शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 69 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 28 Sep 2020 · 1 min read वो बेटी है ना! वो बेटी है ना! उसे पापा की शर्ट, माँ की साड़ी भाती है। सारे घर को रौशन करके स्वर्ग बनाती है। हंसकर हर जिम्मेदारी चुपचाप उठाती है। भाई का हाथ... Hindi · कविता 4 2 455 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 15 Aug 2020 · 1 min read "भारत देश हमारा है " वुजू करें इस माटी से, भाल तिलक सा मलते हैं। ये जीसस की माला सी, हम "गुरुग्रंथ" सा पढ़ते हैं। ये देश है प्यारे उपवन सा, यहाँ पुष्प अनेको खिलते... Hindi · कविता 6 2 308 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 5 Aug 2020 · 1 min read मुक्तक इन ग़मों ने तो खुशी का मतलब बताया है। ज़माने ने सभी को मातम में भी सताया है। ग़मगीन को हँसा लूँ वो हिम्मत दे मेरे खुदा!, ज़िन्दगी ने इक... Hindi · मुक्तक 6 10 482 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 2 Aug 2020 · 1 min read रेत कह रही है हवाओं को भी ख़बर है कि कोई हवा आई है। जिंदगी को दवा और मौत की मेरे दुआ लाई है। ये बादल बरस रहें इर्द - गिर्द इन रेगिस्तानों के।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 525 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 1 Aug 2020 · 1 min read "वादा है" आ गले लग ए ज़िन्दगी! बहुत हो चुका। वादा है कि तुझे अब कभी और रोने ना दूंगी। रिश्ते बिकते कौड़ियों के भाव सरेबाजार। वादा है तुझे इस भीड़ में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 3 370 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 31 Jul 2020 · 1 min read ए वक्त! एवक्त! तू भी इन चंचल तितलियों सा ही है। जहाँ भी ठहरता है तेरे हर रंग छोड़ देता है। जा़लिम तेरे कारनामें क्या बयां करे ये जहाँ। बनाता है किसी... Hindi · शेर 7 2 302 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 29 Jul 2020 · 1 min read बारिशें लाई है इन पथ्थरों को भी सिखा दो मुस्कुराना कोई। मुद्दतों से जलने की इन्होनें एक सजा पाई है। दे दे काश इन्हें भी कोई भीगने का बहाना कोई। ये हवा अपने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 435 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 29 Jul 2020 · 1 min read "बंदगी लिखूंगी" तुम्हारा साथ मिले गर तो मौत को ज़िन्दगी लिखूंगी। जंगल के सफर को भी जन्नत-ए-बाशिन्दगी लिखूंगी। काफिर कहती है दुनियां ताउम्र मुझे परवाह नहीं , मां तेरे दामन और पिता... Hindi · मुक्तक 12 16 339 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 29 Jul 2020 · 1 min read "ख़्वाहिशें लिखूं" जिंदगी! तेरी आज़माइशें ख़तम हो, मेरी ख़्वाहिशें लिखूँ। बिजली की आतिशें ख़तम हो, रेत पर कुछ बारिशें लिखूँ। कमबख़्त जलती दोपहरी में झुलस रहें तेरे नाज़ुक तलवे, खुदा का रहमों... Hindi · मुक्तक 8 3 294 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 28 Jul 2020 · 1 min read "खोई सी है जिंदगी " खोई सी है जिंदगी इसे खोजने जाना है। वक्त - बेवक्त ही सही पर ढूँढ ही लाना है। जिंदा तो रहते हैं कई साँसो के सहारे पर। मुझे जिंदगी को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 9 10 502 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 28 Jul 2020 · 1 min read वो जीत जाता जिंदगी के इम्तिहान में यूं असफल हो गया। वो जीत जाता गर हराने वाले अपने न होते। कहते हैं ख्वाब देखो आसमानी बुलन्दियों के। वो न टूटके आता गर इतने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 458 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 27 Jul 2020 · 1 min read "गले लगाया ही कहाँ" यकीनन गलत है कि उसने कुछ बताया नही। जो कह रहा था वो तुम्हें सुनने आया ही कहाँ? ढूँढ़-ढूँढकर निकाली थी उसमें खामियाँ तुमने। एक एब भी कभी तुमनें खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 8 252 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 27 Jul 2020 · 1 min read रात का पैगा़म रात आने के साथ एक पैगा़म लाती है। हर निशा पश्चात सुनहरी सुबह आती है। चाँद का मोल भी तो रात से ही होता है। दिन के उजाले में रौशनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 411 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 29 Jun 2020 · 1 min read मैं सौदागर कच्चा हूँ। क्यों तोलते हो समझदारियां मेरी। अभी भी दिलसे मासूम बच्चा हूँ। बिकता है इमान सरेबजार यहाँ। इस बाजार में मैं सौदागर कच्चा हूँ। शक्ल न देख हूँ बड़ा बदसूरत मैं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 274 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 21 Jun 2020 · 1 min read "पिता" मेरी एक चीख से उसका हृदय चित्कार उठता है। मेरे आँख से पढकर वो हर एक गम भांप लेता है। यूं तो आदत में है मेरी हरघडी़ मुस्कुराने की। हँसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 3 239 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 20 Jun 2020 · 1 min read अपने ही नज़र में गिराया गया। थोड़ा-थोड़ा शहद के प्याले में रोज ज़हर पिलाया गया। वो मरने की कगार पर पहुँचा तो खुदखुशी बताया गया। सम्मानित था, सम्मानित रहा उसकी नज़रों में हरदम। बात गैरों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 212 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 20 Jun 2020 · 1 min read गलतियों का जुर्माना आइना सच बोल जाए गर तो वो भी बिखरता है। खुद को असली किरदार में कुबूल कौन करता है। किसी ने अपनी किरदारे-असलियत देखी कब है। गलतियों का जुर्माना खुदसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 4 270 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 19 Jun 2020 · 1 min read बवाल लिखा है। बता मैं तुझे क्या लिखूं ए जिन्दगी। खुदा ने तूझे खूब कमाल लिखा है। ढूढ़ता थक गया जिन जवाबों को। तुझे एसा कठिन सवाल लिखा है। बरसते हैं गम यहां... Hindi · कविता 5 7 299 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 17 Jun 2020 · 1 min read रुठना जरुरी है कभी-कभी खुद से रुठना जरुरी है। थोड़ा सा खुद का टूटना भी जरुरी है। पर यूं नहीं कि खुद को मना न सको। खुद को जोड़कर फिर बना न सको।... Hindi · शेर 2 2 495 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 15 Jun 2020 · 1 min read "अर्थात बदल जाता है " वक्त बदल जाता है हर हालात बदल जाता है। अर्थ बदल जाता है हर अर्थात बदल जाता है। गुजरता है जब तूफान सब कुछ मिटाकर, शख़्स बदल जाता है जज़्बात... Hindi · मुक्तक 4 1 274 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 14 Jun 2020 · 1 min read "साँसे गिनते हुए" जिया नहीं गया हमसे उस कटघरे में ताज्जुब क्या है? मैं ने देखा है कठपुतलियों सी जिन्दा लाशें कई वहाँ चलते हुए। आजाद हूँ कैद गँवारा नहीं मुझे हैं लोग... Hindi · कविता 6 2 514 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 14 Jun 2020 · 1 min read हो जाए जो होना अब है। सच है वक्त रुकता नहीं पर हमने रोका कब है? जो गुजर रहा रब की मर्जी हमने ऐसा सोचा कब है? नहीं है भय किसी बात का भी हो जाए... Hindi · कविता 5 3 278 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 13 Jun 2020 · 1 min read तुम और हम तुम और हम सूखी नदी के दो किनारे। जिसे कभी न लहरें जोड़ सकेगी न हवा। तुम और हम जीवन में हर क्षण के नासूर । जिसे कभी न दुआ... Hindi · कविता 5 446 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 12 Jun 2020 · 1 min read आदत रखो बेवजह ही खूब मुस्कुराने की आदत रखो। जो जले उन्हें और जलाने की ताकत रखो। चलो निरन्तर मंजिल आ गले लग जाएगी, साथ में हौसला और खुदा की इबादत रखो।... Hindi · मुक्तक 6 1 558 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 12 Jun 2020 · 1 min read गलत ही रहे हम खराब थे इस कदर कि किरदार में कोई मिलावट न की। हम गलत थे गलत ही रहे सही होने की भी सजावट न की। -शशि "मंजुलाहृदय" Hindi · शेर 3 369 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 12 Jun 2020 · 1 min read हसीन लिख दिया बड़ी साजिशें की तूफानों ने "जिंदगी" को "हादसा" लिखने की। बेखौफ "वक्त" ने बाजी पलटी और "हसीन" लिख दिया। -शशि "मंजुलाहृदय" Hindi · कविता 2 417 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 12 Jun 2020 · 1 min read शेर "जिंदगी" को भी सजा मिली है "ज़िंदा" होने की। "इल्ज़ाम" था कमबख़्त "मुस्कुराती" बहुत है। -शशि "मंजुलाहृदय" Hindi · शेर 1 193 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 12 Jun 2020 · 1 min read "हालात लिखता हूँ" हाँ डायरी नहीं लिखता मैं कुछ पन्नों पे अपनी बात लिखता हूँ। मीठे शब्द नहीं लिखता मैं कुछ गहरे से आघात लिखता हूँ। दूर हूँ फिजूल की बातों से मैं... Hindi · कविता 3 2 227 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 10 Jun 2020 · 1 min read "पथ्थर रहूंगा हरदम" लगता है किसी की मन्नत रंग ला रही है। धीरे-धीरे ही सही मौत करीब आ रही है। दुआ बेअसर थी, बेअसर ही रही उनकी। शुकर है कोई बद्दुआ मेरे काम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 3 245 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 6 Jun 2020 · 1 min read शेर रिश्तों की हरियाली मुकर्रर नहीं तो जीवन के बागानी में इसकी खुशबू बसा लो। कल टूटना होगा टूटेगी आज की डाली तो खूबसूरत खुशियों से सजा लो। -शशि "मंजुलाहृदय" Hindi · शेर 2 2 235 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 6 Jun 2020 · 1 min read मन की केतली मन की केतली मे मां की प्यारभरी मिठास है पिता के स्नेह का प्यारा गरम सा आभास है। थोड़ी कड़वी पर आदर्श सी स्वाद में भली है। सौंधी खुशबू में... Hindi · कविता 1 2 518 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 4 Jun 2020 · 1 min read मौत नहीं! महज़ सांसो का थमना ही तो मौत नहीं। ठहरी सी जिंदगी भी बेजान ही होती है। -शशि "मंजुलाहृदय" Hindi · शेर 3 4 462 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 4 Jun 2020 · 1 min read रो लिया करती हूँ। हांँ सच है कभी-कभी रो लिया करती हूँ। खुद को ढूढ़ खुद में खो लिया करती हूँ। यूं तो ताल्लुक नहीं है कोई नींद से अब, जागती आँखों से ही... Hindi · मुक्तक 2 4 266 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 4 Jun 2020 · 1 min read तू ही कह ए लेखनी! तू ही कह ए लेखनी! तुझे कैसे हाथ लगाना छोड़ दूं? रगो से बहते लहू में कैसे शब्द-भाव बहाना छोड़ दूं? जीवन के बलिदानों की कोई नीति-रीति तो होगी ना,... Hindi · मुक्तक 3 4 292 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 4 Jun 2020 · 1 min read मातम का त्योहार नहीं करते। ये सच है कि हमें मोहब्बत नहीं आती पर नफरत का व्यापार नहीं करते। महसूस होती है तकलीफ़ दर्द की किसी के मातम का त्योहार नहीं करते। -शशि "मंजुलाहृदय" Hindi · शेर 3 1 223 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 3 Jun 2020 · 1 min read एक वसूल सीखा है एक वसूल रास्ते से, मुड़ता तो हैं सिर्फ आगे बढ़ने को। पिछले मोड़ और चौराहे उसे याद नहीं रहते। -शशि "मंजुलाहृदय" Hindi · शेर 2 503 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 3 Jun 2020 · 1 min read बद्दुआ में किनारा कर लिया हर दुआ ने मेरे रुख से। शायद बद्दुआ में उठे हाथ दुआ से कहीं ज्यादा रहे होगें। -शशि "मंजुलाहृदय" Hindi · शेर 3 395 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 3 Jun 2020 · 1 min read अच्छी ख़बर दोगे क्या? मैने देखा है जो कुछ भी वो कम तो नहीं, नज़रंदाज कर सकूं एसी नज़र दोगे क्या? माना है बेहद काँटों से भरी जिंदगी मेरी, सारे काँटे बदलकर फूल कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 433 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 2 Jun 2020 · 1 min read दर्द की भाषा दर्द की भी अपनी एक भाषा होती है। हर चोट की अपनी परिभाषा होती है। आह गवाह है पीड़ा में नासूर को भी, किसी के दवा-दुआ की आशा होती है।... Hindi · मुक्तक 3 1 305 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 2 Jun 2020 · 1 min read भगवान बना देते हैं। बेहतरीन कारीगरी है इंसानों की, पथ्थर पूज-पूज कर भगवान बना देते हैं। देवता से पवित्र मन को बारम्बार दुत्कार कर, पथ्थर सा विरान बना देते हैं। -शशि "मंजुलाहृदय" Hindi · शेर 1 2 370 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 2 Jun 2020 · 1 min read ए शाम! ए शाम! हमसे कुछ तो बोल, ये हवाएं कौन सी खुशबू ला रहीं है। इन पंक्षियों की चहचहाहट सुन, इतना मधुर न जाने ये क्या गा रहीं है। तारोंभरा दूर... Hindi · कविता 1 327 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 2 Jun 2020 · 1 min read वकालत न दे। जो झूठ की पैरवी करे मुझे वो वकालत न दे। सच शर्मशार करे वो न्यायाधीश,अदालत न दे। कटे सिर मंजूर झूठे लफ्ज अदा न करुं मौला, खामखा़ फ़जीलत से मेरे... Hindi · मुक्तक 2 3 225 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 2 Jun 2020 · 1 min read मज़दूर दूर का सफर है पर खुद के हौसले से पार कर जाएंगे। गिरते-उठते, थमते-चलते, मंजिल तक पहुँच ही जाएंगे। मज़दूर हैं साहब! हमें आदत हैं गहरे-गहरे चोटोंं की, छालों का... Hindi · मुक्तक 2 219 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 2 Jun 2020 · 1 min read "खुशी-खुशी" खुशी-खुशी विदा किया मेहमान की तरह। तेरा आना कुछ-कुछ बरसात सा था। मिलो गर कभी मिलना अनजान की तरह। तेरा रव्वैया कुछ-कुछ बेपरवाह सा था। हमने देखा मुड़कर नहीं यूं... Hindi · कविता 4 523 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 1 Jun 2020 · 1 min read "लिखा था कुछ" रेत पर लिखा था कुछ, वो लहरों में बह गया। हवाओं से कहा था कुछ, वो झोंकों में रह गया। पर्वतों ने जो सुना था कुछ, वही मुझसे कह गया।... Hindi · कविता 3 227 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 1 Jun 2020 · 1 min read "कहाँ तक" कहाँ तक कहोगे अधूरे किस्से कहो एक बात ही सही पर गहराई तो हो। चढे़ मुकाम कई सारे बढ़े बेखौफ वही जिसने जड़ जमीन से लगाई हो। -शशि "मंजुलाहृदय" Hindi · कविता 3 1 515 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 1 Jun 2020 · 1 min read "एक काम कर" कर न कर कुछ बस तू एक काम कर। तेरे हाथों में ये मेरा हाथ रख थाम कर। जो दे ग़म सर झुका करु क़बूल ए खुदा!, कम से कम... Hindi · मुक्तक 2 247 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 1 Jun 2020 · 1 min read "ज़िन्दगी के हर रंग से" जिंदगी के हर रंग से नहाना तो पड़ेगा। कड़वा-तीखा हर स्वाद खाना तो पड़ेगा। कहते है आसान नहीं मुहँ मोड़कर जाना, रिश्ता जैसा भी हो निभाना तो पड़ेगा। -शशि "मंजुलाहृदय" Hindi · मुक्तक 3 2 245 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 31 May 2020 · 1 min read "वो माँ है " मुझ तक आती हर बद्दुआ को बे-असर किया है। जागते-सोते हर घड़ी मेरी ही तो फिकर किया है। हम न होते गर उसके आँचल की छाँव न होती, वो 'माँ'... Hindi · मुक्तक 3 2 389 Share शशि शर्मा "मंजुलाहृदय" 31 May 2020 · 1 min read "राह कौन बताए" सुनसान रातें विरान गलियां हर राहें। भटके पथिक को राह कौन बताए। सहमें से बैठे चौबारे और हर चौराहे। है अमा कोई तारा रोशनी तो जलाए। थमा वक्त मंजर दुबक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 381 Share Page 1 Next