Comments (6)
पंकज कुमार कर्ण
Author
11 Nov 2021 11:26 AM
एक दो मात्रा में मात्र त्रुटि थी भूलवश,
अब सुधार कर लिया गया।
बहुत गलती ढूंढते हैं आप।
दूसरों की गलती को नजर अंदाज करना भी सीखिए, औरों को भी आगे जाने व जीने दें।
समीक्षा के लिए धन्यवाद।।
12 Nov 2021 06:31 AM
गलतियाॅं साहित्यिक सेवा की भावना से बस, रचनाकार की भलाई के लिए ही उजागर किया जाता है, ताकि वे सभी सदैव कुछ-न-कुछ सीख सकें ! रचनाओं की समालोचना साहित्यिक सेवा का महत्वपूर्ण भाग होता है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
कृपया अन्यथा नहीं लें एवं विचलित ना हों… खुशी-खुशी साहित्यिक सेवा में अपना योगदान करते रहें एवं सानंद रहें…. धन्यवाद ।
पंकज कुमार कर्ण
Author
12 Nov 2021 09:00 AM
जी,बिल्कुल
11 Nov 2021 10:26 AM
अच्छी है पर गणना संबंधी मापनी भार ठीक कर लें !!
बहुत सुंदर सर नमस्कार
??