Shyam Sundar Subramanian Tag: कविता 596 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Shyam Sundar Subramanian 27 Sep 2024 · 1 min read तन्हा इस शहर की गलियों में जिधर देखो हुजूम है , इस इन्सानी सैलाब में अजब दीनी जुनूँ है , हर शख़्स लगता है बे-परवा दुनिया से , अपने में मगन... Hindi · कविता 141 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Sep 2024 · 1 min read त्रासदी हालातों का तमाशा देखते हुए हम जी रहे हैं , मूकदर्शक बने हम मजबूर होकर रह गए हैं , संविधान और नागरिक अधिकार वस्तुस्थिति में , सिर्फ कोरी बातें होकर... Hindi · कविता 1 172 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Sep 2024 · 1 min read मतलबी जानकर भी वो अनजान से बने है , बेगाने ही सही हम खुद अपनी पहचान बने है , उनकी फ़ितरत का रुख़ हम जानते है , मरासिम को वो नफ़े... Hindi · कविता 160 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Sep 2024 · 1 min read मुसीबत एक चींटी हाथी को परेशान कर देती है , एक मक्खी शेर को बेचैन कर देती है , एक मधुमक्खी हुलिया बिगाड़ रख देती है , एक मछली तालाब को... Hindi · कविता 1 173 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Sep 2024 · 1 min read आगाह ज़माने का रुख़ इस क़दर फ़रेबी है , यहाँ सीरत पर सूरत की फ़ितरत भारी है , बच उन राहों से जो अज़ाब की ओर ले जाते हैं , जो... Hindi · कविता 132 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Sep 2024 · 1 min read ज़िंदा दोस्ती क्या हुआ ? कैसे हुआ ? कब हुआ ? समझ ना पाऊं ! एक ही दिन में तू कैसे बदल गया ? समझ ना पाऊं ! किसी की साज़िश है... Hindi · कविता 173 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Sep 2024 · 1 min read राजनीति के फंडे राजनीति के फंडे भी बड़े अजीब हैं , सत्ता की होड़ में नेता एक दूसरे की टांग खींचते रहते हैं , अपना कद दूसरे के कद से बड़ा करने की... Hindi · कविता · व्यँग 126 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Sep 2024 · 1 min read प्रेरणा एक छोटा सा पौधा ! जिसकी कोपलें अभी खिली हीं थी , शरारती हाथो द्वारा जड़ से उखाड़ फेंका गया , बेचारा दर्द के मारे सुबकता रहा , हवा का... Hindi · कविता · काव्य प्रसंग 235 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Aug 2024 · 1 min read बीती यादें वो सुनाते रहे गुज़िश्ता लम़्हों के किस्से , मैं डोलता रहा माज़ी की यादों में जिनसे , कुछ खट्टे - मीठे तसव्वुरात , कुछ ग़मगीन लम़्हे , कुछ शिक़वे ,... Hindi · कविता 145 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Aug 2024 · 1 min read तत्वहीन जीवन क्या कहना ? क्या सुनना ? मूकबधिर हो रह गया हूँ ! विवादों से स्वतंत्र ! स्वअस्तित्व रक्षा में निरापद हो गया हूँ ! अर्थ और अनर्थ ! तर्क और... Hindi · अनुभूति · कविता 192 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Aug 2024 · 1 min read नारी- शक्ति आह्वान उठो ! बढ़ो ! अब अति हो गई ! अबला निरूपित नारी ! तोड़ दो ! दंभ इन दानवों का दिखा दो ! अपनी शक्ति सारी ! हो स्वतंत्र !... Hindi · कविता 1 2 160 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Aug 2024 · 1 min read रक्षा बंधन कच्चे धागों का अटूट बंधन , हृदय से हृदय का स्पंदन , अभिभूत विचार सरिता , परस्पर संवेदनशीलता , निर्वहन की निष्ठा , अविच्छिन्न प्रतिबद्धता , संकल्पित अनुपालन , प्रतीकात्मक... Hindi · कविता · संकल्प 1 177 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Aug 2024 · 1 min read अटूट प्रेम हे मित्र ! तेरे शब्द बाण मेरे हृदय को चीर गए , मेरे अंतस्थ बसे तेरे प्रेम को विखंडित कर गए , फिर भी मुझे क्यों आभास होता है ?... Hindi · एहसास · कविता 1 130 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Aug 2024 · 1 min read संकल्प आओ इस स्वतंत्रता दिवस पर हम एक संकल्प ले ! समूह मानसिकता से परे , व्यक्तिगत स्वतंत्रता निर्माण करें ! सह -अस्तित्व समभाव स्थापित हो ! द्वेष- क्लेष नष्ट करें... Hindi · आह्वान · कविता 140 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Aug 2024 · 1 min read मैं हिन्दुस्तानी ! ना हिंदू , ना मुसलमान, ना सिक्ख, ना ईसाई , मैं हूँ हिन्दुस्तानी ! हमवतन सब मेरे भाई , इंसानियत मेरा ज़मीर , नेक- निय्यत मेरा ईमान , हुब्बुल-वतनी मेरा... Hindi · आह्वान · कविता 185 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Aug 2024 · 1 min read मज़लूम ज़िंदगानी बहुत सोच कर भी कुछ न कह पाती है , इस- क़दर जज़्बातों को दफ़्न किए जाती है , ज़ेहन में ख़यालों की आमेज़िश कभी थमती नही , चाह कर... Hindi · एहसास · कविता 163 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Jul 2024 · 1 min read दुविधा रोजमर्रा की आपाधापी में हम कठपुतली से बनकर रह गए हैं , कुछ पल तसल्ली से अपनों के साथ गुज़ारने को तरस गए हैं , कभी बढ़ती महंगाई से बिगड़ते... Hindi · उद्-गार · कविता 118 Share Shyam Sundar Subramanian 16 Jul 2024 · 1 min read रफ़्तार - ए- ज़िंदगी रफ़्ता - रफ़्ता ज़िंदगी में हम बढ़ते रहे , कभी मसर्रत की फ़िज़ा रही , कभी गम के बादल मंडराते रहे , लम्हों का जुलूस रवां - दवां रहा ,... Hindi · कविता 226 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Jul 2024 · 1 min read कशिश रास्ते कुछ जाने पहचाने से पर राहनुमा अनजाने से , मंज़िलें भी कुछ पहचानी सीं पर कुछ बदली- बदली सीं , लगता है हक़ीक़त से दूर ख़्वाबों के शहर आ... Hindi · कविता 1 186 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Jul 2024 · 1 min read क़ुर्बानी ज़िंदगी भर हालातों से लड़ता रहा कभी हार नही मानी , हालाते हाज़िरा में अपनों से लड़ न सका आख़िर हार मानी , अपनो से हार का समझौता दिल से... Hindi · एहसास · कविता 1 197 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jul 2024 · 1 min read आधारभूत निसर्ग सुबह की प्रथम किरण ने नवोदय का संदेश दिया , विगत संतापों को विस्मृत कर नवऊर्जा का संचार किया, स्वप्निल वारिद से यथार्थ के आयाम में पदार्पण किया, सतत् संघर्षरत्... Hindi · कविता 245 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jul 2024 · 1 min read छोटी - छोटी बातें छोटी - छोटी बातों के अर्थ भी बहुत गहरे होते हैं , कुछ ऐसे जटिल प्रश्न प्रस्तुत करते हैं , जो सामान्य समझ से परे होते हैं , शब्दों का... Hindi · कविता 327 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jul 2024 · 1 min read जुदाई मुझे ठुकरा कर तो जा रहे हो तुम , याद रखना बहुत पछताओगे तुम , जब कभी तन्हा रहोगे तुम , तब मुझे अपने दिल के करीब पाओगे तुम ,... Hindi · एहसास · कविता 289 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Jul 2024 · 1 min read कभी - कभी बुलबुले सी है ये ज़िंदगी , हादसों के दोस पर फ़ना है ये ज़िंदगी , कभी खुशियों का जहान , कभी ग़मों का सामान है ये ज़िंदगी , कभी कुछ... Hindi · कविता 157 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jun 2024 · 1 min read एहसास - ए - दोस्ती वक्त आने पर अपनों और गैरों की पहचान होती है , हमदर्द और ख़ुदगर्ज़ के बीच फ़र्क की पहचान होती है, वो अजनबी जो मुसीबत में साथ दे , दोस्ती... Hindi · कविता 194 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Jun 2024 · 1 min read हादसे ज़िंदगी में कुछ ऐसे हादसे पेश आते हैं , यह क्या हुआ ? कैसे हुआ ? क्यों हुआ ? हम सोचते रह जाते हैं , वक्त की गर्दिश में किसी... Hindi · कविता 2 206 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Jun 2024 · 1 min read कठपुतली कुछ सहमा- सहमा सा कुछ दबा - दबा , कुछ भीतर ही भीतर लड़ता हुआ , अंतरद्वन्द से मुक्त होकर , मुखर होने का प्रयास करता हुआ , अभिव्यक्त होने... Hindi · कविता 125 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Jun 2024 · 1 min read भरम आलम -ए - तन्हाई है , फिर ये जुस्तुजू किसकी है , जो बहार अब तक ना आई , फिर गुलों में ये खुशबू किसकी है , हर सम्त तीरगी... Hindi · कविता 1 173 Share Shyam Sundar Subramanian 20 May 2024 · 1 min read बदलाव हर अंधेरी रात के बाद रोशन सुबह का आग़ाज़ होता है हर ग़म के बाद फिर खुशी का एहसास होता है , 'अमल -ए -इर्तिका में शाहकार मिटते बनते रहते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 141 Share Shyam Sundar Subramanian 20 May 2024 · 1 min read इंसानियत का वुजूद झूठ का बोलबाला है , सच बोलने वाले का मुंह काला है , दर परत झूठ की परतों में सच्चाई को छुपाया जाता है , बार-बार झूठ सुनने से सच... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 2 136 Share Shyam Sundar Subramanian 19 May 2024 · 1 min read असर निग़ाहे नाज़ का ये असर है जिससे तू बे-ख़बर है , दीवाना बना दे ज़माने को ऐसी तेरी नजर है , चश्मे साग़र से पिला मदहोश कर देती हो ,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 117 Share Shyam Sundar Subramanian 19 May 2024 · 1 min read रुख़्सत इस शहर की यादगारों को साथ ले चला हूँ , बीते हुए लम्हों का हिसाब साथ ले चला हूँ , रंजिशे, अदावतें छोड़, प्यार साथ ले चला हूँ , सरगर्मी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 152 Share Shyam Sundar Subramanian 18 May 2024 · 1 min read खुली किताब एहसास के पन्नों पर लिखी हुई एक खुली किताब हूँ, गुज़री हक़ीक़त का सिलसिलेवार हिसाब हूँ , यादों की धूल भी कुछ लगी हुई है, साज़िशों से कुछ पन्ने भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 113 Share Shyam Sundar Subramanian 15 May 2024 · 1 min read समझौता गुज़रे हुए पलों सा एहसास ना कराओ मुझे , पीछे छूट गया जो साथ याद ना दिलाओ मुझे , एक नई राह में सफ़र का आगाज़ कर चुका हूं मैं... Hindi · कविता 1 245 Share Shyam Sundar Subramanian 10 May 2024 · 1 min read आवाहन देश के युवाओं जागो उठो अपनी शक्ति एवं सामर्थ्य को पहचानो ! आस्था के नाम पर अंधविश्वास के तिमिर से बाहर आओ ! जाति एवं संप्रदाय के नाम पर विघटनकारी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 142 Share Shyam Sundar Subramanian 9 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी - एक सवाल रिश्तों का संसार है ज़िंदगी ये , रिश्तों का जंजाल है ज़िंदगी ये , कोई हंस रहा है किसी की ज़िंदगी पे , किसी पर हंस रही है ज़िंदगी ये... Hindi · कविता 160 Share Shyam Sundar Subramanian 3 May 2024 · 1 min read नज़र नज़र से नज़र का असर है , जो इन नज़रों से बेख़बर है , वो एहसास -ए- शु’ऊर से बेअसर है , किसी ने जन्नत देखी है नज़रों में ,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 125 Share Shyam Sundar Subramanian 3 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी के सौदागर ज़िंदगी की बोली लगती है , क्या तुम ज़िंदगी खरीद पाओगे ? क्या उसकी कीमत तुम चुका पाओगे ? तड़पते जिस्मो जाँ से बग़ावत करती रूह को क्या तुम मना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 164 Share Shyam Sundar Subramanian 3 May 2024 · 1 min read अपने इंसान दुनिया जीतकर भी अपनों से हार जाता है , कभी-कभी अपनों से जीतकर भी अपने आप से हार जाता है , कभी-कभी उसके अपने ही उसकी हार का कारण... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 2 125 Share Shyam Sundar Subramanian 3 May 2024 · 1 min read तेरे शहर में कैसी चली है अब के हवा तेरे शहर में , हर शख़्स हुआ है ब़दग़ुमा तेरे शहर में , इंसां बन गए हैं फ़िरकाप़रस्तों की कठपुतलियाँ तेरे शहर में ,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 127 Share Shyam Sundar Subramanian 3 May 2024 · 1 min read जी चाहता है वो हुस्ऩ -ए – मुजस्स़म मुमताज़ किसी तआ’रुफ़ का मोहताज़ नहीं, उस नज़र- ए – नाय़ाब को किसी तारीफ़ की दरकार नहीं, इक शोला सा है भड़का , कय़ामत के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 144 Share Shyam Sundar Subramanian 3 May 2024 · 1 min read मुंतज़िर जिंदगी के इस सफर में मुझे सबने संगे राह समझा, मुझे ठोकर देखकर गुजरते रहे मैं सब कुछ सहता रहा, फर्ज़ से मजबूर ,जज़्बातों से मा’ज़ूर मैं कुछ ना कह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 155 Share Shyam Sundar Subramanian 3 May 2024 · 1 min read अपने पराए उनके ख़तों को जलाकर देख लिया , उनकी यादों को भुलाकर देख लिया , उनकी तस्वीर को छुपाकर देख लिया , दिल से उनका एहसास मिटता नहीं , ज़ेहन में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 111 Share Shyam Sundar Subramanian 3 May 2024 · 1 min read आरज़ू हसरत नहीं आलीशान महलों की, आरज़ू है इक छोटे से आशियाने की, जो दो दिलों के नूर से रोश़न रहे, जहां दो दिलों का प्यार पले , ज़िंदादिली से ये... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 113 Share Shyam Sundar Subramanian 3 May 2024 · 1 min read चंद पल खुशी के दिल में कुछ अरमान संजोए रखता हूँ , इक एहसास सा महकाए रखता हूँ , वो गुज़रे हसीन लम्हों की यादें , सोज़ -ए – पिन्हाँ जगाती वो बरसातें ,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 108 Share Shyam Sundar Subramanian 2 May 2024 · 1 min read पाक-चाहत कुछ ऐसे होते हैं ,जो दिलो जाँ से अहदे वफ़ा निभाते हैं , कुछ ऐसे होते हैं ,जो भी मरास़िम थे उसे भूल जाते हैं , दौर -ए – इश्क़... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 203 Share Shyam Sundar Subramanian 2 May 2024 · 1 min read क़ुसूरवार ज़िंदगी का खालीपन कुछ रह–रह कर सालता है , सब कुछ हासिल करने पर भी कुछ खाली सा लगता है , ज़िंदगी की दौड़ में औरों से आगे निकलने की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 111 Share Shyam Sundar Subramanian 2 May 2024 · 1 min read कोश़िश मुश्किलें आसान हो जाएंगी ज़रा कोश़िश तो करके देखो ! मुसीबतें सब हल हो जाएगी ज़रा हौसला रखके तो देखो ! इज़्ज़त के मायने समझो ज़रा इज़्ज़त कमाके तो देखो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 128 Share Shyam Sundar Subramanian 2 May 2024 · 1 min read प्यार प्यार की इंतहा नहीं होती , प्यार की ज़ुबाँ नहीं होती , प्यार तो एक ए़़हसास है , जो दिल से म़हसूस किया, और नज़रों से बयां किया जाता है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 137 Share Shyam Sundar Subramanian 2 May 2024 · 1 min read 'आशिक़ी क्या पहली नज़र में प्यार हो जाता है ? जुबाँ गुमसुम रहती है नजरों से इज़हार हो जाता है , दिल से दिल की राह बनती है , ए़हसास ए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 100 Share Previous Page 2 Next