गुनगुनायें
आधार छन्द-माधव मालती(मापनी युक्त, मात्रिक, 28 मात्रा) मापनी-गालगागा,गालगागा,गालगागा,गालगागा। समान्त-'आये' ,अपदान्त। दर्द, गम, आँसू, खुशी हैं,जिन्दगी में क्या बतायें। सांँस जबतक चल रही है, आइए हम गुनगुनायें। हर घड़ी खुशियांँ न...
Hindi · ग़ज़ल/गीतिका