Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2022 · 1 min read

नखरे

विषय नखरे

उल्टे वसन देह धारण कर,
घूमे आंगन द्वार ।
देख छवि जब आई हंसी,
रूठ गई सुरनार।

भृकुटी तान कर बैठ गई,
सतवंती गुलनार।
क्षुधा उदर की बढ़ रही,
दुखी सारा घरवार।

आज श्रृंगार उसने किया,
हंस रहा संसार।
आंख में अंजन, दांत में मंजन मटक रही मजेदार।

भूख पेट की सता रही,
नहीं माने सरकार।
नखरे दिखा- दिखा रो रही ,
बहाए आंसू जार- जार।

ललिता कश्यप जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 148 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बादल छाये,  नील  गगन में
बादल छाये, नील गगन में
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मित्रता-दिवस
मित्रता-दिवस
Kanchan Khanna
दिल तड़प उठता है, जब भी तेरी याद आती है,😥
दिल तड़प उठता है, जब भी तेरी याद आती है,😥
SPK Sachin Lodhi
💐Prodigy Love-49💐
💐Prodigy Love-49💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नारी के सोलह श्रृंगार
नारी के सोलह श्रृंगार
Dr. Vaishali Verma
अलसाई शाम और तुमसे मोहब्बत करने की आज़ादी में खुद को ढूँढना
अलसाई शाम और तुमसे मोहब्बत करने की आज़ादी में खुद को ढूँढना
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
Manoj Mahato
2366.पूर्णिका
2366.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कलमबाज
कलमबाज
Mangilal 713
इंडियन टाइम
इंडियन टाइम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
एक ही तो, निशा बचा है,
एक ही तो, निशा बचा है,
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
Quote
Quote
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*जिंदगी-भर फिर न यह, अनमोल पूँजी पाएँगे【 गीतिका】*
*जिंदगी-भर फिर न यह, अनमोल पूँजी पाएँगे【 गीतिका】*
Ravi Prakash
"ओट पर्दे की"
Ekta chitrangini
इस दौर में सुनना ही गुनाह है सरकार।
इस दौर में सुनना ही गुनाह है सरकार।
Dr. ADITYA BHARTI
यही जीवन है
यही जीवन है
Otteri Selvakumar
सच
सच
Neeraj Agarwal
हो गये अब हम तुम्हारे जैसे ही
हो गये अब हम तुम्हारे जैसे ही
gurudeenverma198
"चाँद चलता रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
जियो जी भर
जियो जी भर
Ashwani Kumar Jaiswal
बाल नहीं खुले तो जुल्फ कह गयी।
बाल नहीं खुले तो जुल्फ कह गयी।
Anil chobisa
#उपमा
#उपमा
*Author प्रणय प्रभात*
★बरसात की टपकती बूंद ★
★बरसात की टपकती बूंद ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
फेसबुक
फेसबुक
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
डॉ० रोहित कौशिक
क्या क्या बताए कितने सितम किए तुमने
क्या क्या बताए कितने सितम किए तुमने
Kumar lalit
जीवन तब विराम
जीवन तब विराम
Dr fauzia Naseem shad
इश्क अमीरों का!
इश्क अमीरों का!
Sanjay ' शून्य'
हमने सबको अपनाया
हमने सबको अपनाया
Vandna thakur
जय भवानी, जय शिवाजी!
जय भवानी, जय शिवाजी!
Kanchan Alok Malu
Loading...