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24 Feb 2017 · 1 min read

मुक्तक

आज तुमसे मेरी जो मुलाकात हो गयी है!
हसरतों की जैसे फिर बरसात हो गयी है!
छायी हुयी है मदहोशी ख्यालों में इसतरह,
मय़कशी की जैसे कोई रात हो गयी है!

#महादेव_की_कविताऐं’

Language: Hindi
467 Views
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