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15 Mar 2023 · 1 min read

अर्पण

मुक्तक

अर्पण

1222,1222,1222,1222

करूं क्या नाथ अर्पण मै, सभी तेरा नजारा है ।
नहीं कुछ पास है मेरे, दिया तेरा सहारा है।
रहे बस भाव मनहर से ,सुगंधित प्रेम तेरा हो।
रहे बस पास मेरे तुम ,मिले मुझको किनारा है।

जगत के भाव झूठे हैं, जगत में प्रेम झूठा है।
नहीं कोई किसी का है, यहां रिश्ता अनूठा है।
नहीं तेरे बिना मेरा, बसो अब राम हृदय में।
सभी मतलब निभाते हैं, यहां हर रूप झूठा है।

ललिता कश्यप जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 127 Views
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