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1 Dec 2023 · 1 min read

*यह ज़िंदगी नही सरल है*

यह ज़िंदगी नही सरल है
**********************

यह जिंदगी नहीं सरल है,
हर रोज पहले से विरल है।

कोई नहीं साथ लंबे पथ मे,
ठोकरों से भरा खरल है।

आदमी आदमी से वैर करे,
फिर भी हिय का तरल है।

बांटता है मनसीरत प्रेमरस,
पीना पड़ता खुद गरल है।
*********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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