💐प्रेम कौतुक-488💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
धन जमा करने की प्रवृत्ति मनुष्य को सदैव असंतुष्ट ही रखता है।
क़रार आये इन आँखों को तिरा दर्शन ज़रूरी है
* न मुझको चाह महलों की, मुझे बस एक घर देना 【मुक्तक 】*
किसी को नीचा दिखाना , किसी पर हावी होना , किसी को नुकसान पह
वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Khamoshi bhi apni juban rakhti h
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है उसको दूसरा कोई कि
कौन जात हो भाई / BACHCHA LAL ’UNMESH’