लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा जाता है ..अभद्रता उसको कभी भाती नहीं है@परिमल
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा जाता है ..अभद्रता उसको कभी भाती नहीं है@परिमल