Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2020 · 1 min read

“गले लगाया ही कहाँ”

यकीनन गलत है कि उसने कुछ बताया नही।
जो कह रहा था वो तुम्हें सुनने आया ही कहाँ?

ढूँढ़-ढूँढकर निकाली थी उसमें खामियाँ तुमने।
एक एब भी कभी तुमनें खुद में पाया ही कहाँ?

माना कच्चा था ज़रा रस्मो-रिवाजों में वो कहीं।
होशियारों ने भी उससे रिश्ता निभाया ही कहाँ?

जिंदगी सांसो से जीते महज तो जिन्दा होता वो।
मौत ने भी उसे सलीके से गले लगाया ही कहाँ?
शशि “मंजुलाहृदय”

7 Likes · 8 Comments · 231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेटियां / बेटे
बेटियां / बेटे
Mamta Singh Devaa
दीप्ति
दीप्ति
Kavita Chouhan
फूल खिले हैं डाली-डाली,
फूल खिले हैं डाली-डाली,
Vedha Singh
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
DrLakshman Jha Parimal
एहसास
एहसास
Er.Navaneet R Shandily
Hum mom ki kathputali to na the.
Hum mom ki kathputali to na the.
Sakshi Tripathi
अशोक चाँद पर
अशोक चाँद पर
Satish Srijan
बिना काविश तो कोई भी खुशी आने से रही। ख्वाहिश ए नफ़्स कभी आगे बढ़ाने से रही। ❤️ ख्वाहिशें लज्ज़त ए दीदार जवां है अब तक। उस से मिलने की तमन्ना तो ज़माने से रही। ❤️
बिना काविश तो कोई भी खुशी आने से रही। ख्वाहिश ए नफ़्स कभी आगे बढ़ाने से रही। ❤️ ख्वाहिशें लज्ज़त ए दीदार जवां है अब तक। उस से मिलने की तमन्ना तो ज़माने से रही। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हर वक़्त तुम्हारी कमी सताती है
हर वक़्त तुम्हारी कमी सताती है
shabina. Naaz
ଅନୁଶାସନ
ଅନୁଶାସନ
Bidyadhar Mantry
*बलशाली हनुमान (कुंडलिया)*
*बलशाली हनुमान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
परछाइयों के शहर में
परछाइयों के शहर में
Surinder blackpen
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
मेरे हृदय ने पूछा तुम कौन हो ?
Manju sagar
वह फूल हूँ
वह फूल हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
अपने किरदार में
अपने किरदार में
Dr fauzia Naseem shad
अपनाना है तो इन्हे अपना
अपनाना है तो इन्हे अपना
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
खामोशी से तुझे आज भी चाहना
खामोशी से तुझे आज भी चाहना
Dr. Mulla Adam Ali
खुद के करीब
खुद के करीब
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जब दादा जी घर आते थे
जब दादा जी घर आते थे
VINOD CHAUHAN
"बोलते अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
// प्रसन्नता //
// प्रसन्नता //
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
प्यारा भारत देश है
प्यारा भारत देश है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सुरक्षा
सुरक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
क्षमा अपनापन करुणा।।
क्षमा अपनापन करुणा।।
Kaushal Kishor Bhatt
3300.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3300.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
फ्राॅड की कमाई
फ्राॅड की कमाई
Punam Pande
मत सता गरीब को वो गरीबी पर रो देगा।
मत सता गरीब को वो गरीबी पर रो देगा।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कालजयी रचनाकार
कालजयी रचनाकार
Shekhar Chandra Mitra
सिर्फ़ सवालों तक ही
सिर्फ़ सवालों तक ही
पूर्वार्थ
Loading...