Comments (4)
13 Feb 2021 02:28 PM
बहुत ही सुंदर पंक्तियां? कृपया मेरी कविता ‘मैं इश्कबाज़ नहीं’ को पढ़ें और वोट या प्रतिक्रिया या दोनों दे मेरा उत्साहवर्धन करें?
शिवम राव मणि
Author
14 Feb 2021 07:48 PM
जी कर दिया है
कोई मिलता है तो अब अपना पता पूछता हूं ,
मैं तेरी खोज में खुद से भी परेजाँँ निकला ,
क्या भला मुझको परखने का नतीज़ा निकला , ज़ख्म़े दिल आपकी नज़रों से भी गहरा निकला ,
श़ुक्रिया !
बहुत खूब सर