MITHILESH RAI 503 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next MITHILESH RAI 31 May 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी नजर के सामने साकी रहने दो! हाथों में अभी जाम को बाकी रहने दो! धधक रही हैं तस्वीरें यादों की दिल में, अश्कों में अभी दर्द की झांकी रहने... Hindi · मुक्तक 231 Share MITHILESH RAI 29 May 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी दिल में ख्वाहिश आ ही जाती है! जख्मों की फरमाइश आ ही जाती है! आवाज गूँजती है जब भी यादों की, हर ख्वाब की नुमाइश आ ही जाती है!... Hindi · मुक्तक 230 Share MITHILESH RAI 28 May 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी दिल मे ख्वाहिश आ ही जाती है! जख्मों की फरमाइश आ ही जाती है! आवाज गूँजती है यादों की जब भी, हर ख्वाब की नुमाइश आ ही जाती है!... Hindi · मुक्तक 224 Share MITHILESH RAI 27 May 2017 · 1 min read मुक्तक हर शाम चाहतों की आहट सी होती है! हर शाम जिगर में घबराहट सी होती है! जब रंग तड़पाता है तेरी अदाओं का, मेरी साँसों में गर्माहट सी होती है!... Hindi · मुक्तक 1 266 Share MITHILESH RAI 26 May 2017 · 1 min read मुक्तक हर शख्स निगाहों में प्यार लिए रहता है! हर वक्त जेहन में खुमार लिए रहता है! जब कभी रुक जाती है राह मंजिलों की, दर्द का जिगर में बाजार लिए... Hindi · मुक्तक 182 Share MITHILESH RAI 25 May 2017 · 1 min read मुक्तक जब भी यादों की तस्वीर नजर आती है! तेरे ख्यालों की जागीर नजर आती है! मैं जब भी ढूँढता हूँ जिन्दगी की राहें, तेरी बाँहों में तकदीर नजर आती है!... Hindi · मुक्तक 246 Share MITHILESH RAI 25 May 2017 · 1 min read मुक्तक मुझको तेरी जुदाई मार डालेगी! मुझको गमे-तन्हाई मार डालेगी! कबतलक जी पाऊँगा तन्हा इसतरह? मुझको गमे-रुसवाई मार डालेगी! मुक्तककार- #महादेव' Hindi · मुक्तक 211 Share MITHILESH RAI 24 May 2017 · 1 min read मुक्तक मुझको तेरी जुदाई मार डालेगी! मुझको गमे-तन्हाई मार डालेगी! कबतलक जी पाऊँगा तन्हा इसतरह? मुझको गमे-रुसवाई मार डालेगी! मुक्तककार- #महादेव' Hindi · मुक्तक 370 Share MITHILESH RAI 23 May 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे लिए मैं तन्हा होता जा रहा हूँ! तेरे लिए मैं खुद को खोता जा रहा हूँ! अश्कों में मिल गयी हैं यादों की लहरें, तेरे लिए मैं तन्हा रोता... Hindi · मुक्तक 375 Share MITHILESH RAI 22 May 2017 · 1 min read मुक्तक हुई है शाम मगर रात को होने दो! अपनी तन्हाई में मुझको खोने दो! बेकरार ख्वाब हैं आने को नजर में, थोड़ी देर चैन से मुझको सोने दो! मुक्तककार- #महादेव' Hindi · मुक्तक 236 Share MITHILESH RAI 21 May 2017 · 1 min read मुक्तक कभी कभी मैं खुद से पराया हो जाता हूँ! दर्द की दीवार का एक साया हो जाता हूँ! जब बेखुदी के दौर से घिर जाता हूँ कभी, नाकाम हसरतों का... Hindi · मुक्तक 235 Share MITHILESH RAI 20 May 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी आरजू है फिर करीब आयी सी! तेरे हुस्न की तस्वीर मुस्कुरायी सी! याद आ रही है तेरी रूबरू लेकिन, ढूँढती नजर में दर्द की गहरायी सी! #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 254 Share MITHILESH RAI 18 May 2017 · 1 min read मुक्तक कबतक जी सकूँगा नाकाम होते होते? कबतक जी सकूँगा गुमनाम होते होते? भटक रहा हूँ तन्हा मंजिल की तलाश में, कबतक जी सकूँगा बदनाम होते होते? #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 582 Share MITHILESH RAI 18 May 2017 · 1 min read मुक्तक कैसे कहूँ कि अब तुमसे प्यार नहीं रहा! कैसे कहूँ कि तेरा इंतजार नहीं रहा! हरपल करीब होती है तेरी जुस्तजू, कैसे कहूँ कि तेरा तलबगार नहीं रहा! #महादेव_की_कविताऐं' Hindi · मुक्तक 372 Share MITHILESH RAI 17 May 2017 · 1 min read मुक्तक मैं यादों का कभी कभी जमाना ढूँढता हूँ! मैं ख्वाबों का कभी कभी तराना ढूँढता हूँ! जब खींच लेती है मुझको राह तन्हाई की, मैं अश्कों का कभी कभी बहाना... Hindi · मुक्तक 362 Share MITHILESH RAI 15 May 2017 · 1 min read मुक्तक शाम होते ही तेरी याद आ गयी है! शबनमी लम्हों की फरियाद आ गयी है! वही तेरी जुल्फें वही बलखना तेरा, फिर वही खुशबू मुद्दत बाद आ गयी है! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 260 Share MITHILESH RAI 14 May 2017 · 1 min read मुक्तक तेरे हुस्न का मैं अफसाना लिए रहता हूँ! तेरे प्यार का मैं नजराना लिए रहता हूँ! मैं रोक नहीं पाता हूँ यादों का कारवाँ, तेरे दर्द का मैं गमखाना लिए... Hindi · मुक्तक 276 Share MITHILESH RAI 13 May 2017 · 1 min read मुक्तक मैं दफ्न उजालों का डूबा हुआ शहर हूँ! मैं वक्ते-तन्हाई में यादों का सफर हूँ! ढूँढता हूँ खुद को खौफ के अंधेरों में, मैं ख्वाहिशों की राह में बेखुदी का... Hindi · मुक्तक 230 Share MITHILESH RAI 13 May 2017 · 1 min read मुक्तक कबतलक तेरा इंतजार मैं करूँ? दर्द की नुमाइश हर बार मैं करूँ? खौफ है कायम बेरुखी का तेरी, कबतलक खुद को बेकरार मैं करूँ? मुक्तककार- #महादेव Hindi · मुक्तक 330 Share MITHILESH RAI 13 May 2017 · 1 min read मुक्तक जब तेरी नजरों से मुलाकात होती है! चाहत की दिल से रूबरू बात होती है! यादों का तूफान कभी रुकता नहीं मगर, तन्हाइयों के आलम में रात होती है! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 1 1 364 Share MITHILESH RAI 12 May 2017 · 1 min read मुक्तक जब तेरी नजरों से मुलाकात होती है! चाहत की दिल से रूबरू बात होती है! यादों का तूफान कभी रुकता नहीं मगर, तन्हाइयों के आलम में रात होती है! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 421 Share MITHILESH RAI 10 May 2017 · 1 min read मुक्तक यूँ ही दर्द हमें राहों में कबतक मिलेंगे? हम खौफ के सन्नाटों में कबतक चलेंगे? कदम आरजू के कभी रुकते नहीं मगर, हम शाम की तन्हाई में कबतक जलेंगे? मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 469 Share MITHILESH RAI 10 May 2017 · 1 min read मुक्तक तेरा ख्याल खुद को समझाने का रास्ता है! तेरा ख्वाब खुद को बहलाने का रास्ता है! मुश्किलों को थाम लेती है आरजू तेरी, तेरी याद चाहत को पाने का रास्ता... Hindi · मुक्तक 205 Share MITHILESH RAI 9 May 2017 · 1 min read मुक्तक जी रहा हूँ तुमको पाने की आस लिए! जी रहा हूँ साँसों में तेरी प्यास लिए! ख्वाब बंध गये हैं नजरों की डोर से, प्यार के रंगों में तेरा एहसास... Hindi · मुक्तक 193 Share MITHILESH RAI 8 May 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी जिन्दगी की तस्वीर बन गये हो तुम! मेरी मंजिलों की तकदीर बन गये हो तुम! तूफान चल रहे हैं यादों के शामों-सहर, दिल में चाहतों की जागीर बन गये... Hindi · मुक्तक 504 Share MITHILESH RAI 7 May 2017 · 1 min read मुक्तक सूरज को रोशनी का गुमान किसलिए है? शाम तन्हाई की पहचान किसलिए है? टूटते नजारे हैं फिजा में हरतरफ, रात आहटों की मेहमान किसलिए है? मुक्तककार- #महादेव' Hindi · मुक्तक 228 Share MITHILESH RAI 6 May 2017 · 1 min read मुक्तक टूट रहा हूँ मैं गमे-अंजाम सोचकर! टूट रहा हूँ मैं गमे-नाकाम सोचकर! मंजिल डरी हुई है दर्द-ए-बेरुखी से, तेरी बेवफाई का पैगाम सोचकर! मुक्तककार- #महादेव' Hindi · मुक्तक 1 1 191 Share MITHILESH RAI 4 May 2017 · 1 min read मुक्तक जिन्दगी में तेरी हरपल कमी रहती है! अश्क की आँखों में हरपल नमी रहती है! दौर भी है कायम तेरी तमन्नाओं का, दर्द की ख्यालों में हरपल जमीं रहती है!... Hindi · मुक्तक 296 Share MITHILESH RAI 2 May 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी जुल्फ से खुद को आजाद करूँ कैसे? तेरी तमन्नाओं को बरबाद करूँ कैसे? कदमों को रोक देती है आहट जख्मों की, तेरी आरजू की मैं फरियाद करूँ कैसे? मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 492 Share MITHILESH RAI 2 May 2017 · 1 min read मुक्तक हरबार तुम एक ही नादानी न करो! हर किसी से जिक्र तुम कहानी न करो! रूठी हुई है मंजिल प्यार की मगर, हरबार तुम खुद की कुर्बानी न करो! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 334 Share MITHILESH RAI 30 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक अपनी यादों को मिटाना आसान नहीं है! अपने गम को भूल जाना आसान नहीं है! तन्हाइयों की राह पर जब चलते हैं कदम, सफर से लौट कर आना आसान नहीं... Hindi · मुक्तक 229 Share MITHILESH RAI 29 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक तेरा ख्याल जब भी बार-बार आता है! दिल में बेचैनी का किरदार आता है! बेताब नजर से लिपट जाती हैं यादें, तेरी गुफ्तगूं का इंतजार आता है! #महादेव_की_कविताऐं' (23) Hindi · मुक्तक 637 Share MITHILESH RAI 28 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक मुझको फिर भूली हुई बात याद आयी है! चाहत की सुलगी हुई रात याद आयी है! मैं मुन्तजिर हूँ आज भी दीदार का तेरे, मुझको फिर तेरी मुलाकात याद आयी... Hindi · मुक्तक 248 Share MITHILESH RAI 27 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक तुम बिन कैसे हम जी सकेंगे? जहर अश्क का हम पी सकेंगे! बेशुमार गम हैं जुदाई के, जख्म दामन का हम सी सकेंगे! मुक्तककार- #महादेव' (17) Hindi · मुक्तक 225 Share MITHILESH RAI 26 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी याद जब भी आस पास होती है! मेरी जिन्दगी खामोशी से रोती है! घेर लेता है मुझे बेबसी का मंजर, आरजू खुद को अश्कों में डूबोती है! मुक्तककार- #महादेव' Hindi · मुक्तक 430 Share MITHILESH RAI 25 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक जो साथ नहीं देते वे रूठ जाते हैं! रास्तों में अक्सर हमसे छूट जाते हैं! दूरियाँ बन जाती हैं दिलों के दरमियाँ, हौसले भी जिन्दगी के टूट जाते हैं! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 540 Share MITHILESH RAI 23 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक मैं भूला था कभी तेरे लिए जमाने को! मैं भूला था कभी अपने आशियाने को! भटक रहा हूँ जबसे गम के सन्नाटों में, हर शाम ढूँढता हूँ जामे-पैमाने को! मुक्तककार-#महादेव'(24) Hindi · मुक्तक 213 Share MITHILESH RAI 21 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक तेरी चाहत मेरे गुनाह जैसी है! तेरी चाहत दर्द की आह जैसी है! आँखों में आहट है ख्वाबों की लेकिन, तेरी चाहत सितम की राह जैसी है! मुक्तककार- #महादेव'(22) Hindi · मुक्तक 278 Share MITHILESH RAI 20 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक यूँ ही दर्द हमें राहों में कबतक मिलेंगे? हम खौफ के सन्नाटों में कबतक चलेंगे? कदम आरजू के कभी रुकते नहीं मगर, हम शाम की तन्हाई में कबतक जलेंगे? मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 321 Share MITHILESH RAI 19 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी कोशिश तुमको पाने की है! अपने करीब तुमको लाने की है! कबतक सह पाऊँगा बेताबी को? तेरी हर अदा तो सताने की है! मुक्तककार- #महादेव' Hindi · मुक्तक 252 Share MITHILESH RAI 17 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक मैं जिन्दगी को तन्हा बिताता रहता हूँ! मैं दर्द को पलकों में छिपाता रहता हूँ! चारों तरफ हैं आन्धियाँ हालात की मगर, तेरी शमा चाहत की जलाता रहता हूँ! मुक्तककार-#महादेव' Hindi · मुक्तक 425 Share MITHILESH RAI 16 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक उठती हुई नजर में एक आशा भी होती है! मंजिल को छूने की अभिलाषा भी होती है! रोशनी मौजूद है अभी जिन्दगी में लेकिन, जज्बों के टूटने की परिभाषा भी... Hindi · मुक्तक 237 Share MITHILESH RAI 15 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक तेरा ख्याल जख्म के रंगों से भर गया है! रूठे हुए नसीब की आहट से डर गया है! यादों की जंजीर से जकड़ी है जिन्द़गी, चाहत की जुत्सजू से तन्हा... Hindi · मुक्तक 269 Share MITHILESH RAI 14 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक उठती नजर में तेरा चेहरा नजर आता है! मुझपर तेरे प्यार का पहरा नजर आता है! ख्वाबों के दायरे में ठहर जाती है जिन्दगी, ख्वाहिशों का हर आलम गहरा नजर... Hindi · मुक्तक 617 Share MITHILESH RAI 13 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक कैसे कहूँ कि तेरा दीवाना नहीं हूँ मैं! कैसे कहूँ कि तेरा परवाना नहीं हूँ मैं! जब छलक रही है मदहोशी तेरे हुस्न से, कैसे कहूँ कि आशिके-पैमाना नहीं हूँ... Hindi · मुक्तक 311 Share MITHILESH RAI 13 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक राहे-जिन्द़गी में भटकना बहुत जरूरी है! दर्द के तूफान को समझना बहुत जरूरी है! तुम टूटती वफाओं को मत रोको बिखरने से, बेबसी में सब्र को परखना बहुत जरूरी है!... Hindi · मुक्तक 468 Share MITHILESH RAI 11 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक क्या हुआ अगर मैं खामोश हो गया हूँ! जाम के नशे में मदहोश हो गया हूँ! भटके हुए पलों में खोया हूँ इसतरह, महफिलों में खानाबदोश हो गया हूँ! मुक्तककार-... Hindi · मुक्तक 252 Share MITHILESH RAI 10 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक बंद हैं आँखें मगर कुछ बोलती रहती हैं! राह तमन्नाओं की कुछ खोलती रहती हैं! जिन्दा है तेरी आरजू मेरे जेहन में, दर्द की लहरें जिगर में डोलती रहती हैं!... Hindi · मुक्तक 1 456 Share MITHILESH RAI 8 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक जब जिन्दगी में आलम वीरान मिल जाते हैं! भटकी हुई तमन्ना के निशान मिल जाते हैं! भीगी हुई सी तन्हाई में चलते हैं कदम, बिखरे हुए इरादों के तूफान मिल... Hindi · मुक्तक 197 Share MITHILESH RAI 7 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक किस किस को मैं अपनी नादानी को कहूँ? किस किस को मैं दर्द की रवानी को कहूँ? जले हुए से ख्वाब हैं अश्कों में तैरते, किस किस को मैं प्यार... Hindi · मुक्तक 203 Share Previous Page 8 Next