Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2024 · 1 min read

अभी सत्य की खोज जारी है…

क्या लिया यहाँ क्या दिया यहाँ
बस अर्थ चक्र में फँसा रहा।
किस हेतु जीवन जी रहा
कुछ पता नहीं बस लगा रहा।
मैं काम क्रोध की अग्नि में
जीवन भर जलता रहा।
ना स्वयं को जान सका
ना ईश्वर को पहचान रहा।
जन्म – मरण के पलड़े पर
यम का पलड़ा भारी है ।
ये समय जरा तू ठहर जा
अभी सत्य की खोज जारी है…

दिन रात और सुबह शाम
बस काम किया और नाम किया।
मान सम्मान प्रतिष्ठा का
जी भरकर गुणगान किया।
मुक्त गगन के पंछी को
क्यों बंधन से जंजाल किया।
मिथ्या अभिमान के खातिर
मैंने स्वयं को अनजान किया।
अनभिज्ञ रहा वह जान सकूँ
यह आत्म की ललकारी है।
ये समय जरा तू ठहर जा
अभी सत्य की खोज जारी है…

जरा मोह पाश के बंधन से
छुटू तो एक पल के लिए।
लालच लोभ की दुनिया से
विरक्त होकर देखु जरा।
मुझे संतो की अब वाणी को
सुनकर कुछ पुण्य कमाना है।
सतगुरु मिले मझधार जरा
मुझे भवसागर तर जाना है।
चक्षु ज्ञान के खुले तभी
जब काया बल से हारी है।
ये समय जरा तू ठहर जा
अभी सत्य की खोज जारी है…

– विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’

3 Likes · 4 Comments · 45 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुबह-सुबह की बात है
सुबह-सुबह की बात है
Neeraj Agarwal
#पैरोडी-
#पैरोडी-
*Author प्रणय प्रभात*
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
लक्ष्मी सिंह
श्रेष्ठ वही है...
श्रेष्ठ वही है...
Shubham Pandey (S P)
तू सीमा बेवफा है
तू सीमा बेवफा है
gurudeenverma198
** चिट्ठी आज न लिखता कोई **
** चिट्ठी आज न लिखता कोई **
surenderpal vaidya
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
आर.एस. 'प्रीतम'
मैं कौन हूँ?मेरा कौन है ?सोच तो मेरे भाई.....
मैं कौन हूँ?मेरा कौन है ?सोच तो मेरे भाई.....
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
2756. *पूर्णिका*
2756. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हारो बेशक कई बार,हार के आगे झुको नहीं।
हारो बेशक कई बार,हार के आगे झुको नहीं।
Neelam Sharma
*यहाँ पर आजकल होती हैं ,बस बाजार की बातें ( हिंदी गजल/गीतिक
*यहाँ पर आजकल होती हैं ,बस बाजार की बातें ( हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
Dr. Man Mohan Krishna
इश्क़ में ज़हर की ज़रूरत नहीं है बे यारा,
इश्क़ में ज़हर की ज़रूरत नहीं है बे यारा,
शेखर सिंह
💐प्रेम कौतुक-258💐
💐प्रेम कौतुक-258💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
“मत लड़, ऐ मुसाफिर”
“मत लड़, ऐ मुसाफिर”
पंकज कुमार कर्ण
" कविता और प्रियतमा
DrLakshman Jha Parimal
मन से चाहे बिना मनचाहा नहीं पा सकते।
मन से चाहे बिना मनचाहा नहीं पा सकते।
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तन्हा
तन्हा
अमित मिश्र
ग़म भूल जाइए,होली में अबकी बार
ग़म भूल जाइए,होली में अबकी बार
Shweta Soni
ईद मुबारक़ आपको, ख़ुशियों का त्यौहार
ईद मुबारक़ आपको, ख़ुशियों का त्यौहार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
abhinandan
abhinandan
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रश्न - दीपक नीलपदम्
प्रश्न - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
बचपन
बचपन
Vivek saswat Shukla
सब कुछ खत्म नहीं होता
सब कुछ खत्म नहीं होता
Dr. Rajeev Jain
उपेक्षित फूल
उपेक्षित फूल
SATPAL CHAUHAN
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मुझे पढ़ने का शौक आज भी है जनाब,,
मुझे पढ़ने का शौक आज भी है जनाब,,
Seema gupta,Alwar
"विनती बारम्बार"
Dr. Kishan tandon kranti
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
Ashwini Jha
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
Phool gufran
Loading...