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5 Jan 2020 · 1 min read

रिम झिम रिम झिम बूँद गिरि सावन आया

कविता

????????

रिम -झिम रिम -झिम बूँद गिरि सावन आया,
हरियाली पेड़ो पर छाई सावन आया,
आसमान में घनी घटायें ,☁?☁
??? शा म को अंधेरी बाहें,
खुश हैं पंक्षी खुला हैं आसमान,

रो के हँस पढ़ा हैं इंशान,
आसमान गरजें बादल डोले,

मन में उठी ह ठंडी आँहे,
सुबह शाम रहती मधु वरता ,

मिलने को कोई अपना आये,
याद आ गई उनकी यादे ,

जो अपने मन को भाये,
करो सलाम इस सुन्दरता को,
जो सवान में सबको
लुभाये,|

रिम- झिम रिम-झिम बूँद गिरि सावन आया,|
हरियाली पेड़ों पर छाई सावन आया,||

लेखक—: Jayvind Singh

Language: Hindi
1 Like · 484 Views
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