पंकज कुमार कर्ण Language: Hindi 250 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next पंकज कुमार कर्ण 16 Dec 2021 · 1 min read 'ताश का पत्ता" 'ताश का पत्ता" मानव, 'ताश' के जैसा है; हर चरित्र, 'ताश-पत्ता' है; कोई , नहले पर दहला है; तो कोई , सत्ते पे सत्ता है; कोई इक्का बन , बैठा... Hindi · कविता 5 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 9 Dec 2021 · 1 min read 'सच्ची बात' 'सच्ची बात' -------------- जमीर बेच, जो बने अमीर; उसकी भला,क्या तकदीर; बसती इसमें, मौकापरस्ती; मिलते ये, हर बस्ती बस्ती। जितना मिला , उतने में ही; निज जीवन , जीना सिखो;... Hindi · कविता 3 533 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Dec 2021 · 1 min read "शहीद बिपिन रावत" "शहीद बिपिन रावत" ------------------------- वीर शहीद बिपिन रावत। आप थे , जैसे ऐरावत। देश करे , आप पे नाज; सब आपका गुण गावत। ?????? ....✍️पंकज कर्ण ......कटिहार।। Hindi · मुक्तक 4 590 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Dec 2021 · 1 min read "जीवन एक दर्पण हो" "जीवन एक दर्पण हो" --------------------------- हर जीवन , एक दर्पण हो। सबके दिल में समर्पण हो। मानव की हो, सच्ची नीति; देशहित में, सब अर्पण हो। ********************* स्वरचित सह मौलिक;... Hindi · मुक्तक 3 795 Share पंकज कुमार कर्ण 6 Dec 2021 · 1 min read "वीर जवान" "वीर जवान" ---------------- ऐ मेरे देश के, वीर जवानों, तुम ये मानो , या ना मानों; कोई , कितना भी इतराले; तुम ही हो, सबके रखवाले; तुझसे ही , सब... Hindi · कविता 5 4 675 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Nov 2021 · 1 min read 'बेटी की विदाई' 'बेटी की विदाई' ~~~~~~~~ अजीब क्षण,इस विदाई का; गम है, 'खुशी' के जुदाई का; खुशियां टपकती, आंसू बन; हल्का होता , अब भारी मन; हर आंखों में ही , अश्रु... Hindi · कविता 11 9 789 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Nov 2021 · 1 min read 'नया बाल दिवस' 'नया बाल दिवस' ______________ आखिर क्यों हुएं , इतने बेबस; आज ही मनाए , 'बाल दिवस'। चौदह नवंबर थे , जन्मे 'नेहरू'; बाकी दिन जैसे,आए ऐरू-गैरु। सब ही करते थे... Hindi · कविता 3 515 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Nov 2021 · 1 min read "जाड़े की धूप" "जाड़े की धूप" ग्रीष्म बीता, बीती वर्षा; ठंडक ऐसे, मुंह फैलाए; जैसे फैलाती है,'सुरसा'; फिर से , मौसम बदला; बीता सब , पर्व त्योहार; बदल गई है , दिनचर्या; बदला,सबका... Hindi · कविता 5 775 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Nov 2021 · 1 min read मुंह' है कि 'मटका' है.. 'मुंह' है कि 'मटका' है.. 'मुंह' है कि, 'मटका' है। फिर क्यों , ये लटका है। अब,'काव्य' पढ़े मन से, यदि कुछ भी खटका है। ****************** .......✍️पंकज कर्ण ............कटिहार।। Hindi · मुक्तक 4 2 567 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Nov 2021 · 1 min read "जल्दी उठो हे व्रती" "जल्दी उठो हे व्रती" जल्दी उठो, सुबह हुई हे व्रती। छोड़ दो आज,हर कोई सुस्ती। चलो सब घाट पर , देने अर्ध्य; छठी माय पार करेंगे, 'कश्ती'। ______________________ ...✍️पंकज कर्ण... Hindi · मुक्तक 5 6 801 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Nov 2021 · 1 min read "छठ की बात" "छठ की बात" 🙏🌄🙏 अब जानो सब ही, 'छठ की बात'; कद्दूभात से हो , पर्व की शुरुआत; अगले दिन आए , खरना की रात; व्रती रहते, इन दिनों पूरा... Hindi · कविता 7 4 932 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Nov 2021 · 1 min read 'गोवा की सैर' 'गोवा की सैर' _______________ गोवा की आंखो में,बसे मोती; बाकी आंख, अग्निवर्षा होती; हर जगह दिखता है,गिद्धराज; गोवा में बसता सिर्फ,सरताज; सब जगह घूमो, लबादा ओढ़; गोवा जाओ, पर मत... Hindi · कविता 6 4 645 Share पंकज कुमार कर्ण 6 Nov 2021 · 1 min read "चित्रांश" "चित्रांश" हम "चित्रांश" रूप में जाने जाते, वर्णों में, उत्तम वर्ण माने जाते। चित्रगुप्त के वंशज हैं, हम; गुरु हमारे हैं, यम। हमारे लेखनी में है, इतना दम; सबके भविष्य... Hindi · कविता 5 876 Share पंकज कुमार कर्ण 6 Nov 2021 · 1 min read भगवान चित्रगुप्त भगवान चित्रगुप्त _____?_____ ब्रह्मा के काया का,तुम आकार हो; तुम ही तो , 'यम'के सलाहकार हो; हर जीवन-मरण के, रचनाकार हो; हे 'चित्रगुप्त',तेरी जय जयकार हो; तुम ही हो,एकमात्र लेखक... Hindi · कविता 7 1k Share पंकज कुमार कर्ण 5 Nov 2021 · 1 min read 'मुक्तक 'मुक्तक' अब तिमिर पे ज्योति टिमटिमा रहा है। शायद, किसी को नहीं अब भा रहा है। तमस पसंद हैं, इस जग में ज्यादा सब; गिद्ध भी अब , मोरनी को... Hindi · मुक्तक 2 1 446 Share पंकज कुमार कर्ण 4 Nov 2021 · 1 min read 'दीपक-चोर'? 'दीपक-चोर'? कभी न , दीप चुराना; बुझने से, उसे बचाना; ये जो जगह से हटेगा, तब यह, बुझ जायेगी; प्रकाश नही फैलाएगी, ये बात सदा सताएगी, फिर नहीं, यह जलेगा;... Hindi · कविता 4 708 Share पंकज कुमार कर्ण 4 Nov 2021 · 1 min read 'राम-राज' 'राम-राज' जब घर-घर, दीपक जले आज। हर मन , कर रहे धरम के काज। सब जन , भक्ति- भाव में डूबे हैं; क्यों नहीं आता , तब राम-राज। जरूर ही... Hindi · कविता 4 3 957 Share पंकज कुमार कर्ण 3 Nov 2021 · 1 min read 'तिमिर पर ज्योति'🪔🪔 'तिमिर पर ज्योति' 🪔🪔🪔🪔🪔 फिर फैलेगी, तिमिर पर ज्योति। धरा चमकेगी, जैसे चमके मोती। होगी हर जगह, खूब साफ-सफाई। सब खुशियां मनाएंगे, नभदीप लटकाएंगे। मचेगी धूम-धड़ाका, फूटेगा पटाखा। अमावस आकाश... Hindi · कविता 4 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 1 Nov 2021 · 1 min read 'समानता' समानता संविधान की शोभा बनी समानता, आज कोई नही, इसे कहीं मानता; चौदह की ये , संवैधानिक चतुराई; अब हो गई है , ये सिर्फ पीर पराई; जब है ,... Hindi · कविता 4 471 Share पंकज कुमार कर्ण 31 Oct 2021 · 1 min read कर्तव्य का पता कर्तव्य का पता सेवा से निवृत हो , जब माता- पिता। स्नेह से आवृत करो, निज सुत-सुता। पूरा ध्यान रखना तब , तुम ही उनका; सबको सदा रहे, इस कर्तव्य... Hindi · मुक्तक 4 2 450 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Oct 2021 · 1 min read मतदान मतदान मत करना तुम , 'मतदान' अगर तुममें नहीं है , ज्ञान; चून नही सकते हो, अगर; किस प्रत्याशी में है जिगर; कौन है सच्चा, कौन झूठा; किसने निज देश... Hindi · कविता 5 2 549 Share पंकज कुमार कर्ण 26 Oct 2021 · 1 min read सुख-दुःख सुख-दुःख °°°°°°°°°° 'सुख-दु:ख' तो आती , साथ में, सबकी किस्मत लिखी, हाथ में, मत घबराओ , किसी हालत में; धैर्य धरे, जब 'कली' भी रात में; पुष्प बनने के, अथक... Hindi · कविता 7 855 Share पंकज कुमार कर्ण 24 Oct 2021 · 1 min read "बेटा-बेटी" "बेटा-बेटी" °°°°°°°°°° चाहे 'बेटा' हो या 'बेटी' दोनों , 'माता-पिता' के; 'आंखों' की है, 'ज्योति' 'बेटा', कुल का दीपक; तो बेटी, घर की रौनक; 'बेटी' अगर, 'ममता' है; 'बेटा' मारक... Hindi · कविता 5 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 23 Oct 2021 · 1 min read कायस्थ✍️ कायस्थ✍️ एक जाति'कायस्थ'हैं, वंशज, 'चित्रगुप्त' के; विद्या, उनकी पूंजी है, 'कलम' उनकी शक्ति; बारह हैं,'भ्राता' इनके; सब के सब हैं , प्यारे; 'श्रीवास्तव','अस्थाना' सुरजध्वज, 'सक्सेना' बाल्मीकि, 'भटनागर' निगम, कुलश्रेष्ठ,गौड़, अम्बष्ठ,... Hindi · कविता 6 4 662 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Oct 2021 · 1 min read 'इंसान' बनो 'इंसान' बनो ********** हे, 'मनुज-जन' बनो महान; मत करो कभी , 'अभिमान' 'जीवन' मिला , मुश्किल से; पूरे कर लो , सारे 'अरमान'। 'जिंदगी' है ये,कठिन सफर; 'सुख- दुख'है ,... Hindi · कविता 4 618 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Oct 2021 · 1 min read "सब टेबुल लैंप है" "सब टेबुल लैंप है" **************** बल्ब से, जितना रोशनी फैलता है; कोई, अपना प्रकाश फैलाता कहां; परोपकारी जीवन, अपनाता कहां; अब तो घर घर, 'सब टेबुल लैंप है' अपने परिवार... Hindi · कविता 3 372 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Oct 2021 · 1 min read फेकूराम "फेकूराम" """""""""""" अपना घर तो , संभलता नही; ये , दूसरों का घर संभालते है। अपनी जो ,चोरी पकड़ी जाए; तो ,गैरों का बंगला झांकते हैं। रहे मुंह में ,... Hindi · कविता 5 6 762 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Oct 2021 · 1 min read 'किस्मत' 'किस्मत' ________ बहुत बड़ी चीज है , किस्मत; कोई खुद , किस्मत लिखता; कोई , रेडिमेड किस्मत पाता; कहीं ये है , वैधानिक उपहार; कहीं , माता -पिता का प्यार;... Hindi · कविता 3 522 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Oct 2021 · 1 min read 🙏विजयादशमी🙏 "विजयादशमी" °°°°°🙏°°°°° विजया दशमी की, बेला आयी; देवी मां ने ही , दुर्गा रूप बनाई; आज बनी मां , दस भुजा धारी; सिंह को बनाया, अपनी सवारी; माता की, नौ... Hindi · कविता 5 1k Share पंकज कुमार कर्ण 14 Oct 2021 · 1 min read 🙏माॅं सिद्धिदात्री🙏 मॉं सिद्धिदात्री .......🙏...... हे जगदम्बे , 'नवदुर्गा' की नौवीं रूप; 'भक्तों' को भाये, तेरा 'सिद्धिस्वरूप' 'माता' तू ही , जग की 'अधिष्ठात्री' है; हर 'सिद्धि की देवी', "सिद्धिदात्री" है; तू... Hindi · कविता 7 14 1k Share पंकज कुमार कर्ण 13 Oct 2021 · 1 min read 🙏महागौरी🙏 "महागौरी" ***🙏*** जय जय माॅं , 'अम्बे गौरी'; ध्यान दे, 'भक्तों' पर थोड़ी, 'मॉं' तू देवी है, 'सौंदर्य' की; 'नारी-शक्ति' व 'ऐश्वर्य' की; नवदुर्गा में,'मॉं' तू अष्टम् है; 'महाष्टमी', होती... Hindi · कविता 4 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 12 Oct 2021 · 1 min read 🙏मॉं कालरात्रि🙏 "मॉं कालरात्रि" ****🙏**** जय जय महामाया, स्याहवर्ण है तेरी काया; तू माता जगतप्यारी,तेरी शक्ति है चमत्कारी; सदैव शुभ फल देनेवाली , माता 'शुभंकारी' भक्त-जन पूजे तुमको, सदा दिन और रात्रि;... Hindi · कविता 5 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 11 Oct 2021 · 1 min read 🙏मॉं कात्यायनी🙏 "मॉं कात्यायनी" *****🙏***** जय जय जगकल्याणी , जय जय नारायणी; तू है , नवदुर्गा की षष्ठी रूप मां 'कात्यायनी'; महर्षि कात्यायन के घर जन्म लिया तूने, मां; भगवती रूप धारण... Hindi · कविता 5 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 10 Oct 2021 · 1 min read 🙏स्कंदमाता🙏 'स्कंदमाता' ****🙏**** 'नवदुर्गा' के पंचमरूपी , हे 'देवमाता'; कहलाती हो तुम ही , मां 'स्कंदमाता'; हे जन्मदात्री, तुम तो अच्छी माता हो; शक्तिशाली सुपुत्र,श्री स्कंदकुमार की; आदर्श बनी है तू... Hindi · कविता 6 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 10 Oct 2021 · 1 min read 🙏माँ कूष्मांडा🙏 "माँ कूष्मांडा" ****🙏*** जय जय मां 'दुर्गे', जय माता 'जगदम्बा'; चौथी नवरात्रि बनी, तू ही मां 'कूष्मांडा'; चारों ओर ही पसरा था जब , घोर 'तम'; माता तब तूमने ही... Hindi · कविता 6 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 9 Oct 2021 · 1 min read 🙏देवी चंद्रघंटा🙏 "देवी चंद्रघंटा" ****🙏**** हे माता 'जगदम्बे', हे 'चित्तरूपा'; तू है,मां दुर्गा की तीसरी स्वरूपा; माथे पर तेरे, अर्द्धचंद्र सुशोभित; दैत्य,दानव तूझसे रहे विक्षोभित; तू ही कहलाती मां, देवी चंद्रघंटा; हर... Hindi · कविता 7 4 1k Share पंकज कुमार कर्ण 8 Oct 2021 · 1 min read 🙏माता ब्रह्मचारिणी🙏 🌷माता ब्रह्मचारिणी🌷 ********🙏******** जय जय जगजननी , जय जगधारिणी; तू मां दुर्गा की द्वि स्वरूपा ब्रह्मचारिणी। तुम तपस्विनी, नहीं तेरी कोई सवारी है; तुम तो माता, सारे जग को ही... Hindi · कविता 6 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 7 Oct 2021 · 1 min read 🙏माता शैलपुत्री🙏 माता शैलपुत्री *****🙏***** मां नवदुर्गे की,तू ही है पहली रूप; करे तेरी आराधना,रंक हो या भूप। तू है, सारे जग की माता महारानी; बने तू सदा, भोले शंकर की रानी।... Hindi · कविता 9 10 1k Share पंकज कुमार कर्ण 2 Oct 2021 · 1 min read भारत के 'लाल' *भारत के लाल* °°°°°°°°°°°°°°°°°° हे! निज भारत के 'लाल'; तुम ही, सच्चे 'बहादुर' थे; उस वक्त तूने देश संभाला, जब हो चुके, कई भूल थे। 'काशी' के थे, तुम वासी;... Hindi · कविता 5 2 741 Share पंकज कुमार कर्ण 2 Oct 2021 · 1 min read "प्यारे मोहन" "प्यारे मोहन" °′°°°°°°°°°°° 'प्यारे मोहन' तूने ये क्या कर डाला, क्यों तुमने, तभी ऐसी बीन बजाई; 'धरा' आधा ले गया , जिन्न हरजाई; फिर कोई, ऐसा चक्र चलाया होता; अखंड... Hindi · कविता 2 1k Share पंकज कुमार कर्ण 1 Oct 2021 · 1 min read बापू को क्यों मारा.. बापू को क्यों मारा.. ************** माना तुम्हें , मातृभूमि प्यारी थी; छीन गई, इसकी कई क्यारी थी; तूने आखिर, बापू को क्यों मारा; क्या यही इंसानियत तुम्हारी थी। वो तो... Hindi · कविता 4 843 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Sep 2021 · 1 min read "चांद तो हमारा है" "चांद तो हमारा है" ************ चांद तो, अब से हमारा है; हमको ये , बहुत प्यारा है; हम इसे, सदा खूब देखते; ये भी हमें, चांदनी फेकते। अमावस , जब... Hindi · कविता 3 6 687 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Sep 2021 · 1 min read किताब *किताब* (१० मुक्तक) ________________ ....................१.................... लड़ाई-झगड़ा तुम छोड़ो अब। किताब से नाता , जोड़ो अब। हर-पल देगा , तुम्हें यह काम; जल्दी से पढ़ाई कर लो अब। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° ..................२.................... पढ़ो... Hindi · मुक्तक 3 2 776 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Sep 2021 · 1 min read "रचना प्रांजलमय लगे" "रचना प्रांजलमय लगे" °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° 'कवि', जब-जब लिखते है; पूरा राष्ट्र , उससे सीखते हैं; लेखन में , देशहित दिखता; या , सामाजिक मुद्दा होता। अब ना, किसी का लक्ष्य है;... Hindi · कविता 3 6 556 Share पंकज कुमार कर्ण 26 Sep 2021 · 1 min read घमंडी *घमंडी* (विजेता दर्शन) मैं.......................................हूं .तुम...............................नहीं. ...तरह.........................तरह... .....यही......................बात..... .......सदा ................कही....... .........जरा ............सोच......... .............मत........बन............ ..................घमंडी................. स्वरचित सह मौलिक ......✍️पंकज कर्ण; ..............कटिहार। तिथि: २६/९/२०२१ Hindi · कविता 3 360 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Sep 2021 · 1 min read "भारत जननी है जग की" "भारत जननी है जग की" °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° 'भारत' जननी है, इस जग की; जैसे रवि राजा हैं, पूरे नभ की। 'भारत' सा देश ना मिले दुबारा, पर गैरों को, लगे नहीं... Hindi · कविता 3 708 Share पंकज कुमार कर्ण 20 Sep 2021 · 1 min read "ईश्वर को याद करते जा" "ईश्वर को याद करते जा" (मुक्तक) अब, बस आगे तुम बढ़ते जा। जीवन में तू, अच्छा करते जा। क्या प्रभात है, क्या शुभ रात्रि; ईश्वर को सदा, याद करते जा।... Hindi · मुक्तक 2 665 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Sep 2021 · 1 min read "श्री अनंत चतुर्दशी" *श्री अनंत चतुर्दशी* **************** भाद्र मास , शुक्ल-पक्ष, और तिथि चतुर्दशी; करो पूजा श्री अनंत की, जीवन में हो खुशी। हर संकट से सदा, भगवान श्री अनंत निवारे; ये ही... Hindi · कविता 5 8 933 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Sep 2021 · 1 min read अधिवक्ता *अधिवक्ता* ___________ अदालत की यही तो, शान है; इनकी अलग ही , पहचान है। पहनते ये गले में, उजली बैंड; ये है, पुरानी बैरिस्टरी का ट्रैंड। शरीर पर होती है,... Hindi · कविता 4 1 701 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Sep 2021 · 1 min read नसीहत नसीहत (मुक्तक) °°°°°°°° जनता के कर्म से, नेता सुधरे। माता के करम से, बेटा सुधरे। माने जो बात; पिता की, 'बेटी' तभी हरेक घर की सुता सुधरे। *********************** ......✍️ पंकज... Hindi · मुक्तक 4 617 Share Previous Page 3 Next