Comments (3)
10 Jun 2020 07:45 PM
तक़दीर के कलम से कोई बच ना पाएगा।
पेश़ानी पर जो लिखा है वो पेश़ आएगा।
श़ुक्रिया !
शशि शर्मा "मंजुलाहृदय"
Author
12 Jun 2020 12:13 PM
अतिसुन्दर…
धन्यवाद!
उत्तम सोच से परिपूर्ण कविता | आप मेरी कहानियाँ ” अफ़सोस” एवं ” मुस्कान लौट आई ” पर भी अपनी प्रतिक्रिया साझा करेंगे तो मुझे ख़ुशी होगी |