जगदीश शर्मा सहज 153 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid जगदीश शर्मा सहज 2 May 2022 · 1 min read पिता हिमालय है पिता परिवार की खातिर, हिमालय सा अचल रहता। पिता का साथ है तो झोंपड़ी सा घर महल रहता ।। पिता की हर खुशी कुर्बान, बच्चों के लिए रहती । पिता... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 8 14 582 Share जगदीश शर्मा सहज 4 Feb 2021 · 1 min read 'मधुवन जैसा तेरा यौवन' सुनकर कंगन नूपुर की धुन, मदहोश न अब मैं हो जाऊँ। तुम गीतों की आशा मेरी, जीवन की अभिलाषा मेरी। तुम खिलती धूप सुबह की हो, मैं प्रियदर्शन मैं खो... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 36 442 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Sep 2021 · 1 min read सागर से टकराता कौन आधार छन्द- वीर/आल्ह (मापनीमुक्त मात्रिक) विधान- 31 मात्रा, 16-15 पर, अंत गाल। समान्त- आता, पदान्त- कौन। जीवन नश्वर, मृत्यु अटल है, सच्चा अर्थ सिखाता कौन। सागर में जब लहरें उठतीं,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 229 Share जगदीश शर्मा सहज 11 Oct 2021 · 1 min read खीझ "लिखने-पढ़ने के अलावा तुम्हें और कोई शौक नहीं है क्या?" सरिता ने खीझते हुए आदित्य से कहा । दरअसल सप्ताहांत की छुट्टी में आदित्य घर के जरूरी काम निबटाकर अपनी... Hindi · लघु कथा 4 1 307 Share जगदीश शर्मा सहज 1 Apr 2022 · 1 min read वसंत की हवा वसंत की हवा चली, प्रफुल्ल है कली-कली। प्रसून भी खिले कई, सुगंध है नई-नई । विरंच की विभावरी, किशोर उम्र में ढली। समष्टि में विलास है, मनुष्य में हुलास है।... Hindi · गीत 4 4 286 Share जगदीश शर्मा सहज 5 Jun 2022 · 1 min read धरती माँ धरती कहे मैं मौन हूँ, मैने किया विष का वरण। प्रत्येक प्राणी के लिए, मैंने दिया पर्यावरण।। धूमिल धुआँ मैंने पिया , जलता रहा मेरा हिया। मैंने सहा चिरकाल तक,बढ़ता... Hindi · छंद 4 8 322 Share जगदीश शर्मा सहज 5 Oct 2022 · 2 min read दशानन 🧡 शुभ- विजयादशमी 🧡 ~~~~~~~~ अपने अंदर के रावण का, हमको आज दहन करना है। गुजरे जीवन की कमियों से, शिक्षा ले चिंतन करना है।। गल जाता अभिमान सभी का,... Hindi 4 2 347 Share जगदीश शर्मा सहज 18 Jan 2021 · 1 min read चाहतों के मेले चाहतों की महफिल में,दूर तक अँधेरे हैं। दुश्मनों के कूचे में, टूटे सपने मेरे हैं ।। धड़कनों की डोरी से, तुमको मैंने बॉंधा था, वे-वफा नहीं था मैं,हद से तुमको... Hindi · गीत 3 2 347 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Jan 2021 · 1 min read 'प्रेम' मानव जीवन नीरस होता , प्रेमसुधारस पास न होता । नीड़ज भी उन्मुक्त न होता, भोजन भी रसयुक्त न होता। प्रेम बिना यह सृष्टि न होती, और कहीं उल्लास न... Hindi · गीत 3 4 280 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Jan 2021 · 1 min read बेशर्म रात गुलों का बिछोना बड़ा नर्म है। अलावों भरी ये हवा गर्म है ।। तुम्हारे लवों की हँसी से लगा। मुलाकात की रात बेशर्म है।। -जगदीश शर्मा Hindi · मुक्तक 3 410 Share जगदीश शर्मा सहज 27 Jan 2021 · 1 min read "लाल किला" जो किला गणतंत्र का प्रतिवर्ष ही साक्षी हुआ। क्रांतिकारी राष्ट्रभक्तों ने विनत होकर छुआ ।। जिस किले ने राष्ट्रभक्ति का सबब पैदा किया। आज कुछ उद्दंडियों खूब शर्मिंदा किया।। किंतु... Hindi · कविता 3 4 395 Share जगदीश शर्मा सहज 9 Feb 2021 · 1 min read कुछ हाइकू वसंतागमन के पूर्व १. नई कोपलें निपूते ठूँठ पर रोजाना फलें २. झूमा आँगन मौसम सुहावना हरा बिछौना ३. नूतन वर्ष ऋतुराज वसंत सर्दी का अंत ४. माघ महिना वसंत आगमन शुक्ल पंचमी... Hindi · हाइकु 3 3 227 Share जगदीश शर्मा सहज 10 Feb 2021 · 1 min read 'संगमरमर के जैसी तराशी हो तुम' "ग़ज़ल" तेरा आँचल बदन से जो लहरा गया इन अदाओं से बादल भी बदरा गया. आग दरिया में जैसे लगी हो मगर मैं जमीं पर किनारों से टकरा गया. संगमरमर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 12 289 Share जगदीश शर्मा सहज 1 Oct 2021 · 1 min read आत्मा न जाने कौन से ब्रह्मांड में हम लोग जाते हैं। न जाने कौन से परिवार मे जाकर समाते हैं।। किसी भी योनि में जन्में, अमर है आत्म सत्ता तो। तभी... Hindi · मुक्तक 3 6 255 Share जगदीश शर्मा सहज 12 Oct 2021 · 1 min read "हाय पैसा" जो औरत सिर्फ रुपयों को महत्व देती हो वह पति का प्यार नहीं पा सकती। आजकल हर कोई डिग्री लिए फालतू बैठा है , अतिमहत्वाकांछा हर व्यक्ति के मन में... Hindi · लेख 3 243 Share जगदीश शर्मा सहज 28 May 2022 · 1 min read समय की चाल समय की चाल में बच्चे हमसे आगे निकल गए हम पीछे रह गए, प्रगतिशील युग में हम अपनी सोच, कल्पना शक्ति में जीते रह गए वक्त के आगे हम आंखें... Hindi · कविता 3 4 229 Share जगदीश शर्मा सहज 14 Sep 2022 · 1 min read राष्ट्रगौरव हिन्दी देश का अभिमान हिन्दी, मातृभाषा ज्ञान हिन्दी। गर्व होता है हमारे, राष्ट्र की पहचान हिन्दी ।। है सभी की एक आशा, मान्य हो यह राष्ट्रभाषा । बोलियाँ हों क्षेत्रव्यापी, किन्तु... Hindi 3 155 Share जगदीश शर्मा सहज 5 Oct 2022 · 1 min read लघुकथा- 'रेल का डिब्बा' खचाखच भरी रेल के सामान्य डिब्बे में मोहित जैसे ही ऊपरी सीट पर चढ़ा, निचली सीट पर बैठी लड़की तमतमाकर बोली -"अरे ! दिखाई नहीं देता क्या? यहाँ पहले से... Hindi · लघुकथा 3 266 Share जगदीश शर्मा सहज 27 Jun 2023 · 1 min read किस दुनिया में खोजूँ तुमको किस दुनिया में खोजूँ तुमको, आभासी संसार बड़ा। किस सागर की परिधि नापूँ,सागर का आकार बड़ा।। मेरे मन में बिखरी थी जो, अब तक छूटी गंध नहीं। प्रेम वही होता... Hindi · गीत 3 2 90 Share जगदीश शर्मा सहज 7 Jul 2023 · 1 min read ग़ज़ल सुहाना जब कभी मौसम रहेगा ख़ुशी का हर तरफ़ आलम रहेगा। हवा छूकर फ़िज़ा को तर करेगी वबा का डर न कोई ग़म रहेगा। फ़िकर को छोड़कर कसरत करे जो,... Hindi · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 3 244 Share जगदीश शर्मा सहज 18 Nov 2023 · 1 min read गजल भावनाओं को छुपाना आ गया, बे-जुबानों का ज़माना आ गया। शाम से ठण्डी हवा चलने लगी, सर्द मौसम भी सुहाना आ गया। नाविकों!तूफ़ां मचलकर थम गया, सामने देखो... मुहाना आ... Hindi · ग़ज़ल 3 2 141 Share जगदीश शर्मा सहज 17 Jan 2021 · 1 min read साँझ की लाली छुप रहा सूरज गगन में, सॉंझ के दामन तले। ये जमीं दुल्हन बनी है, दीप तारों के जले।। एक तो अंजान पथ है, आपका यह साथ है। मैं तुम्हारी सांस... Hindi · गीत 2 2 337 Share जगदीश शर्मा सहज 22 Jan 2021 · 1 min read "क्रंदन" नाश करता नशा धूम्र का कण यहाँ, मौत बन डस रहा जहर भीषण यहाँ ! चिकित्सक ले रहा सँभलकर धन यहाँ, किन्तु वह कर रहा जान रक्षण यहाँ ! वायु... Hindi · कविता 2 229 Share जगदीश शर्मा सहज 31 Jan 2021 · 1 min read "अपना वतन" आसमानी रंग भर के, ग़म-खुशी के गीत गाता लाड़ला अपना वतन । पावनी धरती वतन की, दूर तक जिसकी महक। एक भारत का तराना, गूँजता है दूर तक। हूक देते... Hindi · गीत 2 4 488 Share जगदीश शर्मा सहज 3 Feb 2021 · 1 min read "सुबह की धूप आशा है" विधान :- विजात छंदाधारित गीत मात्राभार :- १२२२ १२२२ सुबह की धूप आशा है। विवशता ही निराशा है।। सुखों की आश जीवन में। न होती काश जीवन में।। न होती... Hindi · गीत 2 4 239 Share जगदीश शर्मा सहज 4 Feb 2021 · 1 min read किस बात की नाराज़गी अपनी ज़मीं अपना वतन अपनी कसक ईमान की । किस बात की इतनी क़वायद, गर्मजोशी शान की ।। किस बात की तल्ख़ी बढ़ी किस बात की घबराहटें। किस बात की... Hindi · मुक्तक 2 3 415 Share जगदीश शर्मा सहज 9 Feb 2021 · 1 min read चॉकलेट डे इज़हारे मोहब्बत में लेट हो गए , वो चाय की केतली हम प्लेट हो गए। घर-गृहस्थी की गाड़ी में ऐसे उलझे, हम बबलगम वो चॉकलेट हो गए।। जगदीश शर्मा सहज Hindi · मुक्तक 2 3 259 Share जगदीश शर्मा सहज 30 Sep 2021 · 1 min read नया दौर हम सभी रफ्तार से चलने लगे हैं। शीघ्रता से दिन सभी ढलने लगे हैं।। कर रहे हैं बात अपनी ऊँगलियों से। पास के सम्बंध अब खलने लगे हैं।।(१) भावनाओं के... Hindi · मुक्तक 2 6 263 Share जगदीश शर्मा सहज 5 Oct 2021 · 1 min read लघुकथा-नल की टोंटी सुरेखा- " रवि, मैंने कितनी बार कहा है कि नल की टोंटी में पानी कम आता है जिससे किचिन के काम में ज्यादा समय लगता है,सारी टोंटियां बदलवा लो, तेज... Hindi · लघु कथा 2 1 429 Share जगदीश शर्मा सहज 7 Oct 2021 · 1 min read माता के जयकारे जगमग दीपक चमके द्वारे ।। माता के गूँजे जयकारे।। जय जगदम्बे अम्बे काली। ऊँचे पर्वत- महलों वाली।। श्रद्धा के फूलों से भरकर । लाया हूँ पूजा की थाली ।। माता... Hindi · गीत 2 2 308 Share जगदीश शर्मा सहज 12 Oct 2021 · 1 min read "बोझ" पति-पत्नी के बीच आपसी कलह को सुनकर लोक अदालत के जज साहब बोले " आज की पत्नी अपने पति पर बोझ बनना नहीं चाहती।वह स्वयं कमाना जानती है, और अपने... Hindi · लघु कथा 2 274 Share जगदीश शर्मा सहज 13 Oct 2021 · 1 min read जयति जय दुर्गा भवानी जयति जय दुर्गा भवानी। तुम सकल वरदानदानी।। हरि शयन करने सिधारे, देवता हा-हा पुकारे । मात ने मधु और कैटभ, दैत्य शुम्भ-निशुम्भ मारे।। कल्प का उद्गम निकट था, और था... Hindi · गीत 2 3 203 Share जगदीश शर्मा सहज 24 Jan 2022 · 1 min read बालिका वधु फूलों जैसी नाज़ुक होती बेटी। कितने सारे ख़्वाब सँजोती बेटी।। डोली में चढ़कर होती है रुख़सत । और सभी की आँख भिगोती बेटी।। बाबुल का घर आँगन सूना करके ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 273 Share जगदीश शर्मा सहज 2 Feb 2022 · 1 min read अश्लीलता से बचें पुरुष हो या नारी जो भी नग्नता परोसते, उनका समाज में विरोध होना चाहिए। नौनिहाल देश के अबोध हैं समझ नहीं , उनको अश्लीलता के रोग से बचाइए। संस्कारों की... Hindi · घनाक्षरी 2 1 248 Share जगदीश शर्मा सहज 14 Apr 2022 · 1 min read लघुकथा 'शिक्षा के दलाल अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शिक्षिका ने अंजली की बेटी का तीसरी कक्षा का रिजल्ट देते हुए कहा-“इस बार कक्षा 4 का कोर्स बदल गया है! स्कूल के बाहर लिस्ट लगी... Hindi · लघु कथा 2 2 385 Share जगदीश शर्मा सहज 4 May 2022 · 1 min read 20 साल बाद देश हो या हो विदेश, खत्म तेल, कोल,गैस, अन्न भी समाप्त होगा, बीस-तीस साल में । यंत्रों के बड़े कबाड़, चारों ओर मारधाड़, विश्व के अनेक देश , युद्धग्रस्त हाल... Hindi · कुण्डलिया 2 2 146 Share जगदीश शर्मा सहज 22 May 2022 · 1 min read चढ़ता पारा बढ़ता हुआ जो ताप है, यह आदमी का पाप है। चिरकाल से रूठे हुए, भू-देवता का शाप है। कटते हुए - जलते हुए, वनदेव का आलाप है। उद्योगवादी क्रांति से,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 223 Share जगदीश शर्मा सहज 27 Jun 2022 · 1 min read बिखरता बचपन शादी के दस साल बीत जाने के बाद भी राहुल और नम्रता के बीच अनबन कम होने का नाम नहीं ले रही थी। दोनों में से कोई भी किसी कीमत... Hindi · लघु कथा 2 2 177 Share जगदीश शर्मा सहज 2 Nov 2022 · 1 min read गजल एक भी आंसू न बहना चाहिए, दर्द को चुपचाप सहना चाहिए। एक ओछी बात या तकरार को, चार लोगों में न कहना चाहिए। प्रेम की खुश्बू बिखर जाए मगर, नफरती... Hindi · गज़ल 2 1 275 Share जगदीश शर्मा सहज 5 Nov 2022 · 1 min read गज़ल चाँद माहिर है दिल लुभाने में, वक्त लेता है पास आने में। दो दिलों को सुकून मिलता है, चाँद के नूर में नहाने में । जिसके सीने में गम समाया... Hindi · ग़ज़ल 2 4 168 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jan 2023 · 1 min read कर्तव्यपथ अपने-अपने कर्तव्यों का, निष्ठा से यदि पालन होगा। प्रेम हृदय में पुष्पित होगा, फुलवारी सा जीवन होगा।। उद्वेलित मन की चंचलता, कलुषित मन के कारण ही है। हठधर्मी बनकर हमने... Hindi · गीत 2 154 Share जगदीश शर्मा सहज 27 Jun 2023 · 1 min read मुक्तक मुक्तक बह रही ठण्डी हवाएं, बे-वफा मौसम हुआ। चिलचिलाती धूप में बरसात का आलम हुआ।। छा गए बादल गगन में छुप गया सूरज कहीं। पंछियों का बीहड़ों में चहचहाना कम... Quote Writer 2 2 204 Share जगदीश शर्मा सहज 25 Sep 2023 · 1 min read मुक्तक प्रतिज्ञा का समापन कर, सियापति राम घर आये। मिटाकर पाप धरती से, खलों का नाश कर आये ।। लखन,हनुमान, अंगद, रीछपति आरूढ़ थे रथ पर। गगन में देखकर पुष्पक, भरत... Hindi · मुक्तक 2 2 128 Share जगदीश शर्मा सहज 1 Nov 2023 · 1 min read तन को कष्ट न दीजिए, दाम्पत्य अनमोल। तन को कष्ट न दीजिए, दाम्पत्य अनमोल। पति को केवल चाहिए, प्रेम भरे दो बोल।। फेरों के सातों वचन, पुनः करें हम याद। जीवन भर का साथ हो, मधुर रहे... Quote Writer 2 1 247 Share जगदीश शर्मा सहज 17 Jan 2021 · 1 min read गीत :- प्रियतमा सुनकर कंगन नूपुर की धुन, मदहोश न अब मैं हो जाऊँ। तुम गीतों की आशा मेरी, जीवन की अभिलाषा मेरी। तुम उपवन की हरियाली हो, मैं प्रियदर्शन मैं खो जाऊँ... Hindi · गीत 1 2 242 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jan 2021 · 1 min read 'कामचोर मट्टू' चौराहे पर बैठा हुआ घर-परिवार से बेफिक्र मैले-कुचैले कपड़े पहने हुए, बीड़ी के कस लगाता हुआ कामचोर एवं हँसोड़ा, बातों का धुनी कुपढ़, मट्टू । फुर्सत का पहाड़ नशे का... Hindi · कविता 1 2 305 Share जगदीश शर्मा सहज 20 Jan 2021 · 1 min read ब्रज की चाह जय प्रेममयी वृषभानुलली। निधिवृन्द बसी मृदु कुंजकली।। मन-मंदिर से मधुभाव भरूँ । चरणों में अर्पित पुष्प करूँ ।। मनमोहन से अब प्रीत लगी। प्रभुदर्शन की अभिलाष जगी।। ब्रज की धरती... Hindi · कविता 1 4 213 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Jan 2021 · 1 min read शीतल हवा बर्फ़ की सफेद ओस, ओढ़कर हवा चली। आग के जले अलाव, धुंध के उठे गुबार ।। शांत सुंदरी सुबह, विभावरी विलासिनी। बाग में वसन्त सम,फूल की खिली बहार।। इंदु सा... Hindi · घनाक्षरी 1 6 374 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Jan 2021 · 1 min read भिखारन कड़ाके की सर्दी में खुले आसमान के तले बैठी एक भिखारन। ओढ़कर कम्बल,रजाई दान में मिले कपड़े ईंटों का चूल्हा प्लास्टिक की एक बोतल बस यही था उसका धन। सुबह-सुबह... Hindi · कविता 1 4 216 Share जगदीश शर्मा सहज 23 Jan 2021 · 1 min read जय वीर सुभाष गर्म अंगारा लहू फ़ौलाद सा था तन तुम्हारा ! कर रहा है आज सारा राष्ट्र अभिनंदन तुम्हारा !! हे महा-रणधीर सैनिक राष्ट्र का सम्मान हो तुम ! याद में बांकी... Hindi · कविता 1 2 207 Share Page 1 Next