Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2022 · 1 min read

त्योहार

स्वर्णमुखी छंद

त्योहार

मिल कर सब लोहड़ी मनाएं।
प्रेम शाख पर फूल खिला कर,
सब धर्मों को गले लगा कर,
हर उत्सव का जश्न मनाएं।

कभी प्रेम के दीप जलाएं।
सांता बनकर मौज उड़ाएं,
कुछ सेवइयां खा कर आएं,
होली के भी रंग उड़ाएं।

एक गगन है एक धरा है।
वही शशि और वही सितारे,
वायु एक है एक नजारे,
कई फूलों से चमन भरा है।
एक देश में मिलकर रहना।
हम भारतीय मिलकर कहना।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश

Language: Hindi
1 Comment · 288 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*करते हैं प्रभु भक्त पर, निज उपकार अनंत (कुंडलिया)*
*करते हैं प्रभु भक्त पर, निज उपकार अनंत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मैं प्यार के सरोवर मे पतवार हो गया।
मैं प्यार के सरोवर मे पतवार हो गया।
Anil chobisa
उम्र के हर एक पड़ाव की तस्वीर क़ैद कर लेना
उम्र के हर एक पड़ाव की तस्वीर क़ैद कर लेना
'अशांत' शेखर
बात सीधी थी
बात सीधी थी
Dheerja Sharma
बाखुदा ये जो अदाकारी है
बाखुदा ये जो अदाकारी है
Shweta Soni
के अब चराग़ भी शर्माते हैं देख तेरी सादगी को,
के अब चराग़ भी शर्माते हैं देख तेरी सादगी को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दान किसे
दान किसे
Sanjay ' शून्य'
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
कामनाओं का चक्रव्यूह, प्रतिफल चलता रहता है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
** मन में यादों की बारात है **
** मन में यादों की बारात है **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नव दीप जला लो
नव दीप जला लो
Mukesh Kumar Sonkar
इधर एक बीवी कहने से वोट देने को राज़ी नहीं। उधर दो कौड़ी के लो
इधर एक बीवी कहने से वोट देने को राज़ी नहीं। उधर दो कौड़ी के लो
*प्रणय प्रभात*
पत्थर
पत्थर
manjula chauhan
देशभक्ति जनसेवा
देशभक्ति जनसेवा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
!! घड़ी समर की !!
!! घड़ी समर की !!
Chunnu Lal Gupta
बदल गया जमाना🌏🙅🌐
बदल गया जमाना🌏🙅🌐
डॉ० रोहित कौशिक
वक़्त ने हीं दिखा दिए, वक़्त के वो सारे मिज़ाज।
वक़्त ने हीं दिखा दिए, वक़्त के वो सारे मिज़ाज।
Manisha Manjari
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
Shashi kala vyas
भटक ना जाना तुम।
भटक ना जाना तुम।
Taj Mohammad
3240.*पूर्णिका*
3240.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
Sakhawat Jisan
परिणति
परिणति
Shyam Sundar Subramanian
दलितों, वंचितों की मुक्ति का आह्वान करती हैं अजय यतीश की कविताएँ/ आनंद प्रवीण
दलितों, वंचितों की मुक्ति का आह्वान करती हैं अजय यतीश की कविताएँ/ आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है
तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है
VINOD CHAUHAN
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
sushil sarna
जामुनी दोहा एकादश
जामुनी दोहा एकादश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Godambari Negi
"जाल"
Dr. Kishan tandon kranti
नव वर्ष हमारे आए हैं
नव वर्ष हमारे आए हैं
Er.Navaneet R Shandily
एक ख़्वाब सी रही
एक ख़्वाब सी रही
Dr fauzia Naseem shad
Loading...