Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2020 · 1 min read

नहीं देखते कर्म खुद के, खबर रखते हैं जमाने की

नहीं देखते कर्म खुद के, खबर रखते हैं जमाने की
नसीहत सबको देते हैं, कर्मों को सजाने की
न सबर न सुकून दिल में, बातें ईमान लाने की
भरोसा है नहीं खुद पर, बात दुनिया बसाने की
बात नेकी करते हैं, राहें बद गुमानी की
जिंदगी जुर्म में गुजरी, मंशा जन्नत में जाने की

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

8 Likes · 2 Comments · 351 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
2326.पूर्णिका
2326.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
■ आज का शेर दिल की दुनिया से।।
■ आज का शेर दिल की दुनिया से।।
*Author प्रणय प्रभात*
संत गोस्वामी तुलसीदास
संत गोस्वामी तुलसीदास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बाबू जी
बाबू जी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हम हो जायेंगें दूर तूझसे,
हम हो जायेंगें दूर तूझसे,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
रेत और जीवन एक समान हैं
रेत और जीवन एक समान हैं
राजेंद्र तिवारी
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"नए सवेरे की खुशी" (The Joy of a New Morning)
Sidhartha Mishra
*सुबह हुई तो सबसे पहले, पढ़ते हम अखबार हैं (हिंदी गजल)*
*सुबह हुई तो सबसे पहले, पढ़ते हम अखबार हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
कल पापा की परी को उड़ाने के लिए छत से धक्का दिया..!🫣💃
कल पापा की परी को उड़ाने के लिए छत से धक्का दिया..!🫣💃
SPK Sachin Lodhi
संत सनातनी बनना है तो
संत सनातनी बनना है तो
Satyaveer vaishnav
हमेशा तेरी याद में
हमेशा तेरी याद में
Dr fauzia Naseem shad
कभी शांत कभी नटखट
कभी शांत कभी नटखट
Neelam Sharma
नियम, मर्यादा
नियम, मर्यादा
DrLakshman Jha Parimal
दोहे
दोहे
डॉक्टर रागिनी
धरातल की दशा से मुंह मोड़
धरातल की दशा से मुंह मोड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
फर्ज़ अदायगी (मार्मिक कहानी)
फर्ज़ अदायगी (मार्मिक कहानी)
Dr. Kishan Karigar
हमें कोयले संग हीरे मिले हैं।
हमें कोयले संग हीरे मिले हैं।
surenderpal vaidya
*एकांत*
*एकांत*
जगदीश लववंशी
"खुदा याद आया"
Dr. Kishan tandon kranti
सुन लो दुष्ट पापी अभिमानी
सुन लो दुष्ट पापी अभिमानी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
लगा चोट गहरा
लगा चोट गहरा
Basant Bhagawan Roy
आंगन को तरसता एक घर ....
आंगन को तरसता एक घर ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
25)”हिन्दी भाषा”
25)”हिन्दी भाषा”
Sapna Arora
पत्नी व प्रेमिका में क्या फर्क है बताना।
पत्नी व प्रेमिका में क्या फर्क है बताना।
सत्य कुमार प्रेमी
बरगद पीपल नीम तरु
बरगद पीपल नीम तरु
लक्ष्मी सिंह
जिस दिन अपने एक सिक्के पर भरोसा हो जायेगा, सच मानिए आपका जीव
जिस दिन अपने एक सिक्के पर भरोसा हो जायेगा, सच मानिए आपका जीव
Sanjay ' शून्य'
फिर बैठ गया हूं, सांझ के साथ
फिर बैठ गया हूं, सांझ के साथ
Smriti Singh
निराशा एक आशा
निराशा एक आशा
डॉ. शिव लहरी
नारी हूँ मैं
नारी हूँ मैं
Kavi praveen charan
Loading...