अगर कभी अपनी गरीबी का एहसास हो,अपनी डिग्रियाँ देख लेना।
अगर कभी अपनी गरीबी का एहसास हो,अपनी डिग्रियाँ देख लेना।
कभी लगे कि हिम्मत हार गये हो,मां-बाप की तरफ देख लेना।
कभी लगे,बहुत अकेले हो गये हो,दोस्तों की ओर देख लेना और जब लगे कि जीवन में कुछ भी देखने योग्य नहीं, तो अपने इष्ट की ओर ध्यान केंद्रित करना।