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20 Feb 2024 · 1 min read

मन की सुराही

कहीं खाली पड़ी है
मन की सुराही
अनबुझ रास्तों पर,
कहीं यादें खो गई हैं।

असफार से लोटा हुआ
ये मायूस दिल की
धड़कने कहीं,
जिस्म में दब गई है।

कहीं जोरों पर हैं
अजियत की तमाम कोशिशें
तो सुलझन में कहीं,
ओर गिरह बंध गई है।

Language: Hindi
1 Like · 42 Views
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