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27 May 2020 · 1 min read

शायरी

सरकार की मजबूरियों पे ,
जाना था दूरियों पे,
घर हमारा दूर था,
हर इंसान चलने को रस्ता मजबूर था,

Jayvind Singh Ngariya Ji

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 443 Views
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