Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Mar 2017 · 1 min read

मुक्तक

तेरी यादों में एक तन्हाई सी रहती है!
तेरे ख्यालों में एक गहराई सी रहती है!
झूमती है जब कभी जिन्द़गी मयखानों में,
हुस्न की नजरों में अंगड़ाई सी रहती है!

#महादेव_की_कविताऐं'(26)

Language: Hindi
240 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अनसोई कविता...........
अनसोई कविता...........
sushil sarna
*ख़ास*..!!
*ख़ास*..!!
Ravi Betulwala
आओ ...
आओ ...
Dr Manju Saini
नसीब में था अकेलापन,
नसीब में था अकेलापन,
Umender kumar
💐प्रेम कौतुक-366💐
💐प्रेम कौतुक-366💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*जातिवाद का खण्डन*
*जातिवाद का खण्डन*
Dushyant Kumar
अर्ज किया है जनाब
अर्ज किया है जनाब
शेखर सिंह
बेऔलाद ही ठीक है यारों, हॉं ऐसी औलाद से
बेऔलाद ही ठीक है यारों, हॉं ऐसी औलाद से
gurudeenverma198
■ मन गई राखी, लग गया चूना...😢
■ मन गई राखी, लग गया चूना...😢
*Author प्रणय प्रभात*
Are you strong enough to cry?
Are you strong enough to cry?
पूर्वार्थ
23/186.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/186.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अर्पण है...
अर्पण है...
Er. Sanjay Shrivastava
"फागुन गीत..2023"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो पढ़ना जरूर ।
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो पढ़ना जरूर ।
Rajesh vyas
पश्चिम का सूरज
पश्चिम का सूरज
डॉ० रोहित कौशिक
अपराधियों ने जमा ली सियासत में पैठ
अपराधियों ने जमा ली सियासत में पैठ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कभी शांत कभी नटखट
कभी शांत कभी नटखट
Neelam Sharma
*झूठा  बिकता यूँ अख़बार है*
*झूठा बिकता यूँ अख़बार है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक बार हीं
एक बार हीं
Shweta Soni
.............सही .......
.............सही .......
Naushaba Suriya
राम अवध के
राम अवध के
Sanjay ' शून्य'
"राष्ट्रपति डॉ. के.आर. नारायणन"
Dr. Kishan tandon kranti
मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर
मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर
Paras Nath Jha
*चंद्रशेखर आजाद* *(कुंडलिया)*
*चंद्रशेखर आजाद* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मिलना हम मिलने आएंगे होली में।
मिलना हम मिलने आएंगे होली में।
सत्य कुमार प्रेमी
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर  में  व्यापार में ।
आपाधापी व्यस्त बहुत हैं दफ़्तर में व्यापार में ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
कहना है तो ऐसे कहो, कोई न बोले चुप।
कहना है तो ऐसे कहो, कोई न बोले चुप।
Yogendra Chaturwedi
पहचाना सा एक चेहरा
पहचाना सा एक चेहरा
Aman Sinha
तेरी जुस्तुजू
तेरी जुस्तुजू
Shyam Sundar Subramanian
दुल्हन एक रात की
दुल्हन एक रात की
Neeraj Agarwal
Loading...