Lalita Kashyap Tag: कविता 131 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Lalita Kashyap 2 Jun 2024 · 1 min read नये विचार विधा त्रेता दण्डक मापनी- 12-12-12-12-12-12-12-12-12-12-12-12-12-1 विषय-नये विचार नए विचार से लिखो चलो पसार के, नवीन पंख खोल के भरो उड़ान। सुभाग कल्पना रहे नहीं रुके कभी, नदी प्रवाह धार सी... Hindi · कविता 2 62 Share Lalita Kashyap 8 Dec 2023 · 1 min read मानव अधिकार आल्हा छंद 16/15 पर यति विषय-मानव अधिकार जीवन में तज दो सदा स्वार्थ ,रख लो मानवता का मान। मानव अधिकार है सदा से, परहित जीवन जीना शान।। रख लो मान... Hindi · कविता 2 1 123 Share Lalita Kashyap 8 Sep 2023 · 1 min read कृष्ण लीला डमरु घनाक्षरी वार्णिक छंद,सभी वर्ण लघु विधा-8,8,8,8 विषय- कृष्ण लीला नटवर मनहर,अवतरण मदन। जग तम घट- घट, अनवरत सघन। लखत -लखत जग, सजल नयन भर । छम- छम बरसत ,घट... Hindi · कविता 244 Share Lalita Kashyap 1 Jun 2023 · 1 min read पावन पटल प्रदत विषय- पावन पटल हमारा, इसकी छटा निराली। मुक्तक छंद 1222,1222,1222,1222 पटल पावन हमारा है ,छटा इसकी निराली है। किताबी लेख लिखते हैं ,पकी फलदार डाली है। रसों की धार... Hindi · कविता 221 Share Lalita Kashyap 27 May 2023 · 1 min read शब्द मंच को नमन विषय - शब्द विधान = 16/14 वर्णमाला की फुलवारी से, सजी चमन क्यारी क्यारी। शब्द -शब्द की इस बगिया में ,वाक्य लहर प्यारी- प्यारी। ज्वारें उठती नित... Hindi · कविता 1 236 Share Lalita Kashyap 17 May 2023 · 1 min read भाग्य विषय-भाग्य मात्रा -14/15 कर्म से भागे मत फिरो, कर्म ही भाग्य बनाता है। मनुज कर्म की सद्गति से, उज्जवल मस्तक पाता है। सुख-दुखों के व्यापार में, जिसने भी शांति पाई... Hindi · कविता 185 Share Lalita Kashyap 16 Apr 2023 · 1 min read हालात के तीरों से छलनी है बदन अपने विषय -हालात के तीरों से छलनी हैं बदन अपने। बहुत हसरतें थी जिंदगी में अपने। बहुत देखे थे हसीन सपने। नागवार जमाने को मंजूर न था। हालात के तीरों से... Hindi · कविता 226 Share Lalita Kashyap 15 Mar 2023 · 1 min read अर्पण मुक्तक अर्पण 1222,1222,1222,1222 करूं क्या नाथ अर्पण मै, सभी तेरा नजारा है । नहीं कुछ पास है मेरे, दिया तेरा सहारा है। रहे बस भाव मनहर से ,सुगंधित प्रेम तेरा... Hindi · कविता 1 164 Share Lalita Kashyap 4 Feb 2023 · 1 min read बसंत ऋतु कुकुभ छंद विषय- बसंत ऋतु मात्रा- 16/14 अंत,-22 पहन बसंती साफा छुपकर,कौन चमन शर्माता है? कली-कली से लाड़ लड़ाए,पात-पात भरमाता है। तरुवर -तरुवर झूम झूम कर, अंग अंग महकाता है।... Hindi · कविता 93 Share Lalita Kashyap 3 Feb 2023 · 1 min read बसंत ताटंक छंद विषय बसंत मात्रा - 16/14 अंत-222 रूप बसंती मधुर माधुरी, हृदय सभी मन भाया है। नीलांबर पर छिटते बादल, छम- छम जल बरसाया है। कांधे पर झूम ऋतुराज... Hindi · कविता 247 Share Lalita Kashyap 14 Nov 2022 · 1 min read नखरे विषय नखरे उल्टे वसन देह धारण कर, घूमे आंगन द्वार । देख छवि जब आई हंसी, रूठ गई सुरनार। भृकुटी तान कर बैठ गई, सतवंती गुलनार। क्षुधा उदर की बढ़... Hindi · कविता 1 1 192 Share Lalita Kashyap 2 Nov 2022 · 1 min read शिखर सभी वर्ण लघु सृजन शब्द शिखर वर्ण गनणा 8,8,8,8 अनुप्रास अलंकृत बदल-बदल छव, नित नित जलधर, फिरत-फिरत नित,शिखर-शिखर पर, दमक-दमक अरु, गरज-गरज कर, छम-छम बरसत, रिमझिम महि पर। पवन सहित... Hindi · कविता 3 1 170 Share Lalita Kashyap 25 Oct 2022 · 1 min read अयोध्या आगमन वार्णिक छंद शैल सुता छंद शीर्षक---आयोध्या आगमन मापनी-111 121 121 121 121 121 121 12 अगन समान दिखे मुख मंडल रावण क्या कुछ पावत है? जप-जप नाम सिया रघुनंदन कौशल... Hindi · कविता 1 1 139 Share Lalita Kashyap 3 Aug 2022 · 1 min read सावन कुकुभ छंद सावन सावन घिर- घिर सकल जगत में, नित घोर घटा बरसाए। घोर तृष्णा मिटे धरती की ,जलाशय खूब भर आए। मिटे ताप सकल धरातल का, रुत मधुर- मधुर... Hindi · कविता 273 Share Lalita Kashyap 26 Jul 2022 · 1 min read आंखों में बरसात हुई आंखों से बरसात हुई मात्रा भाग 16/ 14 घिरे गगन में काले बादल, क्यों मन में हरारत हुई। टूटा दिल का टुकड़ा -टुकड़ा , आंखों में बरसात हुई। मीठे बोल... Hindi · कविता 1 295 Share Lalita Kashyap 15 Jun 2022 · 1 min read टूटे पंखों से लिख दूं मैं, बना लेखनी ऐसी कविता। गीत प्रदत पंक्तियां- टूटे पंखों से लिख दूं मैं, बना लेखनी ऐसी कविता। मात्रा भार 16/14 मधुर-मधुर हिय उठे कामना, मन का भाव सुहावन हो। उर में उष्मित वैरभाव का,... Hindi · कविता 2 1 157 Share Lalita Kashyap 8 May 2022 · 1 min read मां मां ममता मात त्रिभुवन समाई। मां की शक्ति वरणी न जाई।। मात अतुलित प्रेम का सागर। पल-छिन ममता करे उजागर।। जनक- जननी बिन सृष्टि सूनी। पा संतति हो खुशियां दूनी।।... Hindi · कविता 145 Share Lalita Kashyap 9 Mar 2022 · 1 min read कोयल कोयल कुण्डलिया छंद कूके कोयल बाग में ,मीठे रस की धार। मिश्री घोलती कान में, सुनते बारंबार।। सुनते बारंबार, छाई मधुमास बेला। सूरत -सीरत श्याम, कंठ भी मधुर सुरीला।। उड़... Maithili · कविता 1 1 383 Share Lalita Kashyap 8 Mar 2022 · 1 min read नारी शक्ति नारी शक्ति जहां -जहां तेरा बास है नारी, गलियां सदा मनभावन रहे। जिस घर तेरी पूजा होवे, नारियां सदा सुहागन रहे। रोग -शोक निकट न आवे, जहां तेरा गुणगान होवे।... Hindi · कविता 3 2 225 Share Lalita Kashyap 23 Feb 2022 · 1 min read श्री कृष्ण उल्लाला छंद श्री कृष्ण कर के दर्शन मुरारी के, गुण गाती उस भेष की। नैन प्यारे गिरधारी के, सुंदर मूर्त नरेश की।। है अधर पंखुड़ी कमल की, श्याम वर्ण घन... Hindi · कविता 1 379 Share Lalita Kashyap 19 Feb 2022 · 1 min read समा हौर ज़िन्दगी हिमाचल प्रदेश की बाघली कविता समा हौर ज़िन्दगी त्याड़िया खे सारा काम करना, रात्ती खे सोचो-विचारो दे पड़ना माणुआ रे ऐते ढाल़-चिणो दे ज़िन्दगी निकल़ी जाओ ई। ये जिंदगी भी... Hindi · कविता 160 Share Lalita Kashyap 13 Feb 2022 · 1 min read राष्ट्र भाषा हिंदी दोहे राष्ट्र भाषा हिंदी हिन्द भाषा सुवासिनी, हिंदी जिसका नाम। मधुर वाणी प्रकाशिनी,हिन्द देश है धाम।। मधुरम हृदय सुभाषिनी,भारत राष्ट्र भाष। हृदय सुखकर लुभावनी, ध्वज झूले आकाश।। ललिता कश्यप गांव... Maithili · कविता 1 1 201 Share Lalita Kashyap 12 Feb 2022 · 1 min read नाम जपो मतगयंद सवैया(मालती सवैया छंद) नाम जपो नाम जपे दिन - रैन नहीं ,मन का पन डोलत-डोलत जाए। भाव रहे सम संग सभी, विष भाव न अंतर घोलत पाए। रूप अनंत... Hindi · कविता 235 Share Lalita Kashyap 12 Feb 2022 · 1 min read श्रीहरि मतगयंद सवैया श्री हरि दीनन के तुम दीनदयाल, रखो हस्त शीश सदा वरदाई। मैं नहीं जानत कौन विधी, कर पूजन खूब करुं बड़याई। बालक हूं अनजान सदा अब, नाथ तुम्हीं... Hindi · कविता 222 Share Lalita Kashyap 10 Feb 2022 · 1 min read मित्रता मित्रता मित्र- मित्रता हो ऐसी, ज्यूं संग चांद के चांदनी। कानों घुलती मिश्री हो, ज्यूं संग राग के रागिनी। सुख-दुख में सदा साथ रहे, बादल संग ज्यूं दामिनी। प्रेम प्रभा... Hindi · कविता 309 Share Lalita Kashyap 4 Feb 2022 · 1 min read बसंत पंचमी , बसंत पंचमी बसंती दुल्हन सज रही, कर -कर पीत शिंगार। पीत चुनरी, पीत साड़ी, पीत गल माला हार। साड़ी जड़ी टेसू, कुज्जा, अमलतास, कचनार। हाथ रचे गुल मेहंदी, अधर... Hindi · कविता 457 Share Lalita Kashyap 30 Jan 2022 · 1 min read वाह रे मानव वाह रे मानव साथ माटी का रिश्ता है तेरी काया से। काहे दम भरता है झूठी मोह माया से।। खुशी या गम हो या दुख कोई हजार दे। मस्तराम बनकर... Hindi · कविता 367 Share Lalita Kashyap 28 Jan 2022 · 1 min read तन-मन कंचन कैसे होगा? तन-मन कंचन कैसे होगा? छाई निर्मल तन घटा, घटा न हृदय अहंकार। जीना -जीना क्या हुआ, न पाए उच्च संस्कार। नाम तज उस ईश्वर का, भोग विलास अपनाया। निज देह... Hindi · कविता 1 1 440 Share Lalita Kashyap 27 Jan 2022 · 1 min read प्राकृतिक सुंदरता प्राकृतिक सुंदरता मैं देखुं जिस ओर सखी री, मेरे सामने प्राकृतिक सौंदर्य। जल को देखके, थल को देखके, हो गई मै तो बावरिया। नभ की गरजती बिजली देखी, देखी हिम... Hindi · कविता 1 239 Share Lalita Kashyap 25 Jan 2022 · 1 min read वीर सिपाही वीर सिपाही भूल बैठा वह प्रेम संबंध को, बिसर गए सब तीज त्यौहार। याद उसे बस एक सौगंध, केवल अपने देश का प्यार। छोड़े अपने रिश्ते -नाते, छूटा अपना कुटुंब... Hindi · कविता 2 212 Share Lalita Kashyap 20 Jan 2022 · 1 min read तितली तितली विधा चौपाई उपवन मटके तितली रानी। फर- फर उड़ती कर मनमानी।। सुंदर पंख , रंग रंगीले। कुछ गहरे हैं कुछ चटकीले।। दूर ही उड़े हाथ न आती। पीछे -पीछे... Hindi · कविता 2 247 Share Lalita Kashyap 13 Jan 2022 · 1 min read त्योहार स्वर्णमुखी छंद त्योहार मिल कर सब लोहड़ी मनाएं। प्रेम शाख पर फूल खिला कर, सब धर्मों को गले लगा कर, हर उत्सव का जश्न मनाएं। कभी प्रेम के दीप जलाएं।... Hindi · कविता 1 309 Share Lalita Kashyap 12 Jan 2022 · 1 min read बादल स्वर्णमुखी छंद बादल उमड़- घुमड़ के उड़ते बादल। आसमान में आते-जाते, घोर शोर से छाते जाते। बूंदो को बरसाते बादल। बिजली को चमकाते बादल। खेतों को लहराते जाते, बागों को... Hindi · कविता 208 Share Lalita Kashyap 11 Jan 2022 · 1 min read प्रकृति स्वर्ण मुखी छंद प्रकृति पर्वत -पर्वत धवल हो गए।तरुवर-तरुवर झड़ रहे पात, दिवस घनेरे, ठिठुरते रात। नदी -नाले भी चुप हो गए। सन सना कर समीर बह रही। शीतल जल... Hindi · कविता 401 Share Lalita Kashyap 11 Jan 2022 · 1 min read वसुन्धरा वसुंधरा सुंदर सौम्य स्वभाव धारिणी, विश्व धारणी उपकार करें। नाना प्रकार वनस्पति लुटा कर, अनंत जीवो का भरण करें। तव तन चीर प्रस्फुटित जलधारा, नदियां, झरने ,दरिया बहे। शीतल जलपान... Hindi · कविता 227 Share Lalita Kashyap 8 Jan 2022 · 1 min read जय शनिदेव जय शनिदेव जय शनिदेव भानु सुत, कृपा निधान छाया पुत, यम -यमी ,मनु, ताप्ती ,अश्विनी तेज ताप तव जाए न बरणी। श्याम रूप चार भुजा धारी, मस्तक साजे रतन मुकुट... Hindi · कविता 1 1 242 Share Lalita Kashyap 7 Jan 2022 · 1 min read मैं अंजान मै अंजान मैं जब थी गर्भ के अंदर, लटकी उल्टे सिर के भार। हाथ जोड़ विनती मैं करती, अब तो मुक्ति दो भगवान। जब मैं आई गोद में, निकली कोख... Hindi · कविता 450 Share Lalita Kashyap 4 Jan 2022 · 1 min read एक रात की बात एक रात की बात बैठी रात के एकांत में, कागज कलम लिए हाथ। अचानक एक आवाज आई, लड़ाई की बौछार लाई। देखा तो दो नारियां थी, अनुपम सुंदर प्यारी थी।... Maithili · कविता 193 Share Lalita Kashyap 4 Jan 2022 · 1 min read आखिर क्यों? आखिर क्यों? यह दर्द है जिनके पास, धीरज है उनके पास क्यों? सुंदर चांद को देख चकोरा, झूठी आस लगाए क्यों? तान बांसुरी की अति मधुर, फिर तन पर छेद... Hindi · कविता 199 Share Lalita Kashyap 2 Jan 2022 · 1 min read ईद का चांद ईद का चांद मुद्दत हुई दीदार को पिया, क्यों ईद का चांद बन बैठे। यह बाहें तेरे प्यार को तरसे, हम आंखों में अश्क छुपा बैठे। कभी छलकते पैमाना बन... Hindi · कविता 268 Share Lalita Kashyap 1 Jan 2022 · 1 min read नववर्ष नववर्ष जाने वाला साल तो मित्रों, दे गया हमें विभिन्न स्वाद। कुछ खट्टा -मीठा ,तिक्त ,क्षारिय और दे गया कई अवसाद। नूतन वर्ष का क्या भरोसा, 2021का भी किया था।... Hindi · कविता 1 252 Share Lalita Kashyap 27 Dec 2021 · 1 min read बरसात सार छंद मात्रा भार 16-12 अंत गुरु , गुरु बरसात घोर नाद जब जल बरसाए, रौद्र रूप दिखलाए। ताल-तलैया सब भर जाते, तांडव नाच नचाए। रिमझिम सी मधुर फुहारों में,... Hindi · कविता 290 Share Lalita Kashyap 26 Dec 2021 · 1 min read चन्द्रशेखर आजाद चन्द्रशेखर आजाद विधा मनहरणघनाक्षरी भारत माता का लाला, देखने में भोला भाला, आजादी का मतवाला, याद कर लीजिए। चंद्रशेखर था नाम, बड़े-बड़े करे काम, अंग्रेजों के होश छीने, हाथ जोड़... Hindi · कविता 1 364 Share Lalita Kashyap 26 Dec 2021 · 1 min read सुभद्रा कुमारी चौहान सुभद्रा कुमारी चौहान हिंदी साहित्य की प्रतिष्ठित कवयित्री जिसका करते भारतीय गुणगान भावनाओं को प्रभावित करती रचनाएं लिखती थी सुभद्रा कुमारी चौहान। 16 अगस्त 1904 नाग पंचमी के दिन निहालपुर... Hindi · कविता 180 Share Lalita Kashyap 26 Dec 2021 · 1 min read रामधारी सिंह दिनकर रामधारी सिंह दिनकर आधुनिक युग के वीर रस के कवियों में, उदित हुआ श्रेष्ठ कवि दिनकर के समान। क्रांति का बिगुल बजाने वाला कभी, हिंदी साहित्य में रखते थे अग्रणी... Hindi · कविता 306 Share Lalita Kashyap 24 Dec 2021 · 1 min read बनी माता जब पहली बार बनी जब माता पहली बार गई सब अठखेलियां और, यौवन का सब अल्हड़पन। नदी से बहती जा रही, भूल गया मधुर बचपन। मैं उस डार की चिड़िया थी, जो दूर... Hindi · कविता 1 376 Share Lalita Kashyap 21 Dec 2021 · 1 min read नार नवेली नार नवेली मात्रा भार १६ निशा सुशोभित तरुण कलाधर ज्वार तरंगे खेले सागर ऊपर नाचे नार नवेली हो मदमस्त सुरनार अकेली। सौम्या देह छाई तरुणाई है चंद्रमुखी कटि बलखाई भौहें... Hindi · कविता 2 1 235 Share Lalita Kashyap 21 Dec 2021 · 1 min read राधेश्याम राधे श्याम हे राधे तू बड़भागिनी मिला जो कान्हा का साथ मुरली मोर मुकुट से अधिक स्नेह रखते हैं त्रिलोकीनाथ । कभी रूठते कभी मनाते ना करते दृष्टि से ।दूर... Hindi · कविता 1 1 222 Share Lalita Kashyap 20 Dec 2021 · 1 min read श्री हरि श्री हरी हे हरि हे लक्ष्मी प्रिय करवद्ध नमन करो स्वीकार , लोचन प्यासे दरस तिहारे है नैन पटल के खुले द्वार । मैं अज्ञानी मूढ़ मति अति दूर प्रभु... Hindi · कविता 3 3 465 Share Lalita Kashyap 14 Dec 2021 · 1 min read जय जगदम्बा भवानी जय जगदम्बा भवानी है महामाया दुर्गा नवरूपिणी जगदम्बा नमस्तुभ्यम् नमस्तुभ्यम अश्व,सिंह,वृषभ,गदर्भ,कमल आरुड़ वाहन हे महाशक्ति जगदम्बा नमस्तुभ्यम् नमस्तुभ्म् शंख,चक्र,गदा,त्रिशूल,कमल,भाला माला ,खड़ग खप्पर धारिणी आदशक्ति नमस्तुभ्यम् नमस्तुभ्यम् दानव दल संहारिणी,पाप पुञ्जनाशिनी... Hindi · कविता 409 Share Page 1 Next