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5 Nov 2021 · 1 min read

‘मुक्तक

‘मुक्तक’

अब तिमिर पे ज्योति टिमटिमा रहा है।
शायद, किसी को नहीं अब भा रहा है।
तमस पसंद हैं, इस जग में ज्यादा सब;
गिद्ध भी अब , मोरनी को लुभा रहा है।
___________________________
….. ✍️पंकज कर्ण
………….कटिहार।।

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 438 Views
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