Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Apr 2017 · 1 min read

मुक्तक

कबसे तड़प रहा हूँ तुमको याद करते करते!
कबसे तड़प रहा हूँ मैं फरियाद करते करते!
बैठा हुआ हूँ मुद्दत से तेरे इंतजार में,
कबसे जिन्द़गी को मैं बरबाद करते करते!

मुक्तककार- #महादेव'(27)

Language: Hindi
245 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
!! फूल चुनने वाले भी‌ !!
!! फूल चुनने वाले भी‌ !!
Chunnu Lal Gupta
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
bharat gehlot
जब तुम उसको नहीं पसन्द तो
जब तुम उसको नहीं पसन्द तो
gurudeenverma198
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जहर मे भी इतना जहर नही होता है,
जहर मे भी इतना जहर नही होता है,
Ranjeet kumar patre
भरत
भरत
Sanjay ' शून्य'
मां शारदे वंदना
मां शारदे वंदना
Neeraj Agarwal
गुरु
गुरु
Kavita Chouhan
दुआ को असर चाहिए।
दुआ को असर चाहिए।
Taj Mohammad
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
Shreedhar
6. शहर पुराना
6. शहर पुराना
Rajeev Dutta
"Always and Forever."
Manisha Manjari
तसल्ली मुझे जीने की,
तसल्ली मुझे जीने की,
Vishal babu (vishu)
पर्वत दे जाते हैं
पर्वत दे जाते हैं
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Dr fauzia Naseem shad
दास्तां
दास्तां
umesh mehra
गौरेया (ताटंक छन्द)
गौरेया (ताटंक छन्द)
नाथ सोनांचली
नवरात्रि-गीत /
नवरात्रि-गीत /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"लोगों की सोच"
Yogendra Chaturwedi
"जगदलपुर"
Dr. Kishan tandon kranti
वोट दिया किसी और को,
वोट दिया किसी और को,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
भीमराव अम्बेडकर
भीमराव अम्बेडकर
Mamta Rani
शहर
शहर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दशमेश के ग्यारह वचन
दशमेश के ग्यारह वचन
Satish Srijan
शिक्षा दान
शिक्षा दान
Paras Nath Jha
मन मंथन पर सुन सखे,जोर चले कब कोय
मन मंथन पर सुन सखे,जोर चले कब कोय
Dr Archana Gupta
*सपना देखो हिंदी गूँजे, सारे हिंदुस्तान में(गीत)*
*सपना देखो हिंदी गूँजे, सारे हिंदुस्तान में(गीत)*
Ravi Prakash
जब तक लहू बहे रग- रग में
जब तक लहू बहे रग- रग में
शायर देव मेहरानियां
कोशिश है खुद से बेहतर बनने की
कोशिश है खुद से बेहतर बनने की
Ansh Srivastava
Loading...