कृपया निम्न सुधार करें :
फ़जीलत के स्थान पर फज़ीहत
जलालत के स्थान पर ज़लालत
कृपया रचना पोस्ट करने से पहले जांचें अन्यथा अर्थ का अनर्थ हो जाता है।
इस रचना में यह प्रतीत होता है।
महोदय! मैं आपकी भावनाओं एवं
मार्गदर्शन का आदर करते हुए सूचित करना चाहती हूँ कि मैंने यह पंक्तियां अपने विचारों के अनुरुप बिल्कुल ठीक लिखी है।
आपके अनुसार इन शब्दों का अलग अर्थ और माईने हो सकते है। मेरे अनुसार जो है –
खा़मखा फ़जीलत=बेकार की श्रेष्ठता।
ज़लालत= बेइज्जती,अपमान।
आशा करती हूँ आपकी टिप्पणियाँ आगे भी प्राप्त होती रहेंगी।
धन्यवाद! ?
मैं स्पष्ट करना चाहता हूं यदि आप गलती से भी झूठ बोलते हैं तो आप सम्मान की अपेक्षा नहीं कर सकते तब आपका अपमान अर्थात फज़ीहत ही होगी फ़जीलत नही भले ही आपकी कल्पना में वो बेकार हो।
कृपया निम्न सुधार करें :
फ़जीलत के स्थान पर फज़ीहत
जलालत के स्थान पर ज़लालत
कृपया रचना पोस्ट करने से पहले जांचें अन्यथा अर्थ का अनर्थ हो जाता है।
इस रचना में यह प्रतीत होता है।
महोदय! मैं आपकी भावनाओं एवं
मार्गदर्शन का आदर करते हुए सूचित करना चाहती हूँ कि मैंने यह पंक्तियां अपने विचारों के अनुरुप बिल्कुल ठीक लिखी है।
आपके अनुसार इन शब्दों का अलग अर्थ और माईने हो सकते है। मेरे अनुसार जो है –
खा़मखा फ़जीलत=बेकार की श्रेष्ठता।
ज़लालत= बेइज्जती,अपमान।
आशा करती हूँ आपकी टिप्पणियाँ आगे भी प्राप्त होती रहेंगी।
धन्यवाद! ?
मैं स्पष्ट करना चाहता हूं यदि आप गलती से भी झूठ बोलते हैं तो आप सम्मान की अपेक्षा नहीं कर सकते तब आपका अपमान अर्थात फज़ीहत ही होगी फ़जीलत नही भले ही आपकी कल्पना में वो बेकार हो।