Dr.Priya Soni Khare 146 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.Priya Soni Khare 11 Nov 2025 · 1 min read पापा एक बार पापा एक बार वापस आ जाओ फिर से मुझे गोद में उठाओ मेरी बक बक को ध्यान से सुनो अपने हाथों से मुझे खाना खिलाओ पापा प्लीज़ आ जाओ देखो... Hindi · कविता 1 80 Share Dr.Priya Soni Khare 5 Nov 2025 · 1 min read ख़ुदा भीड़ में ख़ुदा से मुलाकात हो गई पहचान गई पर फ़िर दुनिया में खो गई एक रोज़ तन्हा थी मैं मैं का चोला उतार बैठी थी देखा खुदा की रोशनी... Hindi · कविता 58 Share Dr.Priya Soni Khare 1 Nov 2025 · 1 min read चाभी मन के भीतर बंद है अनगिनत कुंठित लम्हे उलझी बातें टूटे ख़्वाब उधड़ी यादें खंडहर हुई मन की इमारत सीली, जली हुई दीवारों में पुराने मज़बूत दरवाज़े उन पर लगे... Hindi · कविता 1 57 Share Dr.Priya Soni Khare 28 Oct 2025 · 1 min read मिट्टी धरती जल अग्नि आकाश वायु पांच तत्वों की काया को घर नदी भोजन सूर्य पेड़ में प्रतिबिंबित कर काया में सांस की आवा जाही को भूल गए एक सांस भी... Hindi · कविता 85 Share Dr.Priya Soni Khare 26 Oct 2025 · 1 min read बेहोशी होश से अच्छी बेहोशी है तेरे क़रीब है जब से बेहोशी है रट लिए थे सारे अक्षर सीख लिया था सलीका भी सुकून में हूं जबसे बेहोशी है चाहतों के... Hindi · कविता 1 80 Share Dr.Priya Soni Khare 14 Oct 2025 · 1 min read उजली रात जब भी रात सुकून से बतयाती है दिनभर की थकान लम्हों में उतर जाती है मन चांदनी ओढ़ कर सो जाता है तन स्वप्न के पंख लगा तारों तक हो... Hindi · कविता 79 Share Dr.Priya Soni Khare 14 Oct 2025 · 1 min read सरल सा मन मन तुम सो क्यों नहीं जाते क्यों बुनते हो व्यर्थ के धागे रात भर उलझन सुलझाते भोर फिर काम में लग जाते अनगिनत कहानियां गढ़ते जाने कितने समझौते करते हर... Hindi · कविता 73 Share Dr.Priya Soni Khare 5 Sep 2025 · 1 min read सबसे अच्छी भाषा मौन है,सबसे अच्छी प्रतिक्रिया मुस्कान। सबसे अच्छी भाषा मौन है,सबसे अच्छी प्रतिक्रिया मुस्कान। Quote Writer 76 Share Dr.Priya Soni Khare 29 Apr 2025 · 1 min read संग – संग कौन है अपना कौन पराया हार जीत की अलग है माया झूठ का पड़ला भारी है अब सच को लेकिन झुका न पाया भीतर कुछ है, बाहर कुछ है दुनिया... Hindi · कविता 1 161 Share Dr.Priya Soni Khare 26 Apr 2025 · 1 min read नया ज़माना फ़सल बो रहे बारूद की और प्रेम उगाना चाह रहे है यहां कुछ लोग गंगा में डुबकी लगा कर पापों का गणित शून्य करना चाह रहे कुत्ता कुत्ता ही मरता... Hindi · कविता 136 Share Dr.Priya Soni Khare 26 Apr 2025 · 1 min read पहचान कोई बंदर दूसरे बंदर से नहीं पूछता तुमने कूदना कहां से सीखा कोई पंछी दूसरे पंछी से नहीं पूछता तुम उड़ते क्यों हो कोई मछली दूसरी मछली से नहीं पूछती... Hindi · कविता 111 Share Dr.Priya Soni Khare 26 Apr 2025 · 1 min read पहाड़ ऊंचाइयों पर सौंदर्य है शांति है प्रेम है फ़िर एक दिन नफ़रत बंदूक और मौत भी पहुंच गए पहाड़ों पर। Hindi · कविता 130 Share Dr.Priya Soni Khare 20 Feb 2025 · 1 min read आस्था के फूल किसने बोए आस्था के बीज कौन है जो आस्था को रोप गया फिर पानी किसी ने ज्ञान की टोटी का किसी ने अज्ञान की टोटी का आस्था का पौधा पुष्पित... Hindi · कविता 1 160 Share Dr.Priya Soni Khare 9 Feb 2025 · 1 min read बोतल में अमृत प्लास्टिक में बंद अमृत ले जाते लोग थक रहे है हाथ बढ़ रहे हैं कदम बोझिल सांसों के साथ तभी पीछे से आया धक्का गिर पड़ा शरीर थमने लगी सांस... Hindi · कविता 159 Share Dr.Priya Soni Khare 4 Feb 2025 · 1 min read दुःख सुख दुःख बुद्ध की दृष्टि से अकारण नहीं दुःख का निराकरण संभव है परन्तु बुद्ध ने सुख की बात न की बुद्ध कहते है दुःख को जान लो यही सुख है। Hindi · कविता 130 Share Dr.Priya Soni Khare 4 Feb 2025 · 1 min read गंगा के तीर मन गंगा निर्मल हुई डुबकी बारंबार। तन मथुरा काशी हुआ महाकुंभ हर बार।। सत् रज तम त्रिवेणी का, संगम है यह शरीर। सत्कर्मों का अमृत पी मन गंगा के तीर।।... Hindi · दोहा 272 Share Dr.Priya Soni Khare 4 Feb 2025 · 1 min read दोहे विकारों में फंसी हुई पांच तत्व की काया। चले नहाने गंगा में ,पकड़े रहते माया ।। चलते चलते थक गए रास्ता भी गए भूल। ठहर लगा लो ध्यान अब खिल... Hindi · दोहा 1 275 Share Dr.Priya Soni Khare 3 Feb 2025 · 1 min read पाप पुण्य गंगा किनारे संतों का मेला है अखाड़े में ज्ञानी है नागाओं की कहानी है कोई कांटों पर लेटा है कोई कुछ नहीं लपेटा है कोई हिमालय से आया है कोई... Hindi · कविता 201 Share Dr.Priya Soni Khare 2 Feb 2025 · 1 min read अद्वैत भटकता मन ध्यानस्थ शरीर भीषण उथल पुथल दुःख का सृजन शान्ति की चाह तीर्थों की राह मंदिर में दर्शन गंगा में तर्पण गोदावरी के तट शिप्रा के घाट व्याकुलता अनंत... Hindi · कविता 136 Share Dr.Priya Soni Khare 2 Feb 2025 · 1 min read गंगा स्नान दुखों की गठरी सर पर उठाए लोग चल रहे है पैरों में भक्ति का जामा चढ़ाए लोग चल रहे है कांधे पर मुक्ति का गमछा लटकाए लोग चल रहे है... Hindi · कविता 1 217 Share Dr.Priya Soni Khare 28 Jul 2024 · 1 min read गुरु पूर्णिमा गुरु चांद है उसने अमावस देखी है गुरु चमकता है परमात्मा के प्रकाश से गुरु ने सभी घटते बढ़ते दिनों में परमात्मा की निकटता प्राप्त की है इसी लिए गुरु... Hindi · कविता 2 253 Share Dr.Priya Soni Khare 28 Jul 2024 · 1 min read सांकल जब से खोली दिल की सांकल तुम्हारे लिए तब से बंद कर दिए किवाड़ जग के लिए। Hindi · कविता 4 317 Share Dr.Priya Soni Khare 11 Jun 2024 · 1 min read मिलन खुद से ही प्यार हुआ जाता है, वो क्या मिले हमसे .... जीना दुश्वार हुआ जाता है, रास्ते वही है, कदम भी वही है, मिला जो साथ...…... दिल उछल उछल... Poetry Writing Challenge · कविता 1 389 Share Dr.Priya Soni Khare 11 Jun 2024 · 1 min read चांद अब हम तेरा दीदार करेगें चांद अब हम तेरा दीदार करेगें दूर से तो देखा है,करीब से भी बात करेगें आप मामा हो या महबूब की सूरत या ब्रह्मांड की खूबसूरत रचना आपके दर पर... Hindi 1 297 Share Dr.Priya Soni Khare 26 May 2024 · 1 min read पहचान तुम मुझे मेरे नाम से जानते हो मेरी ऊर्जा को कहां पहचानते हो ठोकरें ,रुकावटें कांटे सब मंजिल तक पहुंचाते हैं पर तुम हो कि रास्तों को ही मंजिल मानते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 260 Share Dr.Priya Soni Khare 26 May 2024 · 1 min read संस्कारी लड़की तुम उड़ क्यूं नहीं जाती पंख होते हुए भी सहती हो भाग भी नहीं पाती पैर तुम्हारे सही सलामत है बोलती भी नहीं ऊंची आवाज़ में ईश्वर ने मना नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 346 Share Dr.Priya Soni Khare 25 May 2024 · 1 min read शाश्वत सत्य श्वास मिली जब शरीर को रोए चीखें चिल्लाए , श्वास जाए जब शरीर से शांत मुग्ध हो जाए। धड़कन धड़कन प्रेम हो हृदय प्रेम आधार, घृणा ईर्ष्या द्वेष को मत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 2 302 Share Dr.Priya Soni Khare 25 May 2024 · 1 min read जब तुम जब तुम मेरे सामने नहीं होते तो मेरे भीतर होते हो वैसे ही जैसे कछुआ सिमट जाता है मुंह, हाथ, पैर समेट कर अपनी खोली के भीतर, या फिर किसी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 248 Share Dr.Priya Soni Khare 24 May 2024 · 1 min read बुद्धं शरणं गच्छामि दुःख बुद्ध की दृष्टि से वह कारण है जिसका निवारण किया जा सकता है पर बुद्ध ने सुख की बात नहीं की क्योंकि दुःख को जान लेना ही सुख है। Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 248 Share Dr.Priya Soni Khare 21 May 2024 · 1 min read गुजरा ज़माना गांव फिर से बसाने होंगे पेड़ मिट्टी में लगाने होंगे कोने में पड़े मूसल और सिलबट्टे वापस आंगन में सजाने होंगे मां जिन लड्डू और हलवा को हमें डांट कर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 314 Share Page 1 Next