Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Oct 2021 · 1 min read

जयति जय दुर्गा भवानी

जयति जय दुर्गा भवानी।
तुम सकल वरदानदानी।।

हरि शयन करने सिधारे,
देवता हा-हा पुकारे ।
मात ने मधु और कैटभ,
दैत्य शुम्भ-निशुम्भ मारे।।
कल्प का उद्गम निकट था,
और था चहुँओर पानी ।

कालिका काली कपाली,
आपकी शोभा निराली ।
दानवों पर कूद पड़तीं ,
सिंह पर होकर सवाली।।
सूक्ति हो या वेद सबने,
मात की महिमा बखानी ।

सृष्टि का उद्भव तुम्हीं से,
सृष्टि का विप्लव तुम्हीं से।
तुम दया करुणामयी हो,
जय विजय सम्भव तुम्हीं से।।
तुम जगत की प्राणदाता,
तुम सकल कल्याण दानी ।

— जगदीश शर्मा.

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 3 Comments · 202 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शार्टकट
शार्टकट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हम धरम के नाम पर क्या क्या तमाशे कर रहे
हम धरम के नाम पर क्या क्या तमाशे कर रहे
Mahesh Tiwari 'Ayan'
■ और क्या चाहिए...?
■ और क्या चाहिए...?
*Author प्रणय प्रभात*
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
अभी तो रास्ता शुरू हुआ है।
Ujjwal kumar
জীবন চলচ্চিত্রের একটি খালি রিল, যেখানে আমরা আমাদের ইচ্ছামত গ
জীবন চলচ্চিত্রের একটি খালি রিল, যেখানে আমরা আমাদের ইচ্ছামত গ
Sakhawat Jisan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
*घूॅंघट में द्विगुणित हुआ, नारी का मधु रूप (कुंडलिया)*
*घूॅंघट में द्विगुणित हुआ, नारी का मधु रूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
2246.🌹इंसान हूँ इंसानियत की बात करता हूँ 🌹
2246.🌹इंसान हूँ इंसानियत की बात करता हूँ 🌹
Dr.Khedu Bharti
मैंने बार बार सोचा
मैंने बार बार सोचा
Surinder blackpen
चली जाऊं जब मैं इस जहां से.....
चली जाऊं जब मैं इस जहां से.....
Santosh Soni
जो गुरूर में है उसको गुरुर में ही रहने दो
जो गुरूर में है उसको गुरुर में ही रहने दो
कवि दीपक बवेजा
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
कवि रमेशराज
ଡାକ ଆଉ ଶୁଭୁ ନାହିଁ ହିଆ ଓ ଜଟିଆ
ଡାକ ଆଉ ଶୁଭୁ ନାହିଁ ହିଆ ଓ ଜଟିଆ
Bidyadhar Mantry
हम तो फ़िदा हो गए उनकी आँखे देख कर,
हम तो फ़िदा हो गए उनकी आँखे देख कर,
Vishal babu (vishu)
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत,
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत,
Jitendra Chhonkar
प्रीत की चादर
प्रीत की चादर
Dr.Pratibha Prakash
पल-पल यू मरना
पल-पल यू मरना
The_dk_poetry
साया
साया
Harminder Kaur
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dheerja Sharma
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
Dr. Kishan Karigar
अपनों को दे फायदा ,
अपनों को दे फायदा ,
sushil sarna
कभी ना अपने लिए जीया मैं…..
कभी ना अपने लिए जीया मैं…..
AVINASH (Avi...) MEHRA
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिल को लगाया है ,तुझसे सनम ,   रहेंगे जुदा ना ,ना  बिछुड़ेंगे
दिल को लगाया है ,तुझसे सनम , रहेंगे जुदा ना ,ना बिछुड़ेंगे
DrLakshman Jha Parimal
कदम रोक लो, लड़खड़ाने लगे यदि।
कदम रोक लो, लड़खड़ाने लगे यदि।
Sanjay ' शून्य'
परछाई (कविता)
परछाई (कविता)
Indu Singh
हैं राम आये अवध  में  पावन  हुआ  यह  देश  है
हैं राम आये अवध में पावन हुआ यह देश है
Anil Mishra Prahari
जीने दो मुझे अपने वसूलों पर
जीने दो मुझे अपने वसूलों पर
goutam shaw
तज द्वेष
तज द्वेष
Neelam Sharma
Loading...