Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2022 · 1 min read

श्री कृष्ण

उल्लाला छंद

श्री कृष्ण

कर के दर्शन मुरारी के, गुण गाती उस भेष की।
नैन प्यारे गिरधारी के, सुंदर मूर्त नरेश की।।

है अधर पंखुड़ी कमल की, श्याम वर्ण घन राज सा।
कुंडल झूमे कपोलों पर, रूप मधुर बृजराज का।।

मोर मुकुट तिरछा सुहावे,रंग गुलाबी गाल का।
लचक कमान खाती भौंहें, तिलक सुहावे भाल का।।

पीत वसन अरु कर मुरलिया, खनक पग पैंजनिया की।
हृदय खिलाती मधुर वाणी, मधुर तान मुरलिया की।

इसी छवि के बलि-बलि जाऊं,है आशा दिन रैन की।
नित्य छवि के दर्शन पाऊं, प्यास मिटे इन नैन की।।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश

Language: Hindi
1 Comment · 344 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दरकती ज़मीं
दरकती ज़मीं
Namita Gupta
ख़ुद को ख़ोकर
ख़ुद को ख़ोकर
Dr fauzia Naseem shad
बेटा राजदुलारा होता है?
बेटा राजदुलारा होता है?
Rekha khichi
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
Anil Mishra Prahari
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त नारी शक्ति को सादर
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त नारी शक्ति को सादर
*Author प्रणय प्रभात*
* इंसान था रास्तों का मंजिल ने मुसाफिर ही बना डाला...!
* इंसान था रास्तों का मंजिल ने मुसाफिर ही बना डाला...!
Vicky Purohit
मेरे अंदर भी इक अमृता है
मेरे अंदर भी इक अमृता है
Shweta Soni
मन की आँखें खोल
मन की आँखें खोल
Kaushal Kumar Pandey आस
बीज और विचित्रताओं पर कुछ बात
बीज और विचित्रताओं पर कुछ बात
Dr MusafiR BaithA
"बयां"
Dr. Kishan tandon kranti
अपनी कलम से.....!
अपनी कलम से.....!
singh kunwar sarvendra vikram
आदित्य(सूरज)!
आदित्य(सूरज)!
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
कान खोलकर सुन लो
कान खोलकर सुन लो
Shekhar Chandra Mitra
स्थाई- कहो सुनो और गुनों
स्थाई- कहो सुनो और गुनों
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*फूलों का त्यौहार ( कुंडलिया )*
*फूलों का त्यौहार ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
जिंदगी की सड़क पर हम सभी अकेले हैं।
जिंदगी की सड़क पर हम सभी अकेले हैं।
Neeraj Agarwal
నా గ్రామం
నా గ్రామం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
पूरा जब वनवास हुआ तब, राम अयोध्या वापस आये
Dr Archana Gupta
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
2983.*पूर्णिका*
2983.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रामेश्वरम लिंग स्थापना।
रामेश्वरम लिंग स्थापना।
Acharya Rama Nand Mandal
नव कोंपलें स्फुटित हुई, पतझड़ के पश्चात
नव कोंपलें स्फुटित हुई, पतझड़ के पश्चात
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बातें
बातें
Sanjay ' शून्य'
ज़ीस्त के तपते सहरा में देता जो शीतल छाया ।
ज़ीस्त के तपते सहरा में देता जो शीतल छाया ।
Neelam Sharma
Quote
Quote
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नारी को सदा राखिए संग
नारी को सदा राखिए संग
Ram Krishan Rastogi
नींद
नींद
Kanchan Khanna
बारिश के लिए
बारिश के लिए
Srishty Bansal
Teri gunehgar hu mai ,
Teri gunehgar hu mai ,
Sakshi Tripathi
Loading...