सुरेश कुमार चतुर्वेदी Tag: ग़ज़ल/गीतिका 32 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुरेश कुमार चतुर्वेदी 5 Jun 2023 · 1 min read जिनसे जिंदा हो,उनको कतल न करो अब दिखने लगा है, मेरी हिमाकतों का असर। पर्यावरण को मिटाने का हस्र!!! ऐसे चलता रहा तो न होगी वसर।। मौसम बदलने लगे,आ रहे ज़लज़ले गर्मीयों में धड़ाधड़ ओले पड़े।... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 3 595 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 12 Jun 2022 · 1 min read प्रेम दो दिल की धड़कन है प्रेम दो दिल की धड़कन है प्रेम ईश्वर प्रेम अल्लाह, प्रेम मंजिल रूहानी है प्रेम इस फानी दुनिया की, फकत पहली कहानी है प्रेम काबा प्रेम काशी, रब की निगाहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 337 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 May 2022 · 1 min read बदल कर टोपियां अपनी, कहीं भी पहुंच जाते हैं कभी हिन्दू, कभी मुस्लिम, कभी ईसाई टोपी है। पहनते हैं कभी पगड़ी, अदा इनकी अनोखी है।। न ईश्वर से इन्हें मतलब,न अल्ला से ही मतलब है। न सिख ईसाई से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 4 469 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 28 Apr 2022 · 1 min read है दस्तूर इस जहां में, कुछ न कुछ कहेंगे लोग है दस्तूर जहां में, कुछ न कुछ कहेंगे लोग है दस्तूर जमाने में, कुछ न कुछ कहेंगे लोग कुछ भी करेंगे आप, कुछ तो कहेंगे लोग कुछ भी न करें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 94 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 20 Apr 2022 · 1 min read मुकम्मल ये घर नहीं। जिंदगी 100 बरस , पल की खबर नहीं मश्गूल है जहां में, खुद की खबर नहीं नेकी क्या बदी है,रखता नजर नहीं खुदगर्जीयों में उलझा, दीन ए असर नहीं न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 93 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 12 Feb 2022 · 1 min read तोड़ कर सारे लिहाज, घुस गए हिजाब में तोड़ कर सारे लिहाज, घुस गए हिजाब में छोड़ कर मुद्दे सभी, कुर्सी की चाह में राजनीति चल रही, क्योंकर लिबास में गा रहे हैं भेड़िए,बुलबुल के राग में नज़रें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 395 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 11 Feb 2022 · 1 min read छुपा रखा है असली, चेहरा नक़ाब में छुपा रखा है असली, चेहरा नक़ाब में उलझा रखा है सबको, उन्होंने हिजाब में वेहयाई की हदों को, वे पार कर गए वो जुवानी तीर से, शिकार कर गए वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 324 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 Jan 2022 · 1 min read वक़्त तेजी से चला वक़्त तेजी से चला, हम सोचते ही रह गए आए थे जिस मकसद से हम, वे तो सारे खो गए सपने देखे थे सुनहरे, वह वीराने हो गए जिंदगी की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 8 226 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 23 Dec 2021 · 1 min read जख्म पुराने कुरेदते हैं लोग अक्सर क्या हाल हैं तुम्हारे, वे पूछते हैं अक्सर रखा करते हैं, दुखती रग पर हाथ अक्सर हालात कितने भी गंभीर हों, नहीं मतलब मजा तो ले ही लेते हैं, कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 6 349 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 20 Aug 2021 · 1 min read ख़्याल आते रहे, ख्याल जाते रहे ख़्याल आते रहे, ख्याल जाते रहे वक्त के साथ,हम गुनगुनाते रहे वक्त ठहरा नहीं,हम भी चलते रहे चिराग आंधियों में भी जलते रहे कभी धूप में कभी छांव में जिंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 273 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 10 May 2021 · 1 min read मुकम्मल ये घर नहीं । जिंदगी 100 बरस , पल की खबर नहीं मश्गूल है जहां में, खुद की खबर नहीं नेकी क्या बदी है,रखता नजर नहीं खुदगर्जीयों में उलझा, दीन ए असर नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 8 305 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 23 Apr 2021 · 1 min read दुनिया में कत्लेआम देख, खुदा ने ये कहा दुनिया में कत्लेआम देख, खुदा ने ये कहा क्यों हैवान बन गया है, जाता नहीं सहा क्यों नाम पर तू मेरे, कत्लेआम कर रहा आमाल है शैतान सा, इंसान ना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 230 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 10 Apr 2021 · 1 min read मुझको मारा काफिर कहकर, मुझे किसने बनाया था? पत्ता पत्ता जर्रा जर्रा, खुदा की खुदाई था मुझे मारा काफिर कहकर, मुझे किसने बनाया था? कौन अकबर है इस दुनिया में, एक अल्लाह के सिवा क्या उसके इंसाफ पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 8 473 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 Mar 2021 · 1 min read हिफाजत मां बहन बेटी की, खुदा की इबादत होगी हिफाजत मां बहन बेटी की, खुदा की इबादत होगी हां,जन्नत ही तो है वो धरती, जहां उनकी इज्जत होगी महीनों पेट में रखकर,लहू अपना पिला रहीं होंगी कष्टों से तुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 507 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 3 Jan 2021 · 1 min read मैंने दी थीं मस्त बहारें मैंने दी थीं मस्त बहारें, तुमने आग लगा डाली जन्नत से धरती सौंपी थी, तुमने मैली कर डाली मैंने दी थीं मस्त बहारें, तुमने आग लगा डाली मैंने बांटी प्रेम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 8 391 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 Jan 2021 · 1 min read नए साल में हर हाल में, हम मुस्कुराएंगे नए साल में हर हाल में, हम मुस्कुराएंगे आऐंगी फिर से बहारें, जश्न फिर से मनाएंगे जिंदगी फिर गर्दिशों से, बाहर आएगी नए साल की नई नई सुबह, जब मुस्कुराएगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 6 226 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 Nov 2020 · 1 min read वक़्त तेजी से चला हम सोचते ही रह गए वक़्त तेजी से चला, हम सोचते ही रह गए आए थे जिस मकसद से हम, वे तो सारे खो गए सपने देखे थे सुनहरे, वह वीराने हो गए जिंदगी की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 379 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 31 Oct 2020 · 1 min read विदेशी भाड़ खाकर जो एजेंडे चलाते हैं आवाम को बांटने की वो, कोशिशें तमाम करते हैं मजबूत रिश्तो के धागे, कोशिशें नाकाम करते हैं कभी मजहब, कभी जाति, कभी भाषा को रोते हैं विदेशी माल खाकर वो,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 3 532 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 27 Oct 2020 · 1 min read रहनुमाई रहनुमाई जिन्हें सोपी,सैयाद वही निकले सकते में है बुलबुल ,जनतंत्र के बागों में किस पर यकी कीजिए ,किस पर वफा कीजिए हर दर पर धोखे हैं, सियासी दुकानों में वे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 267 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 16 Oct 2020 · 1 min read अक्सर मासूम दिल, शिकार बना लेते हैं अक्सर मासूम दिल, शिकार बना लेते हैं दिल के फ्रेम में, चाहे जो तसबीर लगा लेते हैं हर वक्त एक नया दिल,दिल में लगा लेते हैं सरेराह घूमते हैं शैतान,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 280 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 11 Oct 2020 · 1 min read देख रहे हो? दुनिया में सीन? देख रहे हो? दुनिया के सीन? जनाब मोहतरमा नाज़नीन हजरात दिली इस्तकबाल ख़ैर मगदम होशियार ज़िंदगी से करें प्यार आपसे गुज़ारिश है मास्क लगाएं जनाब मोहतरमा नाज़नीन बेपर्दा हों या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 315 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 Oct 2020 · 1 min read नहीं देखते कर्म खुद के, खबर रखते हैं जमाने की नहीं देखते कर्म खुद के, खबर रखते हैं जमाने की नसीहत सबको देते हैं, कर्मों को सजाने की न सबर न सुकून दिल में, बातें ईमान लाने की भरोसा है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 2 358 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 Oct 2020 · 1 min read जख्म पुराने कुरेदते हैं लोग अक्सर क्या हाल हैं तुम्हारे, वे पूछते हैं अक्सर रखा करते हैं, दुखती रग पर हाथ अक्सर हालात कितने भी गंभीर हों, नहीं मतलब मजा तो ले ही लेते हैं, कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 12 8 323 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 20 Jul 2020 · 1 min read नजरअंदाज कर खुद को, वो देखते हैं जमाने में नजर अंदाज कर खुद को, वो देखते हैं जमाने में सारे इल्जाम गैरों पर,लगे हर राज वे छुपाने में नहीं है इल्म धेले का, लगे वो इल्म का डंका बजाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 9 9 334 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 16 Jul 2020 · 1 min read न होता आदमी जग में, जो औरत जात न होती न होती रात दुनिया में, तो दिन की बात न होती न होती औरत इस जग में, तो आदमी की जात न होती न होता दुख इस दुनिया में, तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 11 8 282 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 10 Jul 2020 · 1 min read हर किसी को राजे दिल, बतलाया नहीं जाता एक ही नगमा, हर साज पर गाया नहीं जाता एक ही धुन को, हर वक्त बजाया नहीं जाता वक्त मुकर्रर है, हर राग को गाने के लिए हर वक्त किसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 10 6 297 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 3 Jul 2020 · 1 min read सामान सौ बरस का पल की खबर नहीं सामान सौ बरस का, पल की खबर नहीं कितना मगशूल दुनिया में, रब की खबर नहीं न नेक राह न नेकियां, दीने असर नहीं कितना खुदगर्ज है बंदा, खुदा का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 9 3 365 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 Jul 2020 · 1 min read ये दिल किसको दे दूं सुरेश, सभी तो भाढ़ खाते हैं तुम्हारे खोखले वादों में, जरा भी दम नहीं दिखती किस पर यकीन कर लूं मैं, वह सूरत भी नहीं दिखती कभी लालच वो देते हैं, कभी मस्का लगाते हैं जाति... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 14 2 309 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 28 Jun 2020 · 1 min read हांफती जिंदगी आदमी बेखबर न मंजिल मुकम्मल, न पता है मुकाम हांफती जिंदगी, आदमी बेखबर धन दौलत का कितना, चढ़ा है नशा न अमन चैन है, न खुदा की खबर न लाया कोई, न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 11 3 431 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 25 Jun 2020 · 1 min read निगाहे दिल रखना सुरेश, जहां में धोखे ही धोखे हैं दुनिया में मिलते हैं बहुत, जिस्म के चाहने वाले नहीं पहचानते सीरत, ये सूरत देखने वाले कभी कमसिन कभी परियां, कभी वे हूर कहते हैं रिश्ता जोड़ जिस्मानी, नहीं फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 10 5 435 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 17 Apr 2020 · 1 min read रहनुमाई रहनुमाई जिन्हें सोपी,सैयाद वही निकले सकते में है बुलबुल ,जनतंत्र के बागों में किस पर यकी कीजिए ,किस पर वफा कीजिए हर दर पर धोखे हैं, सियासी दुकानों में वे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 4 407 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 Apr 2020 · 1 min read ये दुनिया ये दुनिया भी एक दरिया है किनारे सुख और दुख के हैं जरूरत सुख और दुख की उतनी ही जितनी दरिया को किनारों की किनारा ढह तो सकता है किनारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 10 4 507 Share