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11 May 2021 10:58 AM

आज के इस लुट खसोट भरे वातावरण में भी मनुष्य ना जाने कब के लिए किस के लिए पतित हुआ जा रहा है! सादर प्रणाम श्रीमान चतुर्वेदी जी सादर प्रणाम।

बहुत ही सुंदर…???

10 May 2021 10:51 AM

जीवन का सच्चाई ???

आपको सादर अभिवादन धन्यवाद।

जीवन के यथार्थ की सुंदर प्रस्तुति !
कृपया मकशूल शब्द का अर्थ स्पष्ट करें !
मेरे विचार से मश्ग़ूल /मसरूफ़ शब्द का प्रयोग उपयुक्त होता।
धन्यवाद !

हां सर मश्गूल है, मैं ठीक कर लूंगा। आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर।

10 May 2021 09:17 AM

बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका सर नमस्कार जी

आपको सादर नमस्कार धन्यवाद सर

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