Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jun 2020 · 1 min read

“ज़िन्दगी के हर रंग से”

जिंदगी के हर रंग से नहाना तो पड़ेगा।
कड़वा-तीखा हर स्वाद खाना तो पड़ेगा।
कहते है आसान नहीं मुहँ मोड़कर जाना,
रिश्ता जैसा भी हो निभाना तो पड़ेगा।
-शशि “मंजुलाहृदय”

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 225 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
देख कर
देख कर
Santosh Shrivastava
सही पंथ पर चले जो
सही पंथ पर चले जो
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
निगाहें के खेल में
निगाहें के खेल में
Surinder blackpen
" ठिठक गए पल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
प्रेम जब निर्मल होता है,
प्रेम जब निर्मल होता है,
हिमांशु Kulshrestha
पर्यावरण दिवस पर विशेष गीत
पर्यावरण दिवस पर विशेष गीत
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
अभी भी शुक्रिया साँसों का, चलता सिलसिला मालिक (मुक्तक)
अभी भी शुक्रिया साँसों का, चलता सिलसिला मालिक (मुक्तक)
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
कैसे करें इन पर यकीन
कैसे करें इन पर यकीन
gurudeenverma198
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
हिन्दी की मिठास, हिन्दी की बात,
हिन्दी की मिठास, हिन्दी की बात,
Swara Kumari arya
सुखों से दूर ही रहते, दुखों के मीत हैं आँसू।
सुखों से दूर ही रहते, दुखों के मीत हैं आँसू।
डॉ.सीमा अग्रवाल
संघर्ष
संघर्ष
Sushil chauhan
शिक्षक को शिक्षण करने दो
शिक्षक को शिक्षण करने दो
Sanjay Narayan
3129.*पूर्णिका*
3129.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"जुबां पर"
Dr. Kishan tandon kranti
मंजिल तक पहुँचने के लिए
मंजिल तक पहुँचने के लिए
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
भीड़ की नजर बदल रही है,
भीड़ की नजर बदल रही है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
यकीन नहीं होता
यकीन नहीं होता
Dr. Rajeev Jain
यादों से कह दो न छेड़ें हमें
यादों से कह दो न छेड़ें हमें
sushil sarna
संकल्प
संकल्प
Bodhisatva kastooriya
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
कवि दीपक बवेजा
अपने किरदार में
अपने किरदार में
Dr fauzia Naseem shad
मजदूर
मजदूर
Harish Chandra Pande
लोगों को जगा दो
लोगों को जगा दो
Shekhar Chandra Mitra
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
पूर्वार्थ
प्रेम शाश्वत है
प्रेम शाश्वत है
Harminder Kaur
💐प्रेम कौतुक-549💐
💐प्रेम कौतुक-549💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हिंदी मेरी राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है
हिंदी मेरी राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है
SHAMA PARVEEN
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
सुप्त तरुण निज मातृभूमि को हीन बनाकर के विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Loading...