Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 94 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 14 Jan 2021 · 1 min read कोराना का कहर ऐसा अकाल आया हैं देश में, देश विचारा रोया, किसान रोया फ़सल खेत में, हाय अब क्या होया, बादल छाये बीमारी भी इतनी आयी, खेत हमारे तैयार खड़े हैं, कैसे... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 20 362 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 1 Feb 2021 · 1 min read वक्त के झोंकें ग़ज़ल, वक्त के झोंकें, काटी मैंने दिन और रातें गूजरी हुई शाम से, आई मुझे जब तेरी याद निकली तूं आरा़म से, लिखता रहा मैं भी ख़त बस तेरे ही... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 48 409 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Feb 2021 · 1 min read क्यूं न समझें वो, आंखों से निकले आंसू , दिल मैरा बेहाल हुआं,। चलने को तो था मैं मंज़ूर, रस्ता देख बेहाल हुआं,। मंज़िल तेरी मैरी एक थी, चलने को तेरे साथ हुआं,। तेरी... Hindi · कविता 4 409 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 10 Feb 2020 · 1 min read अब पहले जैसा बचपन कहाँ, कविता, अब कहाँ पहले जैसा बचपन, कहाँ आ गये समझदारी के इस दौर में, क्या खूबसूरत वो बचपन हमारा था,| लड़ाई हो जाती थी दोस्तों से खेल में, स्कूल में... Hindi · कविता 4 263 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 6 May 2020 · 1 min read अब मन रोया (अब मन रोया) मैं भारत का वासी हूं, मन मैरा ग़ुलाब हुआ, देश विचारा महामारी से ग्रसित, देश का बुरा अब हाल हुआ, देख व्यवस्था नेताओं की, मन मैरा बेहाल... Hindi · कविता 3 2 241 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 10 May 2020 · 1 min read मातृ दिवस मां बेटा बेटी सोच मन आसा, बहुत मुस्कुरा जाती हैं मां,। देती जन्म जब बालक को , सुन्दरता को त्यागी हैं मां,। नौ माह जब उसने कोख में धारा, सारे... Hindi · कविता 3 4 418 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 24 May 2020 · 1 min read गांव जैसा शहर कहां, (गांव जैसा शहर कहां) गांव की गलियों में जाओं, शहर की सड़कें फीकीं पढ़ जाएगी,। गांव के लोग खाने पीने को पूछेंगे आपसे, शहर के लोगों को मीटिंग याद आयेगी,।... Hindi · कविता 3 2 381 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read चोट लगे हमको तो दर्द बहुत होता हैं, कविता चोट लगे हमको दर्द बहुत होता हैं,| लगे हमें तो इसका यहशास बुरा होता हैं,|| आवाज़ निकले मुँह से,दर्द बहुत होता हैं, आँखों में देखो तो दरिया सा बहता... Hindi · कविता 3 2 399 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 14 Feb 2020 · 1 min read राजनीति का हल्लावोल, पापा चिल्लाये जोर जोर से काम हमारा बहुत बड़ा हैं, मम्मी चिल्लाई सोर सोर से हमसे बड़ा कोई और नहीं हैं, भाई कहे हम 48 पार हैं हमसे बड़ा न... Hindi · कविता 2 351 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jun 2020 · 1 min read इस समय का हीरों, (इस समय का हीरों) आज भी इंसानियत जिन्दा हैं, सोनू सूद के आगे बहुतों शर्मिंदा हैं,। कुछ दे गये पैसा पीएम फंड में, उसमें देने का भी उनका कुछ धंधा... Hindi · कविता 2 2 390 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 30 Jan 2020 · 1 min read एक महा नायक आया, कविता एक महा नायक आया इस देश में एक महा नायक आया, जिसने नाम भीमराव पाया ,| मात पिता का लाड़ला जे आया, चउँदा वा रतन जन्म ये पाया,| बड़े... Hindi · कविता 2 2 281 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 11 Feb 2020 · 1 min read क्या बचपन था, कविता ( क्या बचपन था ) कहाँ गये वो बचपन के दिन, जिन गलियों में हम खेले थे, जाते कहीं हम गली गली में सोर मचाते खेले थे, पाठ शाला... Hindi · कविता 2 396 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 31 May 2020 · 1 min read अबकई वोट डालबें जाने, अबकई वोट डालबे जाने, सोच समझ (बटन) दबाओनें,। गलती हो गई थी जो हमसे, बहुतई हम पछताने,। दाबे झूटे सब थे उनके, फिर वो यहां न चिताओंने,। जीत वोट हमरों... Hindi · गीत 2 2 397 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 17 Feb 2020 · 1 min read दर्द न समझ कोई, आज मुझे वो सक्श मिला हैं जिसने अपना हाल बताया हैं दर्द उसके अंदर कितना हैं ऐ उसने रो रो कर बतलाया हैं, मयूँसी चेहरे पर छलक रही थी वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 284 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 25 May 2020 · 1 min read छात्रावास में अपना वास (छात्रावास में अपना वास) गया जब मैं शहर में , एडमिशन मैरा नया था,। रहने को मिला छात्रावास, मैरा वहां नया निवास था,। मिलें वहां पर मुझे कुछ अनजाने, वहीं... Hindi · कविता 2 4 396 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 23 Apr 2020 · 1 min read गीत गीत ऐसी देश में होय अचरज, कि शिक्षा पाई बाबा साहेब,। कलम उठाई हाथ बढ़ाया, शिक्षा में कोई पछाड़ न पाया,। गुरु विरोधी जितने हो गये फैन, ऐ कहां इतनी... Hindi · कविता 2 400 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 22 Apr 2020 · 1 min read देश की विडंबना (देश की विडंबना) आज पता चल रहा हैं , देश हमारा बदल रहा हैं,। झूठों की टोलियों से, पढ़ा लिखा फिसल रहा हैं,। कोई दान दें रहा हैं, कोई आटा... Hindi · कविता 2 2 427 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 16 Jan 2021 · 1 min read आज दिल खामौस हैं, ( ग़ज़ल) आज दिल खाॅमौस हैं, और क्या मैं करूं,। जिंदगी का समय एक नगमा सा हैं, और क्या मैं करूं,। हम तुम थे एक साथ वो दिन भी अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 272 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 15 Apr 2021 · 1 min read कहो जय भीम बाबा साहेब का बुंदेलखंडी गीत पहने हम जो सूट बूट सब बाबा साहेब की देन, कहो जय भीम, पहले पानी पीबे मिलें ना अब मिलें आरो़ को क्रेन, कहो जय... Hindi · गीत 2 1 504 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 2 Mar 2021 · 1 min read बाबा साहेब की क़लम बाबा साहेब ने ऐसी जो कलम चलाई, मिले न्याय और मिटे राजा रजवाई,। पहले लाचार थे सब खूब चली रजवाई, बाबा साहेब की बदोलत अब घर घर बंधाई,। पहले औरन... Hindi · गीत 2 476 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 23 Feb 2021 · 1 min read शायरी हर खुशी हर ग़म में तैरे साऐ का बसेरा था, जब भी रहती थी तूं मैरें साथ उस वक्त नया सबेरा था,। I miss you, sargam Writer-- Jayvind Singh Ngariya... Hindi · शेर 2 333 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 22 Feb 2021 · 1 min read सारी खुशियां हैं तुम से, भावी इतना प्यार हैं तुम पै, सबसे अधिक भरोसा तुम पै,। भईया के तुम संग में आई, सब घर सोंपा हैं सब तुम पै,। भावी खुशियां तुम्हारी दम पै, सब... Hindi · गीत 2 284 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 21 Feb 2021 · 1 min read शायरी क्यूं बन जाता हैं उनसे इतना मीठा रिश्ता, जिनसे सारी दुनिया नफ़रत जताता हैं,। Writer-Jayvind Singh Ngariya Ji Hindi · शेर 2 397 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 2 min read अपने हैं उदास ??कविता?? आसमान को रोते हुये देखा हैं,| धरती को सोते हुये देखा हैं,|| सूरज को अपनी आग में जलते हुये देखा हैं,| आखिर बदल गया हैं, कितना इंशान,| मैंने पर्वतों... Hindi · कविता 2 1 302 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read वीरों अपना धर्म निभाओं ??कविता?? बीरों अपना धर्म निभाओं, धरती माँ की लाज बचाओं,| इस धरती ने दिया जीवन, इसकी तुम ही शान बनाओं, अपनी धरती माँ के दुश्मनों से टकराओं धरती माँ को... Hindi · कविता 2 1 228 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read मन का मचलना कविता दिन तो सूरज के प्रकाश से होता हैं चाँद तो वे बजह जलता है सुकूँन तो पेड़ की छाँव से मिलता हैं फिर आदमी न जाने क्यूँ धूप निकलता... Hindi · कविता 2 2 263 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Jan 2020 · 1 min read याद मुझे उनकी भी आती है, कविता याद मुझे उनकी भी आती हैं, जो दिल में ही समा जाती हैं,| क्या खूँब आता हैं वो वक्त, सुबह शाम यूँ ही गूजर जाती हैं,| चहल पहल रहती... Hindi · कविता 2 2 414 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 13 Jan 2020 · 1 min read लडुआयन के दिन ( लडुआन के दिना ) आज बन हैं लडुआ, और कल हम खायें, और मजा उडा़ये, कछु कुर कुरायें, और कछु चररायें, सबरें मजा उडा़यें, घर घर में जे बन... Hindi · कविता · बाल कविता 2 454 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 27 May 2020 · 1 min read शायरी तू ढूंढ़ रही हैं जहा तहां मैं तेरे दिल के पास हूं, कुछ देर आंखे बंद करके देख मैं तेरे दिल का एहसास हूं,। Jayvind Singh Ngariya Ji Hindi · शेर 1 2 270 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 27 May 2020 · 1 min read शायरी उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं, हम तुम एक दूसरे से अच्छी तरह घूल मिल जाये, हम खुद ही बता दें लोगों को अपने बारे में, ऐसा न हो कि... Hindi · शेर 1 380 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 27 May 2020 · 1 min read शायरी सरकार की मजबूरियों पे , जाना था दूरियों पे, घर हमारा दूर था, हर इंसान चलने को रस्ता मजबूर था, Jayvind Singh Ngariya Ji Hindi · शेर 1 445 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 27 May 2020 · 1 min read शायरी हमारे रिश्ते का एहसास हम दोनों ही समझते हैं, लोग तो देखते हैं और कुछ और समझते हैं,। Jayvind Singh Ngariya Ji Hindi · शेर 1 2 455 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 26 May 2020 · 1 min read शायरी जिंदगी के मायूॅसी के पलो को , वो मुझको बताती थी,। मैं जब उसके पास होता था, तो वो कंधे पर सिर रख कर रोने लग जाती थी,। Jayvind Singh... Hindi · शेर 1 1 463 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 2 Jan 2020 · 1 min read उदासीन ह्रदय ( उदासीन हृदय) कविता अजब हैं जो बोल गया, हृदय हमारा ढोल गया,| साँसे हमारी अटक गयी, आज काल को घोल गया,| बुना गया था,वक्त हमारा, जिसे कोई बोल गया,|... Hindi · कविता 1 223 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 27 Feb 2021 · 1 min read तुम समझों, खाॅमौश रहों दिल के अंदर, दिल में दर्द सा छुपा हैं,। जिनकों चाहत थी हमसें, फिर क्यूं न उनकी बात को सुना हैं,। कहतों में भी देता अपनी बात को,... Hindi · हाइकु 1 327 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 9 May 2020 · 1 min read हादसा ( हादसा) देख हादसा हुआ जहां , मन मैरा घबरा गया,। क्या हालत हुई होगी गरीब की, मैरी आंखों में पानी आ गया,। भूखें प्यासे चल दिए, और पांव छाले... Hindi · कविता 1 321 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 8 May 2020 · 1 min read ( अब हैं आफ़त आई) ( अब हैं आफ़त आई) मैं जिन्दा हूं मुझे जिन्दा ही रहने दो, न करों मुझे शर्मिंदा अभिमान से जिन्दा रहने दो,। महामारी की इस मार ने मारा, जान बचने... Hindi · कविता 1 219 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 7 May 2020 · 1 min read लोगों को जो कहना है , ?????? (गज़ल) हम तुमको कैसे भूल पायें, लोगों को जो कहना हैं सो कहें,। जब हम थे अकेले तुम आये मैरे पास,। मायूंसी को समझा तुमनें,और दिल में उतर गये,।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 366 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 20 Mar 2021 · 1 min read शायरी खुशियों का फ़रमान लेकर ऐ मौसम आया हैं, आजाओं अब वक़्त निकालें अपनों से मिलने का दिन आया हैं,। Writer-Jayvind Singh Ngariya Ji Hindi · शेर 1 383 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 29 Apr 2022 · 1 min read पिता आसमान से ऊंचा सिर हैं, जिसकी दौलत अपना घर हैं, रात को जागे और यही सोंचे, बच्चों का कल कैसा होगा, आज करूं मैं कल दिख जाए, मैरे बच्चे नाम... Hindi · कविता 1 161 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 19 Apr 2020 · 1 min read ऐसी देश में भयी अचरज गीत ऐसी देश में होय अचरज, कि शिक्षा पाई बाबा साहेब,। कलम उठाई हाथ बढ़ाया, शिक्षा में कोई पछाड़ न पाया,। गुरु विरोधी जितने हो गये फैन, ऐ कहां इतनी... Hindi · गीत 1 474 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 26 Jan 2020 · 2 min read हम भी आर्मी में हो, कविता हम भी आर्मी के हो, हर युवा के मन उठती यही उमँग हैं, मैं जाओं फौज में तिरंगा मैरे संग हो,| शीना चौड़ा हो जाता हैं जब देखा जवान... Hindi · कविता 1 3 390 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 20 Jan 2020 · 1 min read आया हूँ मैं तुम्हारें शहर में, गजल मैं तुम्हारें शहर में आया हूँ ओ शहर वालों, तुम ही मैरा साथ निभालों, अपनी दुनिया से दूर आया हूँ, ओ शहर वालों, तुम ही मैरी बाँहों को सभालों,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 346 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 3 Feb 2020 · 1 min read अब हैं चुनाव आये जागरूक हो अब हैं चुनाव में पंचयातो की बारी, दारू मुर्गा पैसा और छोड़ दो सारी, अब नहीं हो इस बार तेरा मैरा , अब होगी केवल विकाश की बारी, बूढे़ अनपढ़... Hindi · कविता 1 253 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 6 Feb 2020 · 1 min read मैरी बड़ी अजब कहानी है, आत्म कथा मैं एक बो इंशान हूँ,जिसने जो भी कार्य किया हैं वो कार्य लोगों को गलत लगा क्यूँ कि मैं सिर्फ अपने मन में गलत भाव नहीं रखता था,... Hindi · लघु कथा 1 260 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 18 Jan 2020 · 1 min read भींगत हैं आँगन मारों लोकगीत आ जाओं हम तुम खुशियों का कर हैं न्यौता प्यारों, भींगत हैं आँगन मारों,ओ भावी जी सुन लो बात हमारों,| तुम आ गई सो, हो गयो उजयारों, ओ भावी... Hindi · गीत 1 210 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 18 Jan 2020 · 1 min read एक हरषित परिवार ( एक हर्षित परिवार ) हमारी उन्नति देख शीना चौड़ा हुआ, पिता,| खुआँब पूरा देख रो पड़ी वो देवी रहे देखें खडी़, माँ,| बुलंद हो गया जिसका रौब वो हमारें... Hindi · मुक्तक 1 2 395 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 13 Jan 2020 · 2 min read नयी जगह नयी पहचान, कविता ( नयी जगह नयी पहचान) आज चुपके से मुझे वो अलवेली मिली थी, उसकी आँखों में नमी चेहरे पर माँसूमियत ढली थी,| समय के इस भँवर में वो ही... Hindi · कविता 1 2 261 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 5 Jan 2020 · 1 min read रिम झिम रिम झिम बूँद गिरि सावन आया कविता ???????? रिम -झिम रिम -झिम बूँद गिरि सावन आया, हरियाली पेड़ो पर छाई सावन आया, आसमान में घनी घटायें ,☁?☁ ??? शा म को अंधेरी बाहें, खुश हैं पंक्षी... Hindi · कविता 1 471 Share Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661 4 Jan 2020 · 1 min read हम जीते हैं शान से, कविता हम जीते हैं (सौंक ) शान से, हमें कुछ काम आ गया, कल तक जो देर से आया करता था, आज वक्त पर वो काम आ गया, कुछ तेरा... Hindi · कविता 1 368 Share Page 1 Next