Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2023 · 2 min read

हसीब सोज़… बस याद बाक़ी है

हसीब सोज़… बस याद बाक़ी है

यहां मजबूत से मजबूत लोहा टूट जाता है
कई झूटे इकट्ठे हों तो सच्चा टूट जाता है।

मिरे बच्चों कहाँ तक बाप के काँधों पे बैठोगे,
किसी दिन फ़ेल इस गाड़ी का इंजन हो भी सकता है।
– Haseeb Soz
रिश्ता मुहब्बतों का निभा कर चला गया
महरो वफा के गीत सुना कर चला गया
रहने लगी है इल्म की सब महफिलें उदास
शेरो सुखन की शमअ जलाकर चला गया
– Arshad Rasool

बहुत ज्यादा पुरानी नहीं है, कोई दो ढाई साल पहले की बात होगी। सोहराब ककरालवी साहब के साथ हसीब सोज़ साहब के यहां जाना हुआ था। वह भी उन्होंने बहुत सख़्ती के साथ बुलाया था, तब कहीं जाना हो पाया। यूं तो पहले भी मिल चुके थे, लेकिन तसल्ली के साथ वह पहली मुलाकात थी। उन्होंने मुझे अपनी उर्दू में लिखी किताब चांद गूंगा हो गया दी थी। किताब पढ़कर महसूस हुआ कि ऐसी शख्सियत और फन पर कुछ लिखना मेरा भी फर्ज बनता है। एक लेख लिखा और वह छपा भी।

लेख पढ़ने के बाद हबीब सोज़ साहब का फोन आया। लंबी गुफ्तगू के दौरान उन्होंने मेरी तारीफ में एक बात पर खास ज़ोर दिया। वह यह कि “मैं तो नौसिखिया समझ रहा था, लेकिन आप तो छुपे रुस्तम निकले, यह लेख मेरी उम्मीदों से कहीं आगे है।” उनकी जुबान से सुने गए कुछ तारीफी लफ़्ज़ों ने बहुत हिम्मत दी।

फोन पर बातचीत का सिलसिला कुछ यूं ही चलता रहा। अक्सर हम लोग एक दूसरे को फोन पर शेर सुनाने लगे। मैं उनसे कहा करता था कि कुछ कमी हो तो इस्लाह कर दीजिए, इस पर उनका एक ही जवाब होता था कि मैं इस्लाह तो नहीं कर सकता, लेकिन मशवरा जरूर दे सकता हूं… इन बातों से समझ में सिर्फ यही आया कि सही मायने में इसी को बड़प्पन कहते हैं। आज बेबाक अंदाज़ और अछूते रंग में शायरी करने वाले फनकार बहुत कम नजर आते हैं। वाकई आप बहुत याद आओगे…

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Someone Special
Someone Special
Ram Babu Mandal
रिश्तों का बदलता स्वरूप
रिश्तों का बदलता स्वरूप
पूर्वार्थ
💐प्रेम कौतुक-207💐
💐प्रेम कौतुक-207💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कभी लगे के काबिल हुँ मैं किसी मुकाम के लिये
कभी लगे के काबिल हुँ मैं किसी मुकाम के लिये
Sonu sugandh
नाकाम मुहब्बत
नाकाम मुहब्बत
Shekhar Chandra Mitra
जहां तक तुम सोच सकते हो
जहां तक तुम सोच सकते हो
Ankita Patel
हिन्दी की दशा
हिन्दी की दशा
श्याम लाल धानिया
मुझे तुम
मुझे तुम
Dr fauzia Naseem shad
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
हमें लगा  कि वो, गए-गुजरे निकले
हमें लगा कि वो, गए-गुजरे निकले
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
यूँही तुम पर नहीं हम मर मिटे हैं
यूँही तुम पर नहीं हम मर मिटे हैं
Simmy Hasan
इश्क
इश्क
SUNIL kumar
भारत का फौजी जवान
भारत का फौजी जवान
Satish Srijan
चाँद पर रखकर कदम ये यान भी इतराया है
चाँद पर रखकर कदम ये यान भी इतराया है
Dr Archana Gupta
तू मेरे इश्क की किताब का पहला पन्ना
तू मेरे इश्क की किताब का पहला पन्ना
Shweta Soni
आज बहुत याद करता हूँ ।
आज बहुत याद करता हूँ ।
Nishant prakhar
वरदान
वरदान
पंकज कुमार कर्ण
"शब्द"
Dr. Kishan tandon kranti
*अहिल्या (कुंडलिया)*
*अहिल्या (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तुम्हारे भाव जरूर बड़े हुए है जनाब,
तुम्हारे भाव जरूर बड़े हुए है जनाब,
Umender kumar
किसी ने दिया तो था दुआ सा कुछ....
किसी ने दिया तो था दुआ सा कुछ....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सुरक्षा
सुरक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बॉर्डर पर जवान खड़ा है।
बॉर्डर पर जवान खड़ा है।
Kuldeep mishra (KD)
किसी भी रूप में ढ़ालो ढ़लेगा प्यार से झुककर
किसी भी रूप में ढ़ालो ढ़लेगा प्यार से झुककर
आर.एस. 'प्रीतम'
चले हैं छोटे बच्चे
चले हैं छोटे बच्चे
कवि दीपक बवेजा
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
Kirti Aphale
3080.*पूर्णिका*
3080.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Quote - If we ignore others means we ignore society. This way we ign
Quote - If we ignore others means we ignore society. This way we ign
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*कमबख़्त इश्क़*
*कमबख़्त इश्क़*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...