महेश चन्द्र त्रिपाठी 192 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read चमत्कार होते न अचानक चमत्कार होते न अचानक, यत्न किए जाते हैं। पनस समान मनुष्य सुफल का, सौरभ फैलाते हैं।। वाग्वीर नेता पाटल सम, जन-मन मोहित करते। शिक्षक-कृषक रसाल सदृश बन, ज्योति जगत में... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 97 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read संशय ऐसा रक्तबीज है संशयात्मा के विनाश का, सूत्र मोद मन में भरता है। संशय ऐसा रक्तबीज है, जो न मारने से मरता है।। कैकेयी अम्बा के उर का, संशय वन भेजता राम को।... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 60 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read ईश्वर में आसक्ति मोक्ष है ईश्वर में आसक्ति मोक्ष है, गुणासक्ति बंधन कहलाती। गुणातीत जीवन जीते जो, मुक्ति उन्हें भी है मिल जाती।। सत-रज-तम इन तीन गुणों से, जो जन ऊपर उठ जाते हैं। माया... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 97 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read भक्त जन कभी अपना जीवन भक्त जन कभी अपना जीवन, व्यर्थ नहीं खोते हैं। उनका कर्म वही है जिससे, प्रभु प्रसन्न होते हैं।। जब तक मन बलवान जगत से, नाता कभी न टूटे। मन पर... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 90 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read काम वात कफ लोभ... काम वात, कफ लोभ, क्रोध को, पित्त कहा जाता है। रोग दूर करने में सद्गुरु, वैद्य काम आता है।। वात-पित्त-कफ तीनों से ही, मानव जीवन पाता। तीनों का सन्तुलित समन्वय,... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 78 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read आने वाला आएगा ही आने वाला आएगा ही, जाने वाला जाएगा। कोई रोक न सका किसी को, कोई रोक न पाएगा।। जो जाने वाला है उसकी, हॅंसकर करें विदाई हम। आने वाले का स्वागत... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 73 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read बच्चा बच्चा बने सपूत सब मिल करें प्रयास अकूत बच्चा बच्चा बने सपूत बच्चों के हित समय निकालें उनकी जायज मांग न टालें रोग कुपोषण से रक्षा कर करें प्रदान उन्हें बल—बूत घृणा द्वेष... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 72 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read फिर कोई मिलने आया है फिर कोई मिलने आया है आशा की उर्वरा धरा पर फिर कोई तरु मुसकाया है साँस साँस सरगम सी गुंजित करती हृदय सिंधु आलोड़ित उर उपवन की कोई कलिका नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 86 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read जय जगन्नाथ ! जय जगन्नाथ !! जय जगन्नाथ ! जय जगन्नाथ !! तव चरणों में झुक जाते हैं अनुदिन अनुक्षण अनगिनत माथ तुम जगपालक ! जगउद्धारक !! तुम जगसर्जक ! जगसंहारक !! तुम दीनबंधु ! करुणानिधान... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 83 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 2 min read करते हैं जब यत्न नारियल के रेशों को बटकर, हम रस्सी मजबूत बनाते। करते हैं जब यत्न तभी तो, पय से घी निकाल हम पाते।। यत्न करें तो कुछ न असम्भव, कठिन काम भी... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 92 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read चिन्तन के पार चला अब मैं चिन्तन के पार चला तज कर मनुहार दुलार चला अपमान मान से ऊपर उठ, लो जीती बाजी हार चला। अब फिक्र न रही पराभव की टूटे त्रिशूल या... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 62 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read बासठ वर्ष जी चुका बासठ वर्ष जी चुका, जाने कितने वर्ष और है जीना जाने कितने विष के प्याले मुझको अभी और है पीना जन्मा जाने कहां, किस तरह शैशव बचपन गया बिताया कहां-कहां... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 58 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 2 min read कविता कविता दिखती है कविता कवि की कलम पकड़कर, खुद को लिखती है। तब ही, केवल तब ही, कविता, कविता दिखती है।। कविता कवि के धर्म-कर्म में, जीवन में होती। कविता कवि के साथ-साथ... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 92 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read पूज्य पिता की पुण्यतिथि आज पुण्यतिथि पूज्य पिता की, दिनभर याद रही आती उनके शुभाशीष से ऊर्जा, मेरी कलम रही पाती उनके साथ तीर्थयात्राएं, की हैं मैंने बहुतेरी एकादश ज्योतिर्लिंगों की, उनके साथ हुई... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 1 95 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read ग़लती करना प्रकृति हमारी गलती करना प्रकृति हमारी, संस्कृति है कर लें स्वीकार अनुदिन प्रगति हमारी होगी, यदि गलती का करें सुधार अपनी गलती के कारण यदि, लगे किसी के दिल पर चोट हमें... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 53 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read करना कर्म न त्यागें कर्म अनादि, वेद प्रतिपादित, करना कर्म न त्यागें कर्मभूमि में युद्ध करें हम, होकर विमुख न भागें कर्मवीर जो कर्मनिरत रह, त्याग फलाशा देते उनसे लोग प्रेरणा पाते, सीख निरन्तर... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 79 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read आओ फिर से नेता सुभाष नेता सुभाष आओ फिर से आओ फिर से नेता सुभाष हम राष्ट्रीयता जुनून लिये उर में भावना-प्रसून लिये रग-रग में रमता खून लिये दुर्दानवता के दलन हेतु हम चाह रहे... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 51 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read है कर्तव्य हमारा मायावी को माया से ही, सदा जा सका मारा। उद्धत के सॅंग उद्धत होना, है कर्तव्य हमारा।। क्रोधी को अक्रोध से जीतें, दुर्मुख को समझाएं। दान कृपण को दें, झूठे... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 65 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read सच्चे प्रेमी कहलाते हैं निर्हेतुक निष्काम निरन्तर, प्रेमपंथ पर चलने वाले सच्चे प्रेमी कहलाते हैं, राह न कभी बदलने वाले आज यहां कल वहां भटकते, वे न कभी मंजिल पाते हैं प्रेममार्ग से सदा... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 86 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read नित्य ईश की सत्ता है यह दुनिया दुखमय अनित्य है, नित्य ईंश की सत्ता है। उसकी इच्छा बिना न हिलता, तरु का कोई पत्ता है।। उसको जहाॅं बुलाओ आता, वह समीप है दूर वही। वह... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 83 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read जीना होता आज मौज मनाएं नाचें गाएं, कर लें मन के काज मौत हमेशा कल होती है, जीना होता आज कुछ न बिगाड़ें कभी किसी का, करें सभी का मान कर्म करें ऐसे... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 72 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read मैं राग भरा मधु का बादल मैं राग भरा मधु का बादल देता दुनिया को संस्पन्दन पा रहा अहर्निश अभिनन्दन मेरे अवनी पर आने की हैं बाट जोहते मन-मरुथल संगीत -सिक्त मेरा गर्जन सुन पुलकित उपवन-उर-आनन... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 95 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read चलो गीत गाएं पानी में जीवन है, आंसू में गीत चलो गीत गाएं हम, लें जग को जीत मिले नहीं पानी तो करें अश्रुपान सत्कर्म कर बढ़ाएं भारत की शान सहन करें आतप... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 94 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read मार न सकता कोई वह मरने से डरता जिसकी, प्रज्ञा रहती सोई। जिसको जीना आता उसको, मार न सकता कोई।। उसे न बाधा-विघ्न सताते, जो हॅंसहॅंसकर जीता। मरना उसे न दुख देता जो, सुधा... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 105 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Feb 2024 · 1 min read जीवन है परिवर्तनशील धर्म नित्य, सुख- दुख अनित्य है, जीवन है परिवर्तनशील। अभय रहें जब तक जीवन है, पकड़े रहें ज्ञान की कील।। सर्वभूतहित कर्म करें सब, रहें बढ़ाते सात्विक कोष। प्रतिकूलता अगर... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 66 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 30 Nov 2023 · 1 min read क्रोधी सदा भूत में जीता क्रोधी सदा भूत में जीता, वर्तमान में कामी। लोभी जीता है भविष्य में, करता नमकहरामी।। क्रोध घटित घटना पर आकर, काम बिगाड़ा करता। अधिक क्रोध का कुफल भोगती, है सारी... Hindi · गीत 166 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 30 Oct 2023 · 1 min read जग के जीवनदाता के प्रति प्राची में हम देखते नित्य, भगवान भास्कर का प्रताप। दुनिया का हर क्रीड़ा-कौतुक, उनकी ही गतिविधि का कलाप।। वे भ्रमरों के आश्रयदाता, वे चक्रवाक का हरें शोक। वे अखिल भुवन... Hindi · कविता 1 2 111 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 21 Oct 2023 · 1 min read सबसे बढ़कर जगत में मानवता है धर्म। सबसे बढ़कर जगत में मानवता है धर्म। धार्मिक मानव कर नहीं सकता कभी कुकर्म।। विनयशीलता उर धरें पाकर कोई ज्ञान। कितने ही मर्मज्ञ हों पर न करें अभिमान।। ******** महेश... Quote Writer 74 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 21 Oct 2023 · 1 min read एक रूप हैं दो जगतपिता जगजननी दोनों एक रूप हैं दो कहलाए तुम में मुझ में भेद न कोई दोनों उसी एक के जाए उसका ही सारा जहान यह वह ही नर, वह ही... Hindi · कविता 203 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 9 Oct 2023 · 1 min read जीवन पावन प्रेम नदी है जीवन पावन प्रेम नदी है, जिसमें सतत प्रवाह। शीत ताप पावस में अविरल, जो न बदलती राह।। गति जीवन का सत्य चिरन्तन, नदी संचरणशील। धारा भले पृथुल या कृश हो,... Hindi · गीत 1 148 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 7 Oct 2023 · 1 min read सत्साहित्य सुरुचि उपजाता, दूर भगाता है अज्ञान। सत्साहित्य सुरुचि उपजाता, दूर भगाता है अज्ञान। रोग-शोक से रक्षा करता, देता मानव को पहचान। परोपकार का पाठ पढ़ाकर, भरता हिय में नव उन्मेष, स्वावलंबन की दिशा दिखाता, और बनाता... Quote Writer 194 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 7 Oct 2023 · 1 min read सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष। सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष। जो हममें भरता रहता है नव्य प्रेरणा नूतन जोश।। सत्यं शिवं सुन्दरं को ही कहते हैं हम सत्साहित्य , सतत अध्ययन अनुशीलन... Quote Writer 295 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Oct 2023 · 1 min read धरी नहीं है धरा धरी नहीं है धरा कहीं पर यह सदैव गतिमय है। इसके अपने स्वर-व्यंजन हैं इसकी अपनी लय है।। इस पर लहराते हैं सागर रत्नाकर कहलाते। कभी ज्वार-भाटा से दोलित कभी... Hindi · कविता 1 2 132 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 29 Sep 2023 · 1 min read मेरा हृदय खुली पुस्तक है मेरा हृदय खुली पुस्तक है पर इसमें कुछ लिखा नहीं है लिखा वही खोजता कि जिसने स्वाद प्रेम का चखा नहीं है जिसने जाना स्वाद प्रेम का वह न कभी... Hindi · गीत 1 142 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 27 Sep 2023 · 1 min read तभी भला है भाई 💐💐💐 तभी भला है भाई 💐💐💐 ********************************* दूर नशे से रहना सीखें, तभी भला है भाई नशा छोड़ने की तुमने क्यों, कसम न अब तक खायी? सभी तरह का नशा... Hindi · गीत 158 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 27 Sep 2023 · 1 min read कर्मफल कौन चुराता नहीं चांदनी, धूप नहीं लेता है लूट हम सब चोर लुटेरे ही हैं, रब देता है हमको छूट पाप सभी धोते गंगा में, ललचाते हैं लखकर रूप आप्तवचन... Hindi · कविता 1 136 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 17 Sep 2023 · 1 min read मेरे हाथों में प्याला है मेरे हाथों में न निवाला मेरे हाथों में प्याला है राम नाम मणि बसी हृदय में भीतर बाहर उजियाला है क्षुधा प्रशान्त हो गयी मेरी अब न चाहिए मुझको पानी... Hindi · गीत 155 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 16 Sep 2023 · 1 min read आदमीयत चाहिए आदमी में आदमीयत चाहिए आदमी में नेक आदत चाहिए ज़िन्दगी कट जाय केवल इसलिए आदमी के पास दौलत चाहिए हो कभी अम्बार दौलत का नहीं आदमी का भाव आरत चाहिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 111 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 15 Sep 2023 · 1 min read मायावी संसार हार सुनिश्चित है, दुनिया में जीत नहीं होती। मायावी संसार, वास्तविक प्रीत नहीं होती।। धोखे ही धोखे, हैं इसमें बहुत समस्याएं। यदि आगे बढ़ना चाहें तो अगणित बाधाएं।। सहज सफलता... Hindi · गीत 232 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 10 Sep 2023 · 1 min read श्रद्धावान बनें हम लेकिन, रहें अंधश्रद्धा से दूर। श्रद्धावान बनें हम लेकिन, रहें अंधश्रद्धा से दूर। जाँच-परख आचरण की करें, तब श्रद्धालु बनें भरपूर।। कितने ही ढोंगी पाखण्डी, करते श्रद्धा का दोहन, उनसे बचें, बचाएँ जग को, कर... Quote Writer 388 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 9 Sep 2023 · 1 min read मेहनत कड़ी थकान न लाती, लाती है सन्तोष मेहनत कड़ी थकान न लाती, लाती है सन्तोष मेहनत करते रहें निरन्तर, मिट जाएंगे दोष मेहनत का फल मिलता ही है, आज नहीं तो कल जो मेहनत करता है, उसका... Quote Writer 374 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 8 Sep 2023 · 1 min read जिसकी जिससे है छनती, जिसकी जिससे है छनती, उसकी उससे है बनती। बनती बात बिगड़ जाती, जब छनते छनते ठनती।। महेश चन्द्र त्रिपाठी Quote Writer 1 120 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 5 Sep 2023 · 1 min read हम सम्मान करें गुरुओं का आओ ममतारहित बनें हम, मुक्ति मान से पाएं। हम सम्मान करें गुरुओं का, उनको माथ नवाएं।। लगन सफलता की आत्मा है, यह हम कभी न भूलें। संकल्पी बन यत्न करें... Hindi · गीत 51 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 4 Sep 2023 · 1 min read झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते। झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते। विचलित होते सामान्य पुरुष, नरवीर सुशान्त तने रहते।। हम पढ़ते प्रतिदिन पाठ यही, हर मुश्किल में मुस्काने का, जीवन भंगुर, ध्रुव मरण... Quote Writer 322 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 3 Sep 2023 · 1 min read मुक्तक मुक्तक ****** कवि को आदर्श सुझावो मत, उसको यथार्थ में जीने दो। जो मिले सुधा या सुरा उसे, उसको मस्ती में पीने दो।। उसकी लय-गति पर ध्यान न दो, गाने... Quote Writer 335 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 2 Sep 2023 · 1 min read आओ हम सपने देखें आओ हम सपने देखें, इसमें कुछ खर्च न आता। बड़े से बड़ा सपना भी, बिन मोल दिए मिल जाता।। सपने चरितार्थ करें हम, अपनी कोशिश के बूते। हम चलते रहें... Hindi · गीत 1 171 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 1 Sep 2023 · 1 min read होगी विजय हमारी अहंकार के हाथी की हम, कभी न करें सवारी। विनम्रता के ब्रह्म-अस्त्र से, होगी विजय हमारी।। उदारता की राह पर चलें, बोलें मीठी वाणी। प्रणति निवेदन करें बड़ों को, वर... Hindi · गीत 1 98 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 1 Sep 2023 · 1 min read पता नहीं कब लौटे कोई, पता नहीं कब लौटे कोई, पता नहीं कब लौट न पाए। पता नहीं कब किस हालत में, अपना हाथ तंग हो जाए।। पता नहीं कब डूब रहे को, तिनका देने... Quote Writer 252 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 31 Aug 2023 · 1 min read जीवन उत्सव मृत्यु महोत्सव जीवन उत्सव, मृत्यु महोत्सव, आओ नित्य मनाएं हम। काम-क्रोध-भय के भूतों को, उर से दूर भगाएं हम।। विस्मृत कर वाणी की कटुता, द्वार चेतना के खोलें। किसी एक के नहीं,... Hindi · गीत 202 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 31 Aug 2023 · 1 min read पाला जाता घरों में, वफादार है श्वान। पाला जाता घरों में, वफादार है श्वान। रखता है वह स्वयं में, उपयोगिता महान।। उपयोगिता महान, न सोता सुधबुध खोकर। जीता है जिन्दगी, सतत स्वामी का होकर।। भैरव का प्रिय... Quote Writer 416 Share Previous Page 2 Next