तुम कब आवोगे
तेरा है मुझको इंतजार।
मुझको है तुमसे बहुत प्यार।।
मेरा सब कुछ है तुमपे कुर्बान।
मिलना है मुझको तुमसे यार।।
तुम कब आवोगे, तुम कब आवोगे।- 2
तेरा है मुझको———————।।
रोज मेरे ख्वाब में तुम आते हो।
नींद में मुझको बेचैन करते हो।।
मुझको बहुत ही तुम तड़पाते हो।
क्यों नहीं करीब मेरे तुम आते हो।।
दिल है मेरा बेकरार।
करता हूँ इंतजार।।
सुन ले तू मेरी पुकार।
मिलना है मुझको तुमसे यार।।
तुम कब आवोगे, तुम कब आवोगे।- 2
तेरा है मुझको———————।।
तू है खूबसूरत, सच कहता हूँ।
मैं तुमको अपना चांद कहता हूँ।।
तारीफ तुम्हारी सबसे करता हूँ।
तुमको मैं अपनी जान कहता हूँ।।
लिखे हैं तुमको खत मैंने हजार।
पढ़ना तुम भी उनको एक बार।।
महफ़िल तुम्हारी है यहाँ तैयार।
मिलना है मुझको तुमसे यार।।
तुम कब आवोगे, तुम कब आवोगे।- 2
तेरा है मुझको———————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)