MITHILESH RAI 503 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 9 Next MITHILESH RAI 5 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी सूरत का मैं दीवाना हूँ कबसे! तेरी बेताबी का परवाना हूँ कबसे! अंजामे-बेरूखी से बिखरी है जिन्दगी, जख्मे-तन्हाई का अफसाना हूँ कबसे! मुक्तककार- #महादेव'(24) Hindi · मुक्तक 232 Share MITHILESH RAI 5 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी बेखुदी को कोई नाम न देना! मेरी तमन्नाओं को इल्जाम न देना! बहके हुए इरादों को तड़पाना न कभी, सुलगी हुई तन्हाई की शाम न देना! मुक्तककार- #महादेव'(23) Hindi · मुक्तक 425 Share MITHILESH RAI 4 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक कबसे तड़प रहा हूँ तुमको याद करते करते! कबसे तड़प रहा हूँ मैं फरियाद करते करते! बैठा हुआ हूँ मुद्दत से तेरे इंतजार में, कबसे जिन्द़गी को मैं बरबाद करते... Hindi · मुक्तक 280 Share MITHILESH RAI 3 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी यादों के कदम रुक नहीं पाते! तेरी जुल्फों के सितम रुक नहीं पाते! रोशनी उम्मीद की रहेगी कबतलक? तेरी चाहत के वहम रुक नहीं पाते! मुक्तककार- #महादेव'(22) Hindi · मुक्तक 335 Share MITHILESH RAI 2 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक कभी तो तेरे लब पर मेरा नाम आएगा! कभी तो मेरी चाहत का पैगाम आएगा! खींच लेगी तुमको कभी यादों की खूशबू, कभी तो तेरी नजरों का सलाम आएगा! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 590 Share MITHILESH RAI 31 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक जिन्दगी जब मेरी खामोशियों में होती है! शाम-ए-गुजर मेरी मदहोशियों में होती है! जब भी याद आता है दौर तमन्नाओं का, रात तन्हा गम की सरगोशियों में होती है! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 220 Share MITHILESH RAI 31 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक खामोश नजरों के नजारे बोलते हैं! खामोश लहरों के किनारे बोलते हैं! मुश्किल है कह देना लबों से चाहत को, खामोश कदमों के इशारे बोलते हैं! मुक्तककार- #महादेव'(23) Hindi · मुक्तक 245 Share MITHILESH RAI 30 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तुझे मैं ढूँढता हूँ कहाँ कहाँ पर? कदम यादों के हैं जहाँ जहाँ पर! दर्द की मिनारें हैं मौजूद जिसजगह, जिन्दगी भी दफ्न है वहाँ वहाँ पर! मुक्तककार- #महादेव' Hindi · मुक्तक 446 Share MITHILESH RAI 29 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तुझको देखना मुझको सुकून देता है! तुझको सोचना मुझको जुनून देता है! जिन्दा है अभी नजरों में ख्वाब का शजर, तुझको चाहना मुझको मजमून देता है! मुक्तककार- #महादेव'(23) Hindi · मुक्तक 344 Share MITHILESH RAI 29 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक कभी राहे-जिन्दगी में बदल न जाना तुम! कभी गैर की बाँहों में मचल न जाना तुम! सूरत बदल रही है हरपल तूफानों की, कभी हुस्न की आँधी में फिसल न... Hindi · मुक्तक 441 Share MITHILESH RAI 28 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तुमसे मैं हरवक्त बात किया करता हूँ! यादों से मैं मुलाकात किया करता हूँ! हर ख्वाब तड़पाता है बेइंतहा मुझको, गम से गुफ्तगूँ हर रात किया करता हूँ! मुक्तककार- #महादेव'(23) Hindi · मुक्तक 418 Share MITHILESH RAI 26 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी आरजू का कैसा ये असर है? ख्वाबों का सफर भी जैसे एक कहर है! जिन्दगी बेचैन है चाहत में हरपल, धड़कनों में शामिल यादों की लहर है! मुक्तककार- #महादेव'(22) Hindi · मुक्तक 443 Share MITHILESH RAI 26 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक दौर-ए-सितम में सभी यार चले जाते हैं! दौरे-ए-सितम में वफादार चले जाते हैं! हर आदमी की जिन्दगी लेती है करवटें, हौसले मंजिल के बेकार चले जाते हैं! मुक्तककार- #महादेव' Hindi · मुक्तक 241 Share MITHILESH RAI 25 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे सिवा दिल में कोई आता नहीं है! कारवाँ तेरी यादों का जाता नहीं है! रूठी हुई है मंजिल तकदीर से लेकिन, तेरे सिवा मुझको कोई भाता नहीं है! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 472 Share MITHILESH RAI 23 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक मत पूछो अंजाम तेरे जाने के बाद! मैं खुद को ढूँढता हूँ पैमाने के बाद! मेरी हँसने की तमन्ना होती है मगर, मैं रोता हूँ हरबार मयखाने के बाद! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 224 Share MITHILESH RAI 23 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी जुदाई से मैं हरपल डर रहा हूँ! तेरी बेरुखी से मैं हरपल मर रहा हूँ! कबसे भटक रहा हूँ मैं तेरे ख्यालों में, शामें-मय़कशी तेरे नाम कर रहा हूँ!... Hindi · मुक्तक 1 276 Share MITHILESH RAI 21 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे लिए मैं अपना ठिकाना भूल जाता हूँ! तेरे लिए मैं अपना जमाना भूल जाता हूँ! मदहोश हो चुका हूँ तेरी चाहत में इतना, तेरे लिए जाम का पैमाना भूल... Hindi · मुक्तक 318 Share MITHILESH RAI 20 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तुम मेरी जिन्दगी की तस्वीर हो! तुम मेरी मंजिलों की तकदीर हो! तेरी हर अदा है मेरे ख्याल में, तुम मेरी चाहतों की जागीर हो! मुक्तककार- #महादेव'(20) Hindi · मुक्तक 334 Share MITHILESH RAI 19 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक कभी जिन्दगी खुशी का पैगाम देती है! कभी जिन्दगी ख्वाबों का सलाम देती है! रस्म की जंजीरें हैं राहों में हरतरफ, ख्वाहिशों को जख्मों का ईनाम देती है! मुक्तककार- #महादेव'... Hindi · मुक्तक 294 Share MITHILESH RAI 17 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक कई बार सोचता हूँ आखिरी बार तुमको! कई बार देखता हूँ आखिरी बार तुमको! मुमकिन नहीं है रोकना तेरी तमन्ना को, कई बार खोजता हूँ आखिरी बार तुमको! मुक्तककार- #महादेव'(25) Hindi · मुक्तक 439 Share MITHILESH RAI 17 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक हम हँसते हुए जीते हैं कभी रोते भी! हम मंजिल को पाते हैं कभी खोते भी! कभी मिल जाती है हर खुशी तकदीर से, कभी जिन्द़गी को अश्क हैं भिगोते... Hindi · मुक्तक 309 Share MITHILESH RAI 16 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक कई बार वक्त का मैं निशान देखता हूँ! कई बार मंजिलों का श्मशान देखता हूँ! दर्द की दहलीज पर बिखरा हूँ बार-बार, कई बार सब्र का इम्तिहान देखता हूँ! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 404 Share MITHILESH RAI 15 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक होते ही शाम मुझे तन्हाई घेरती है! तेरे दर्द की मुझे परछाई घेरती है! बेरंग इरादों में करीब होती हैं यादें, जिन्दगी को तेरी बेवफाई घेरती है! मुक्तककार- #महादेव'(25) Hindi · मुक्तक 215 Share MITHILESH RAI 14 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तुम बार बार नजरों में आया न करो! तुम बार बार मुझको तड़पाया न करो! जिन्दा है अभी जख्म गमें-बेरुखी का, तुम बार बार दर्द को बुलाया न करो! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 600 Share MITHILESH RAI 13 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे बगैर जिन्दगी से दूरी हो गयी है! तेरे बगैर हर खुशी अधूरी हो गयी है! ठहरी हुई है मंजिल तन्हाइयों में कबसे, मेरी शामे-मयकशी मजबूरी हो गयी है! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 207 Share MITHILESH RAI 12 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक जब इरादों की तन्हा रात होती है! तेरी यादों से मुलाकात होती है! खोज लेती है नज़र हसरतें तेरी, दिल में मुरादों की सौगात होती है! मुक्तककार- #महादेव' Hindi · मुक्तक 394 Share MITHILESH RAI 11 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक बेकरारी दिल की तेरे नाम से मिलती है! रोशनी चाहत की तेरे नाम से जलती है! तेरी याद भी आती है तूफानों की तरह, साँस जिन्द़गी की तेरे नाम से... Hindi · मुक्तक 226 Share MITHILESH RAI 11 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक आज भी तेरे हैं तलबगार हम! हुस्न की बाँहों में गिरफ्तार हम! खौफ नहीं है हमको अंजाम का, हर जख्म़ के लिए हैं तैयार हम! मुक्तककार- #महादेव' Hindi · मुक्तक 441 Share MITHILESH RAI 10 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे बगैर मैं तो तन्हा जिया करता हूँ! शामों-सहर मैं तुमको याद किया करता हूँ! जिन्द़गी थक जाती है करवटों से लेकिन, नींद में भी तेरा मैं नाम लिया करता... Hindi · मुक्तक 1 1 380 Share MITHILESH RAI 10 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक जब भी कोई यादों में लब पर आता है! हरवक्त कोई आँखों में मुस्कुराता है! उम्र गुजर जाती है जिसके इंतजार में, तेरे ही आशियाने से मुकर जाता है! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 457 Share MITHILESH RAI 9 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे दीदार को एक जमाना हो गया है! चाहत का जूनून भी पुराना हो गया है! जिन्दगी भटकी हुई है दर्द की राहों में, रश्म और वफाओं को निभाना हो... Hindi · मुक्तक 567 Share MITHILESH RAI 8 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी '#आरजू हर-वक्त हमारी है! सिलसिला दर्द का आज भी जारी है! खुदकुशी ख्याल की हो रही है जबसे, मेरी मयकशी वक्त-ए-लाचारी है! #महादेव_की_कविताऐं'(21) Hindi · मुक्तक 452 Share MITHILESH RAI 7 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी यादों में एक तन्हाई सी रहती है! तेरे ख्यालों में एक गहराई सी रहती है! झूमती है जब कभी जिन्द़गी मयखानों में, हुस्न की नजरों में अंगड़ाई सी रहती... Hindi · मुक्तक 279 Share MITHILESH RAI 6 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक आरजू हालात की मोहताज नहीं होती! ख्वाहिशों में लफ्जों की आवाज नहीं होती! आहों में खो जाती हैं तस्वीरें ख्वाब की, हर किसी की जिन्द़गी आगाज नहीं होती! #महादेव_की_कविताऐं'(25) Hindi · मुक्तक 207 Share MITHILESH RAI 5 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक दिन गुजर गया है मगर शाम बाकी है! तेरी #आरजू का पैगाम बाकी है! सैलाब आ गया है यादों का लेकिन, तेरे दर्द का अभी सलाम बाकी है! #महादेव_की_कविताऐं'(22) Hindi · मुक्तक 259 Share MITHILESH RAI 5 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे लिए खुद को भुलाता चला गया! तेरे लिए अश्क़ बहाता चला गया! हुयी है जब भी शाम मेरे दर्द की, शमा चाहतों की जलाता चला गया! #महादेव_की_कविताऐं'(21) Hindi · मुक्तक 246 Share MITHILESH RAI 4 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक क्यों मेरी जिन्द़गी से दूर हो गये हो तुम? हुस्न के रंगों से मगरूर हो गये हो तुम! भूला नहीं हूँ आज भी मैं कसमों को तेरी, वेवफाओं में मगर... Hindi · मुक्तक 551 Share MITHILESH RAI 3 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे सिवा नजर को भाता नहीं कोई! तेरे सिवा जिगर में आता नहीं कोई! जब घुलती हैं आहें साँसों में दर्द की, तेरे सिवा कहर भी लाता नहीं कोई! #महादेव_की_कविताऐं'(23) Hindi · मुक्तक 440 Share MITHILESH RAI 3 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक तुमको भूल जाने का बहाना नहीं आता! तुमसे अपने प्यार को बताना नहीं आता! बुझती नहीं है रोशनी चाहतों की लेकिन, अपने जख्मे-जिगर को दिखाना नहीं आता! #महादेव_की_कविताऐं'(25) Hindi · मुक्तक 453 Share MITHILESH RAI 2 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक जब भी याद तेरी कहानी आ जाती है! जख्मों की नजर में निशानी आ जाती है! किस्तों में टूटते हैं जिन्दगी के लम्हें, अश्कों में दर्द की रवानी आ जाती... Hindi · मुक्तक 405 Share MITHILESH RAI 1 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक गुजरे हुए जमाने की बात न करो! गुजरे हुए फसाने की बात न करो! होश में कुछ देर तक रहने दो मुझे, जाम के पैमाने की बात न करो! #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 428 Share MITHILESH RAI 1 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक क्यों तुम मेरे ख्यालों में आकर चली जाती हो? अपनी जुल्फों को बिखराकर चली जाती हो! रग रग में उमड़ आता है तूफान हुस्न का, तुम जो फूल सा मुस्कुराकर... Hindi · मुक्तक 548 Share MITHILESH RAI 28 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक मिलते हो तुम रोज मगर बेगानों की तरह! जिन्द़गी की राहों में अनजानों की तरह! किस्तों में मिल जाते हैं ख्वाहिशों के लम्हें, महफिलों में रोता हूँ नादानों की तरह!... Hindi · मुक्तक 541 Share MITHILESH RAI 27 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक कभी जिन्दगी में चाहत मर न पाएगी! कभी मंजिलों की ख्वाहिश डर न पाएगी! दौर भी कायम रहेगा खौफ का मगर, आरजू अंजाम से मुकर न पाएगी! #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 417 Share MITHILESH RAI 27 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक कबतक रहेगी मेरे सब्र की घड़ी? हरवक्त रुलाती है यादों की लड़ी! बेबसी का दौर है आज भी कायम, दर्द की लकीरें हैं मेरी हथकड़ी! #महादेव_की_कविताऐं'(21) Hindi · मुक्तक 400 Share MITHILESH RAI 26 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक थोड़ा होश है मुझे थोड़ी सी मदहोशी है! मेरी तन्हाई में यादों की सरगोशी है! शामों-सहर रुलाती हैं करवटें इरादों की, रंग है ख्वाबों का मगर गम की खामोशी है!... Hindi · मुक्तक 542 Share MITHILESH RAI 26 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे बगैर मुझको कबतक जीना होगा? जामे-अश्क मुझको कबतक पीना होगा? भटकी हुई है जिन्द़गी राहे-सफर में, जख्मे-दिल को हरपल कबतक सीना होगा? #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 278 Share MITHILESH RAI 25 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक कभी कभी रिश्ते बेगाने नजर आते हैं! कभी ख्वाब अपने अनजाने नजर आते हैं! तूफान जब उतरते हैं साँसों में दर्द के, शामे-आलम में पैमाने नजर आते हैं! #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 487 Share MITHILESH RAI 24 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी चाहत मेरी आजमाइश सी है! मेरी जिन्द़गी की एक नुमाइश सी है! शाम भी रोती है तन्हाई में अक्सर, रात गमे-जुदाई की फरमाइश सी है! #महादेव_की_कविताऐं'(23) Hindi · मुक्तक 276 Share MITHILESH RAI 24 Feb 2017 · 1 min read मुक्तक आज तुमसे मेरी जो मुलाकात हो गयी है! हसरतों की जैसे फिर बरसात हो गयी है! छायी हुयी है मदहोशी ख्यालों में इसतरह, मय़कशी की जैसे कोई रात हो गयी... Hindi · मुक्तक 540 Share Previous Page 9 Next