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14 Jun 2020 06:50 AM
मौत का खौफ अब कहां।
सोचा जब मौत से दो-दो हाथ कर ले हम जहां।
जीना होगा तो जी लेंगे चंद दिन ज़िंदादिली से।
जो बेहतर है इस क़दर घुट घुट कर खौफ़ में जीने से।
श़ुक्रिया !
मौत का खौफ अब कहां।
सोचा जब मौत से दो-दो हाथ कर ले हम जहां।
जीना होगा तो जी लेंगे चंद दिन ज़िंदादिली से।
जो बेहतर है इस क़दर घुट घुट कर खौफ़ में जीने से।
श़ुक्रिया !
हम रोक भी नहीं सकते हैं ।
धन्यवाद!
सही कहा आपने
धन्यवाद महोदया ?