Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2023 · 1 min read

“तुम्हारी गली से होकर जब गुजरता हूं,

“तुम्हारी गली से होकर जब गुजरता हूं,
तुम्हें याद करके थोड़ा सा ठहरता हूं।
आंखें बंद करके सूंघता हूं तुम्हारी महक,
फिर तृप्त होकर ज़िगर के भीतर उतारता हूं।”

1 Like · 396 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मोह लेगा जब हिया को, रूप मन के मीत का
मोह लेगा जब हिया को, रूप मन के मीत का
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नया है रंग, है नव वर्ष, जीना चाहता हूं।
नया है रंग, है नव वर्ष, जीना चाहता हूं।
सत्य कुमार प्रेमी
■ दुर्जन संगठित, सज्जन विघटित।
■ दुर्जन संगठित, सज्जन विघटित।
*Author प्रणय प्रभात*
जिंदगी के वास्ते
जिंदगी के वास्ते
Surinder blackpen
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh paya
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh paya
Sakshi Tripathi
💐प्रेम कौतुक-216💐
💐प्रेम कौतुक-216💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आहटें।
आहटें।
Manisha Manjari
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
डॉ. दीपक मेवाती
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
तुम अगर कविता बनो तो, गीत मैं बन जाऊंगा।
जगदीश शर्मा सहज
साहित्य मेरा मन है
साहित्य मेरा मन है
Harminder Kaur
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि के साहित्य से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकें।
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि के साहित्य से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकें।
Dr. Narendra Valmiki
सत्य खोज लिया है जब
सत्य खोज लिया है जब
Buddha Prakash
हमसफर
हमसफर
लक्ष्मी सिंह
*मिलते जीवन में गुरु, सच्चे तो उद्धार【कुंडलिया】*
*मिलते जीवन में गुरु, सच्चे तो उद्धार【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
अभिव्यक्ति का दुरुपयोग एक बहुत ही गंभीर और चिंता का विषय है। भाग - 06 Desert Fellow Rakesh Yadav
अभिव्यक्ति का दुरुपयोग एक बहुत ही गंभीर और चिंता का विषय है। भाग - 06 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
कोयल (बाल कविता)
कोयल (बाल कविता)
नाथ सोनांचली
दर्द ए दिल बयां करु किससे,
दर्द ए दिल बयां करु किससे,
Radha jha
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
Deepak Baweja
296क़.*पूर्णिका*
296क़.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
है हार तुम्ही से जीत मेरी,
कृष्णकांत गुर्जर
मैं अपने अधरों को मौन करूं
मैं अपने अधरों को मौन करूं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मुझको मिट्टी
मुझको मिट्टी
Dr fauzia Naseem shad
आईना ही बता पाए
आईना ही बता पाए
goutam shaw
ढाई अक्षर वालों ने
ढाई अक्षर वालों ने
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
माँ
माँ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
” सबको गीत सुनाना है “
” सबको गीत सुनाना है “
DrLakshman Jha Parimal
उड़ रहा खग पंख फैलाए गगन में।
उड़ रहा खग पंख फैलाए गगन में।
surenderpal vaidya
जन्म दिन
जन्म दिन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...