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26 Oct 2021 · 1 min read

मुहब्बत बना यहाँ व्यापार

सत्य भी होता है हथियार।
बड़ी मारक होती है धार।

कभी भी मत बोलो तुम झूठ,
करो इतना खुद पर उपकार।

त्याग दो लालच ईर्ष्या लोभ,
लगेगा सुंदर यह संसार।

उलझना नहीं किसी से व्यर्थ,
समझना दुनिया को परिवार।

बढ़ाना सदा हौसला आप,
कहीं जो दिखे मनुज लाचार।

भरोसा किसपर कैसा आज,
मुहब्बत बना यहाँ व्यापार।

जहाँ हो आपस में विश्वास,
स्वर्ग सा लगता है आगार।

जहाँ होता है सही प्रयास,
वहाँ पथ दिखते लाख हजार।

सफलता कदम चूम ले ‘सूर्य’
परिश्रम करो न मानो हार।

(स्वरचित मौलिक)
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य
तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.)
☎️7379598464

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