शिवम राव मणि 99 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read ज़िंदगी भी क्या है? जिंदगी भी क्या है ? ज़रा से फासलों में कई रंग लिए है । एक पल महरूम है, तो दुसरे ही पल बहती नीर है, पानियों सी बेरंग है, जिस... Poetry Writing Challenge-2 1 46 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read अगर हो तुम अगर हो तुम मुझमें कहीं , हो तुम मुझमें बैठे वहीं, जहाँ मेरी अर्जीयाँ जाती हैं तुमसे मिलने, तड़पती हैं तुम्हारे आँगन में, गुँजती हैं तुम्हारे घर, आकर मेरी देह... Poetry Writing Challenge-2 1 87 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read ये जाने कौन? धीरे-धीरे ये जग महका दे मैं इतना मानूँ , ये जाने कौन ? फिर बार-बार कोई खेरियत रंग दे , कई रंगों से, ये कौन रंग दे ? ना जाने... Poetry Writing Challenge-2 1 35 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read कहां याद कर पाते हैं कहाँ याद कर पाते हैं उन भूले-बिसरे दिनों को, शैतानियों से भरी अटखेलियों को, माँ के दुलार को, सुबह के आलस को, बैठे-बैठे जहाँ दिन गुजरते थे उस आँगन को,... Poetry Writing Challenge-2 63 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read भय की शिला चित्त को अपने लोह बनाकर, भय की शिला को तोड़ दे आज । खुलने दे वो गिरह जो कब से है मन के भीतर कश्मकश-सी, कलह-सी जो डराती हैं, रुलाती... Poetry Writing Challenge-2 36 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read तुम यानी मैं तुम, यानि मैं। कुछ कहना तो आहिस्ते से कहना खुदा से कभी दो लफ्ज़ भी । कोई नहीं, मगर खुदा सुनता है हर वो ख्याल जो मन ही मन बुदबुदाते... Poetry Writing Challenge-2 48 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read घुटन घुटन घुटता है दर-दर जिस्मो जिगर, घुटता है मन, हर दिल बा-सफ़र । घुटती हैं कुछ यादें, कुछ नुमाईशें भी घुटता है तो यूँ ज़िन्दगी का बसर ।। घुटता है... Poetry Writing Challenge-2 41 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read ये अच्छी बात है यह अच्छी बात है शहरों के मुकाबले गाँव की एक अच्छी बात है । कि यहाँ लोग जल्दी सो जाते हैं, जल्दी खाना खा लेते हैं, चैन से साफ आसमान... Poetry Writing Challenge-2 1 36 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read कैसी ये शिकायतें? कैसी ये सिकायते कैसी ये शिकायतें ? जरा आज कहिए, दागी उतनी ही लगेगी जितनी पहले मिली थी । कानाफूसीयों का कहना जरा आज समझिए, दिल पर उतनी ही बीतेगी... Poetry Writing Challenge-2 39 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read कभी पास तो कभी दूर जाता है बार बार ज़हन में ख्याल आता है। कभी पास तो कभी दूर जाता है। छूता है आकर बहुत करीब से, और कभी यूँ ही गुज़र जाता है। तन्हा मैं नही... Poetry Writing Challenge-2 43 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read दरख़्त के साए में दरख्त के साये में, कभी-कभी रौशनी 'झिलमिलाती है। रास्ते का इक तन्हा वो दरख्त जिसकी बूढ़ी टहनियों पर कभी परिन्दों ने घर बनाएं तो कभी घर उजाड़े भी हैं। कभी... Poetry Writing Challenge-2 69 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read दरमियान तेरे मेरे ( गीत) कर रहें हैं गुफ्तगू अबसार दरमियान तेरे मेरे इजहार हो रहा है प्यार दरमियान तेरे मेरे। राज़ ए दिल मेरे सभी ज़ाहिर होने को है, ये सावन न मद्धम ना... Poetry Writing Challenge-2 30 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read इक्षाएं इच्छाएं किसी के जीवन को ख़त्म नही करती ये तो सबूत हैं हमारी मौजूदगी का एक ऐसी दुनिया में जहां कई लोग अपनी आँखों पर पट्टी बांधे हुए झुक रहे... Poetry Writing Challenge-2 29 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read आशाएं आशाएं, इन्हें शायद ही कुछ शब्दों में बयां किया जा सकता हो कविताओं में,छंदों के चंद टुकड़ों में और कोई वादक अपनी तालों में बिठाकर संगीत के लय में पूरी... Poetry Writing Challenge-2 33 Share शिवम राव मणि 21 Feb 2024 · 1 min read पास आए हो तुम जेड गीत पास आये हो तुम दोस्ती बनकर, दूर ना जाना अजनबी बनकर। परेशां दिल के अधरों पे कभी मुस्काये नही जहां लफ्ज़ एक भी ठहर गये वहां तुम हंसी बनकर। तन्हा... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 54 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read क्या कहूं? परेशां दिल की जुबां, क्या कहूँ। हुई बेरंग दास्तां, क्या कहूँ। अभी भी है वही धुंधली नज़र, और है वही निगेहबां, क्या कहूँ। कब से ना मिले किसी दोस्त से,... Poetry Writing Challenge-2 2 63 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read कुछ बूंदें अवसाद के काले धब्बों को चेहरे से मिटाने लगी हैं, कुछ बूंदे बादलों से रिसकर माथे पे ठहरे सूखे दर्प को धोने लगी है, कुछ बूंदे कुछ ठण्डी हवाओं में... Poetry Writing Challenge-2 1 58 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read किसी ओर दिन फिर किसी ओर दिन फिर खियांबों की सदाएं महक जाएंगी। दुनिया की नफरत.. मोहब्बत के गुलिस्तान में दूर तक भटक जाएगी। किसी ओर दिन अधरों पर मुस्कराहट हिचकिचाहट में कुछ ओर... Poetry Writing Challenge-2 1 82 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read मन की सुराही कहीं खाली पड़ी है मन की सुराही अनबुझ रास्तों पर, कहीं यादें खो गई हैं। असफार से लोटा हुआ ये मायूस दिल की धड़कने कहीं, जिस्म में दब गई है।... Poetry Writing Challenge-2 1 66 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read इंतजार चाँद का जब धीरे- धीरे आसमान के एक छोर पर उभरते हुए दीदार होता है तो दूसरे छोर से उसे ताक रही दो आँखे किसी अपने के एतबार में अक्सर... Poetry Writing Challenge-2 1 39 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read नई कली नई कलियों के खिलने के बाद जब पखुड़ियाँ खुलकर सूरज की रौशनी को अपने आगोश में लेने लगी और जब भँवरे, तितलियाँ उसके चारों ओर मंडराने लगी तब फूलों की... Poetry Writing Challenge-2 47 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read गुलिस्तान के फूल गुलिस्तां में भी एक ज़िन्दगी है जिसमें कूछ फूल खिलने के बाद भी मायूस रहते हैं कुछ खिलने तक मुरझा जाते हैं कुछ खिलते खिलते उड़ान भरते हैं कुछ परवाज़... Poetry Writing Challenge-2 55 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read कई एहसास बिन बताए ही कई एहसास बिन बताए ही ख्वाबों में आकर, गुफ्तगू करके चले गए। थकी थकी पलकें यूँ मुरझाई पलकें ढक लेती हैं जब जब आंखों को आहिस्ते से तो ख्वाबों की... Poetry Writing Challenge-2 1 36 Share शिवम राव मणि 20 Feb 2024 · 1 min read कोई शहर बाकी है शायद अभी भी एक कसर बाकी है। इस सफर में कोई शहर बाकी है। देख चुके हैं कई मोहल्ले-गली, बस अनजान अपना घर बाकी है। कई इंसा मील कई फरेब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 36 Share शिवम राव मणि 23 Jan 2024 · 1 min read इंतजार बाकी है सुबह का शाम से यूँ इतजार बाकी है खौफ में जिन्दगी खुशियों में आधी है अभी कुछ धुधला है फलक दूर तक अभी मयस्सर कुछ रास्ते अधूरे भी है अभी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 74 Share शिवम राव मणि 28 May 2023 · 1 min read यथार्थ रूप भाग 4 किसी से घृणा का भाव सदैव उस मार्ग की ओर ले जाता है जहाँ एक छोटी, परन्तु तीक्ष्ण किरण हमारे उस विचार को उजागर करती है जो क्रोध में आकर... Poetry Writing Challenge 83 Share शिवम राव मणि 28 May 2023 · 1 min read यथार्थ रूप भाग 3 मन को संकुचित कर, अपनी आवश्यकताओं को एक बीज की भाँती ह्रदय में दबाकर स्वार्थभाव से विहीन होते हुए, प्रकाश के समरूप एक उद्धृत स्वभाव जब विपदाओं में घिरकर प्रगति... Poetry Writing Challenge 180 Share शिवम राव मणि 28 May 2023 · 1 min read यथार्थ रूप भाग 2 चरित्र का व्याख्यान ना तो व्यग्र, ना ही सूझ-बूझ और ना ही ह्रदय की कोमलता कर सकती हैं। जबकि व्यवहारिक तौर पर अस्तित्व का ज्ञान किसी के स्वभाव को अधूरा... Poetry Writing Challenge 182 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read यथार्थ रूप भाग 1 निश्छलता को जन्म देती हुई जब एक आस, मन में ठहरती है तो चिंताओं के उष्ण में जलते हुए वह धूं-धूं करती दुविधाओं में तपकर, तामस की तरह अभेद हो... Poetry Writing Challenge 160 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read मैं क्या उदधि पाऊंगा? बूँद भरके भी, मैं क्या उदधि पाऊँगा? अचरज होता है रोज और रोज एक विश्वास बनता है, बिलकुल ही शांत सुबह के उस खास लम्हें को देखकर जब चिड़िया चहचहाती... Poetry Writing Challenge 138 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read कितने दिनों बाद आज वाकई कितने दिनों बाद, सुकुन भर नींद मिली। ना ही वो रात चुभी ना ही कोई बैचेनी हुई ना ही वो दर्द उठा और ना ही बेवजह आँखें खुली।... Poetry Writing Challenge 157 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read जिंदगी भी क्या है? जिंदगी भी क्या है? ज़रा से फासलों में कई रंग लिए है। एक पल महरूम है, तो दूसरे ही पल बहती नीर है, पानीयों सी बेरंग है, जिस ओर बहलाओं... Poetry Writing Challenge 261 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read ऐसा एक ख्याल है ऐसा एक ख्याल है, कि कभी रोज, जब ये सूरज नहीं दिखेगा बादलों के सहारे जब उजाला बिखरेगा सड़कों पर कोई छाया धुंधली सी होगी, मन में इश्रत की चाह... Poetry Writing Challenge 226 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read कभी जिए होते आकाश में कभी बेशक जिए होते आकाश में तो खुलकर जिए होते जीने की आरजू पर पहली बूँद लिए होते तो भीग जाते खुशियों की झामाझोर में उन्हें बादलों से छीन लिये... Poetry Writing Challenge 185 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read अगर हो तुम अगर हो तुम मुझमे कहीं, हो तुम मुझमें बैठे वहीं, जहाँ मेरी अर्जीयां जाती हैं तुमसे मिलने, तड़पती हैं तुम्हारे आँगन में, गुंजती हैं तुम्हारे घर आकर मेरी देह में,मेरी... Poetry Writing Challenge 68 Share शिवम राव मणि 27 May 2023 · 1 min read मेरे वेदन पुकार से मेरे वेदन पुकार से, गूंजेगा, ऊँचा तेरा भवन विशाल । शोभित है दुखों की माला इन्हें पहन मुझमें शोभा कैसी, छुआ है हर पहर तुम्हारे बिन यह महसूस कर आया... Poetry Writing Challenge 125 Share शिवम राव मणि 23 May 2023 · 1 min read उठो तुम उठो, उठो तुम ओ! अघात हुए मन उठो तुम। हाँ माना संकट तो है तुम चोटिल भी हो चुके हो निराशा से उदास भी हो और कोशिशों से हार चुके... Poetry Writing Challenge 32 Share शिवम राव मणि 21 May 2023 · 1 min read गुमानी एहसास कई एहसास बिन बताए ही ख्वाबों में आकर, गुफ्तगू करके चले गए। थकी थकी पलकें यूँ मुरझाई पलकें, ढक लेती हैं जब जब आंखों को आहिस्ते से, तो ख्वाबों की... Poetry Writing Challenge · कविता 233 Share शिवम राव मणि 20 May 2023 · 1 min read अंतः परिचय निरन्तर गहरे एक अन्धक सफर में, मैंने एक रोशनी को पहचाना है जो झिलमिलाती हुई बहुत दूर, या नज़दीक मेरे कहां है ? मुझे यह मालूम नहीं, मगर मेरे और... Poetry Writing Challenge · कविता 1 2 98 Share शिवम राव मणि 10 Feb 2023 · 1 min read कुछ बूंदे अवसाद के काले धब्बों को चेहरे से मिटाने लगी हैं, कुछ बूंदे बादलों से रिसकर माथे पे ठहरे सूखे दर्प को धोने लगी है, कुछ बूंदे। कुछ ठण्डी हवाओं में... Hindi 100 Share शिवम राव मणि 28 Nov 2022 · 4 min read अनाथ भाग 2 राज़ पैकेट लेकर अपने घर आ जाता है। वो घबराया हुआ आंगन में बैठा उसी बच्ची के बारें में सोचना शुरू कर देता है। तभी राज़ की पत्नी कल्याणी उसके... Hindi · Mystery 1 94 Share शिवम राव मणि 27 Nov 2022 · 2 min read अनाथ भाग 1 समय- सन 2000, उत्तरप्रदेश के विभाजन से पहले, पुराना हरिद्वार ‘क्या हुआ राज़, तुम इसे मारते क्यों नही? ये तुम्हारा पहला मर्डर थोड़ी है। ‘ राज़ ने पीछे मुड़ के... Hindi · Mystry · रोमांचित 1 130 Share शिवम राव मणि 31 Aug 2022 · 1 min read गुमानी एहसास कई एहसास बिन बताए ही ख्वाबों में आकर, गुफ्तगू करके चले गए। थकी थकी पलकें यूँ मुरझाई पलकें, ढक लेती हैं जब जब आंखों को आहिस्ते से तो ख्वाबों की... Hindi · कविता 3 115 Share शिवम राव मणि 14 Feb 2021 · 1 min read कोई शहर बाकी है शायद अभी भी एक कसर बाकी है। इस सफर में कोई शहर बाकी है। देख चुके हैं कई मोहल्ले-गली, बस अनजान अपना घर बाकी है। कई इंसा मिले कई फरेब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 308 Share शिवम राव मणि 13 Feb 2021 · 1 min read क्या कहू परेशां दिल की जुबां, क्या कहूँ। हुई बेरंग दास्तां, क्या कहूँ। अभी भी है वही धुंधली नज़र, और है वही निगेहबां, क्या कहूँ। कब से ना मिले किसी दोस्त से,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 305 Share शिवम राव मणि 10 Feb 2021 · 1 min read सियासत जरूरी है जब कभी किसी परिवार में दुर्भाग्य पूर्ण जायदाद को लेकर बहस होती है। तो अक्सर भाई , बहन और रिश्ते दारों के बीच विरोध की भावना पैदा हो जाती है।बस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 253 Share शिवम राव मणि 6 Feb 2021 · 1 min read ये वो शाम है यह वो शाम है, जब आफताब उफ्क़ के पीछे छुपता जाता है तो फलक के कई राज़ खोल देता है। जब नज़र के सामने, फलक का एक टुकड़ा हल्के नीले... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 67 470 Share शिवम राव मणि 16 Sep 2020 · 4 min read लाल सफेद बस एंड द लास्ट सीट बीच जंगल में यात्रियों से भरी बस अचानक रुक जाती है। थोड़ा वक्त गुजरने पर भी बस नहीं चल पाती। सभी यात्री परेशान होकर धीरे-धीरे बस से उतरने लगे। कुछ... Hindi · कहानी 1 1 258 Share शिवम राव मणि 1 Sep 2020 · 1 min read सोचता हूं कि क्या लिखूं? सोचता हूं कि क्या लिखूं? कोई अल्फ़ाज़ या दास्तान लिखूं। पढ़ा कोई किस्सा लिखूं या सुना हुआ फरिश्ता लिखूं कि महसूस होता हर एहसास लिखूं या पल पल का अंदाज... Hindi · कविता 2 2 296 Share शिवम राव मणि 31 Aug 2020 · 1 min read उठो तुम उठो, उठो तुम ओ! अघात हुए मन उठो तुम हाँ माना संकट तो है तुम चोटिल भी हो चुके हो निराशा से उदास भी हो और कोशिशों से हार चुके... Hindi · कविता 4 272 Share Page 1 Next