहान। बड़हन सम्पति स्वास्थ्य बा, राखऽ एकर ध्यान।। करिहऽ जनि कबहूँ सखे, दउलत पर अभिमान। रंक रहल राजा भइल, चहलन जब भगवान।। सम्पति से... Bhojpuri · दोहा 379 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 1 Sep 2021 · 1 min read जाति मजहब जिंदगी में भाव मत दीं जाति, मजहब जिंदगी में, भाव मत दीं। बाति जब नफरत क होखे, चाव मत दीं। तीर शब्दन के बहुत ही, दर्द देला- शब्द के मरहम लगाईं, घाव मत दीं। भजि... Bhojpuri · मुक्तक 277 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 1 Sep 2021 · 1 min read भाई बहन रिक्त उदर निज हो भले, कैसा यह अनुराग। भाई के हित में सदा, बहन करे परित्याग। बहन करे परित्याग, खिलाती मुख में भोजन। अद्भुत है यह दृश्य, सुपावन प्रेम प्रयोजन।... Hindi · कुण्डलिया 422 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 1 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक -----: मुक्तक :----- वादे करना स्वप्न दिखाना, हाय चुनावी रोग। नेताओं की चिकनी चुपड़ी, समझ गये हैं लोग। जाति धर्म का जाल बिछा कर, झोंक रहे हैं धूल- जनता की... Hindi · मुक्तक 2 235 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 31 Aug 2021 · 1 min read यार कइले हऽ बेवफाई हो भोजपुरी गजल हाल केकरा के हम बताईं हो। यार कइले हऽ बेवफाई हो। लोग मुठ्ठी में नून लिहले बा, घाव केकरा के अब देखाईं हो। प्यार हर हर्फऽ में समाइल... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 457 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 31 Aug 2021 · 1 min read गीतिका चउथा पन आइल हवे, झुलल देह के चाम। बुढ़वा बुढ़िया सूखि के, भइलन पाकल आम। साथे केहू ना हवे, हीत मीत भा पूत, हाय अकेले कटि रहल, जिनगी शेष तमाम।... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 242 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 31 Aug 2021 · 1 min read देखो सूर्य दिलाने आये गीतिका :- ---------- मजनूं वहीं पुराने आये। लेकर नये बहाने आये। बीच सफर में छोड़ गये थे, कारण आज बताने आये। अरमानों से खेल-खेल कर, दिल अपना बहलाने आये।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 219 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 31 Aug 2021 · 1 min read सांस लीहल हो गइल मुश्किल बड़ी हम का करीं गजल लोभ में आन्हर भइल, हर आदमी हम का करीं। ना दिखाई दे रहल, आपन कमी हम का करीं। नासमझ के भीड़ भारी, सत्य से सब दूर बा, जाति मजहब... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 376 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 29 Aug 2021 · 1 min read गजल गजल मापनी- २१२२ २१२२ २१२२ २१२ मचि रहल बा दिल, जिगर में, खलबली हम का करीं। साथ तहरी जुड़ गइल बा , जिंदगी हम का करीं। याद ना कुछऊ रहेला... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 391 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 29 Aug 2021 · 1 min read दोहा दिनांक-२९/०८/२०२१ ईश्वर, अल्ला एक बा, राम, कृष्ण सब एक। असमंजस में जनि पड़ी, कर्म करीं बस नेक।। कइसन ई संकोच बा, काहें आवत लाज। राम नाम सुमिरन कइल, सुरू करीं... Bhojpuri · दोहा 213 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Aug 2021 · 1 min read यह कैसा अंगार तुम्हारी आंँखों में गीतिका आधार छंद - मंगल माया (मापनी मुक्त मात्रिक) विधान - कुल 22 मात्राएँ, 11,11 पर यति, यति के पूर्व गाल, पश्चात लगा अनिवार्य समांत - आर, पदांत - तुम्हारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 338 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Aug 2021 · 1 min read घनाक्षरी माई पुचुकारऽ तारी, माइये दुलारऽ तारी, हँसी-हँसी कहें बेटा, आ हमरी ओरिया। बेटवा के दुखवा ना, माई के सहाला कबो, माइयो के भरि जाला, अँखिया के कोरिया। माई वाला ममता... Bhojpuri · घनाक्षरी 302 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 24 Aug 2021 · 1 min read ओल के चोखा भइया हो हम गइल रहनी, पहिले पहिल ससुरारी में। दही, पनीर सह मुर्गा, अण्डा, घीउ पड़ल तरकारी में। नाश्ता आइल नाश्ता ऊपर, चाय क ऊपर चाय चले। सासु,सार,सरहज,साली सब, हाल... Bhojpuri · कविता 4 2 767 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 23 Aug 2021 · 1 min read आम आदमी मुक्तक ३२ मात्रिक प्रदत्त शब्द-आम आदमी बेबस भूख गरीबी से हो, खेतों में लाचार रो रहा। आम आदमी के सपने का, संसद में व्यापार हो रहा। मँहगाई विकराल हो गई,... Hindi · मुक्तक 2 252 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 23 Aug 2021 · 1 min read रक्षाबंधन मुक्तक रक्षाबंधन का त्योहार। भइया बहिनी का है प्यार। राखी का यह बंधन खास- लेकर आये खुशी अपार। खुशियों भरा संसार है अनमोल। पावन बहुत त्योहार है अनमोल। विश्वास है... Hindi · मुक्तक 2 255 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 23 Aug 2021 · 1 min read प्यार कालू त हमसे निभा जा सनम मुक्तक मापनी- २१२ २१२ २१२ २१२ प्यार कइलू त हमसे निभा जा सनम। छोडि दऽ साथ हमरो भुला जा सनम। ख्वाब में नाहि आइब इ वादा रहल- मौत के नींद... Bhojpuri · मुक्तक 478 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 23 Aug 2021 · 1 min read राहि जोहेले छोटकी तोहार भइया राखी गीत आइल राखी के पावन तिहुआर भइया। राहि जोहेले छोटकी तोहार भइया। जेठ, अषाढ़ बितल आ गइल सावन। सावन के पूर्णिमा हऽ शुभऽ दिन पावन। भूलि जइहऽ ना हमरो... Bhojpuri · गीत 331 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Aug 2021 · 1 min read हम हैं भारतवासी विधा - गीत मात्राभार - 16+12 = 28 सीधे सच्चे दिल के अच्छे, हम हैं भारतवासी। रग-रग में है गंगा यमुना, घर-घर में है काशी। इक दूजे के सुख-दुख में... Hindi · गीत 2 216 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Aug 2021 · 1 min read झूठ की रोटी चबाकर पल रहे हैं गीतिका मापनी-२१२२ २१२२ २१२२ नफरतों की आग में जो जल रहे हैं। आज अपने-आप को ही छल रहे हैं। द्वेष, ईर्ष्या आपसी रंजिश हृदय में, राह में काँटे बिछाकर चल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 365 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Aug 2021 · 1 min read देशभक्ति मुक्तक मुक्तक आधार छंद- सार खून गरम हऽ हिंदुस्तानी, समझ न लीहऽ पानी। यारन खातिर यार, शत्रु ला, दुश्मन बड़का मानी। पाक चीन से पूछ सकेनी, घाव दिहल हमनी के- रण... Bhojpuri · मुक्तक 1 461 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 16 Aug 2021 · 1 min read जीवन में आधार छंद - सिंधु मापनी - 1222 1222 1222 रहे खुशियों भरा संसार जीवन में। मिले बस प्रेम का व्यापार जीवन में। सुसंगत में कटे जीवन कृपा करना- बहे साहित्य... Hindi · मुक्तक 218 Share Previous Page 3 Next