Godambari Negi Pundir Tag: कविता 51 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Godambari Negi Pundir 4 Jul 2022 · 1 min read 'बादल'(जलहरण घनाक्षरी) मेघ की बारात चली,गगन में गली गली, दिनकर दिखे नहीं, धूप जाने है किधर। दामिनी लपक चले,चाल वो चपल चले, काली घटा मुख ढले,डोल रहा जलधर। मयूर मगन वन, लाए... Hindi · कविता 1 320 Share Godambari Negi Pundir 3 Jul 2022 · 1 min read 'रिश्ते' ये रिश्ते ये नाते हमें हंसाते रुलाते, कभी रूठ जाते कभी गुदगुदाते। बचपन के रिश्ते, होते हैं प्यारे, संग संग रहते, मानो चंदा तारे, पिता माँ दादी , दद्दा बहन... Hindi · कविता 1 223 Share Godambari Negi Pundir 1 Jun 2022 · 1 min read 'खाली समय' खाली बोतल जान समय को, सुन पगले तू ठुकरा मत देना। किस्मत वालों को ये मिलता, मन के भीतर तुम बैठा लेना। दौर है मुश्किल का वर्तमान का, खली समय... Hindi · कविता 1 1 294 Share Godambari Negi Pundir 31 May 2022 · 1 min read 'धूप' 'धूप' कच्ची धूप हो या पक्की धूप, मुझे भाती हर तरह की धूप। शरद ऋतु की गुनगुनी सी धूप, ठिठुरते तन को तपाती धूप। जेष्ठ की आग बरसाती धूप, छाँव... Hindi · कविता 259 Share Godambari Negi Pundir 29 May 2022 · 1 min read 'आतंकवाद से छोड़ दे यारी' आतंकवाद से क्यों करता यारी, मानवता के हित में ये है गद्दारी। पाया आकर तूने क्या इस जग में, जो करता हरदम जाने की तैयारी। अपनेपन से तू रहा सदा... Hindi · कविता 226 Share Godambari Negi Pundir 29 May 2022 · 1 min read 'आरती माँ भारती की' आओ आरती उतारें हम माँ भारती की, देवों की भूमि कर्म-भूमि पार्थ सार्थी की। रक्षा में तत्पर है जिसकी हिमालय, वक्ष स्थल पर शुशोभित पाप तारती की। है कश्मीर प्रदेश... Hindi · कविता 1 359 Share Godambari Negi Pundir 28 May 2022 · 1 min read 'किनारा' हमने जिसे समझा था सहारा, वो किनारा अब है ही कहाँ? हरा था भरा था लुभावन था कभी भरपूर, उड़ती है बिखरती है रेत ही रेत अब वहाँ। पंक्ति बद्ध... Hindi · कविता 1 205 Share Godambari Negi Pundir 8 May 2022 · 1 min read 'माँ की ममता' वात्सल्य भाव है सत्य सनातन, इसके बिन दुखित है शिशु जीवन। माँ के हृदय में ममता वो बसती, निर्भय हम पलते जिसके उपवन। भरती है अपनेआँचल में दुख, बच्चों को... Hindi · कविता 242 Share Godambari Negi Pundir 17 Apr 2022 · 1 min read 'बच्चों का त्योहार पिता' बच्चों का बाजार पिता, खिलौनों का व्यापार पिता। खुशियाँ आंगन बनी रहे, हर घर का है त्यौहार पिता। मेला ठेला पर्व का कोष, उत्साह का अपार वो जोश। जादू की... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 9 224 Share Godambari Negi Pundir 15 Apr 2022 · 1 min read 'संकल्प' आओ सुनो! सब एक कहानी, है यह नई, नहीं सदियों पुरानी। हुआ अक्षर संत निरक्षर ज्ञानी, लिखा गया जग में अपनी कहानी। बेचा करता था संतरे चौराहों पर, मिला न... Hindi · कविता 200 Share Godambari Negi Pundir 15 Apr 2022 · 1 min read 'प्रहरी' देखो अद्भुत प्रहरी बनकर,डटकर बैठा है सीमा पर। देश की आन-बान की ख़ातिर, जीता है प्राण हथेली पर रखकर। साक्षी हैं उसके ये पर्वत और नदिया, है किसी का बेटा... Hindi · कविता 181 Share Godambari Negi Pundir 14 Apr 2022 · 1 min read बेवज़ह मिलना तो था तुम से.. पर कैसे कहूँ... कहीं तुम ये न पूछ बैठो... किस लिए? क्या कहेंगे... हम को भी नहीं पता।। काम तो कुछ नहीं.. पर यों ही... Hindi · कविता 1 231 Share Godambari Negi Pundir 11 Apr 2022 · 1 min read 'नव संवत्सर' नव यौवन लिए प्रकृति आ गई, तरुवर ने किया पुष्प श्रृंगार। नव संवत्सर ने दरबार सजाया, माँ दुर्गा की रहा आरती उतार। मंद पवन मंदराचल से चल पड़ी, सहलाती हो... Hindi · कविता 202 Share Godambari Negi Pundir 21 Mar 2022 · 1 min read 'हे कविता तुझे नमस्कार!' भाव भरी रसधार तू ही मेघ मल्हार। लय ताल में गुंथे करते नाद वर्णहार। ललित मधुर मनोरम रूप अभिधा,व्यंजना, लक्षणा अनूप। वदन विविध अलंकार। करती नाना ध्वनि छल-छल, कल-कल घन... Hindi · कविता 1 289 Share Godambari Negi Pundir 14 Mar 2022 · 1 min read 'धीरज' कैसी जगत में, प्रभु की माया। कहीं धूप है, तो कहीं है छाया।। कभी दुख ने,आँखों को रुलाया। सुख ने भी आकर, हमें हंसाया।। धीरज रख हे मन!शांत चित हो।... Hindi · कविता 1 390 Share Godambari Negi Pundir 8 Mar 2022 · 1 min read 'नारी हूँ' नारी हूँ मैं! पर केवल नर का अनुराग बनकर, नहीं रहना है मुझको। पल-पल फैलना चाहती हूँ मैं, क्षितिज और इस धरा पर, अपनी पहचान बनकर । ढक देना चाहती... Hindi · कविता 2 2 339 Share Godambari Negi Pundir 7 Mar 2022 · 1 min read सृजन भाव-भंगिमा, नव अभिव्यंजना, रूप अलंकार , छंद कवि का गुंजन, आंखे भर - भर आती हैं, गीत सृजन, नव गीत सृजन। पी न सकी पीड़ायें मुझ को , अवसाद भी... Hindi · कविता 2 3 352 Share Godambari Negi Pundir 4 Mar 2022 · 1 min read 'सजगता' (१) प्रखर सोच मन धार, विवेक वर विधि दान लो। हो तब पूरण काम, सदा मनुज मन मान लो।। (2) रख दृष्टि चहुँ ओर, सत्य सतत साधन करो। जाग हृदय,... Hindi · कविता 268 Share Godambari Negi Pundir 24 Feb 2022 · 1 min read 'सांझ के रूप' चला सूर्य पश्चिम में सोने, सुखद स्वप्न में खुद को खोने। सागर में फैली लाल चदरिया, उतरी उस पर सांझ गुजरिया। चल पड़ी व्योम पथ तारे बोने, चला सूर्य पश्चिम... Hindi · कविता 562 Share Godambari Negi Pundir 21 Feb 2022 · 1 min read 'संघर्ष' ये जीवन ही संघर्ष है,मान मत तू हार। बालपन से संग अपने,संकटों के तार।। एक शिशु भरने को पेट,करता रुदन खूब। भूमि में जब गढे़ गहरी, ...हरी रहती दूब।। दौड़कर... Hindi · कविता 271 Share Godambari Negi Pundir 18 Feb 2022 · 1 min read 'मर्यादा' कर कर्म हो मर्यादित, मर्यादा भंग ना कीजे। देश-धर्म रहे उन्नत, यत्न सभी ये कर लीजे।।१ रखें प्रथम देश हित, काज तब दूजा कीजे। बन मातृभूमि रक्षक, तन-मन अर्पित कर... Hindi · कविता 301 Share Godambari Negi Pundir 14 Feb 2022 · 1 min read 'वीर सैनिक' बीज वीरता के मैं, सदा बोता रहा... बात ये नहीं कि, मैं यहाँ सोता रहा... न कभी पीछे हटा हूँ, दुश्मनों के खौफ़ से... एक पाँव पर भी, खडा़ रहा... Hindi · कविता 1 211 Share Godambari Negi Pundir 27 Jan 2022 · 1 min read 'शूल' फूल ही नहीं शूल भी शान रखते हैं, चुभन देते हैं पर सदा मान रखते हैं। खाकर नमक जिसका उगते पलते हैं, चुभकर उसे बता कब कहाँ छलते हैं। फितरत... Hindi · कविता 184 Share Godambari Negi Pundir 24 Jan 2022 · 1 min read 'बेटियाँ हमारी खुशियाँ' बेटियाँ हमारी खुशियाँ..?????????? बेटियाँ बड़ी महान होती हैं, ये घर आँगन की शान होती हैं। वस्तु समझ दान क्यों करते हो? बेटी हुई माँ पर दोष धरते हो। बेटी बंटती... Hindi · कविता 1 397 Share Godambari Negi Pundir 24 Jan 2022 · 1 min read 'भारत की नारी' त्याग तपस्या और बलिदान है यही मेरी पहचान। भारत की महान संस्कृति में नारी की है अलग पहचान। जननी सम पूजी जाती है भूमि जहाँ वो है मेरा देश महान।... Hindi · कविता 1 245 Share Godambari Negi Pundir 19 Jan 2022 · 1 min read 'वनिता की व्यथा' मुझको साथ तुम ले जाते, प्रिय अपने संग वनवास में। कैसे रहूँ क्योंकर मैं जिऊँ, बिन प्रियतम रनिवास में। पुण्य आता कुछ भाग मेरे, सेविका बन रहती तुम्हारी। वस्त्र राजसी... Hindi · कविता 551 Share Godambari Negi Pundir 11 Jan 2022 · 1 min read 'मुस्कान' खिलती हैं कलियाँ भी, देख मुस्कान तुम्हारी, महकी सी लगती है फिर, घर की क्यारी-क्यारी। मेघ भी आसमान में, बिखर गया पंख पसारे, चाँद ने भी चाँदनी अपनी, तेरी मधुर... Hindi · कविता 505 Share Godambari Negi Pundir 10 Jan 2022 · 1 min read 'तुम ही तुम' जहाँ भी देखूँ तुम ही तुम हो। कहीं धूप गुनगुनी हो, कहीं बर्फ का मौसम हो। कहींमद मस्त पवन हो, कहीं वसंत का मौसम हो। कहीं चाँद की चाँदनी हो,... Hindi · कविता 2 519 Share Godambari Negi Pundir 8 Jan 2022 · 1 min read 'करुणा' 'करुणा' करुणा रोये होकरके करुणित, द्रवित हृदय से दया बरसती। घनीभूत हो उठती जब पीड़ा, मर्मस्पर्शी मरहम को है तरसती। देख विकल आकुल हो उठता, हर मानव हृदय भी अनजाना।... Hindi · कविता 4 4 400 Share Godambari Negi Pundir 28 Dec 2021 · 1 min read 'प्यारी ऋतुएँ' 'प्यारी ऋतुएँ' प्रकृति के देखो खेल अजब हैं, इसके तो हर दृश्य ग़जब हैं। प्रत्येक ऋतु होती अलबेली, अपने में ही होती है पहेली। आए ग्रीष्म तो छाया भाए, हमने... Hindi · कविता 3 2 634 Share Godambari Negi Pundir 19 Dec 2021 · 1 min read 'बचपन' 'बचपन' चंचल निश्छल प्यारा, मेरा बचपन बिछुड़ गया। जग से चिंता रहित दुलारा, जाने किधर गया। मेरा बचपन बिछुड़ गया... हंसते रहते थे मिल जुलकर, खेला करते थे खिल-खिलकर, मित्र... Hindi · कविता 2 1 515 Share Godambari Negi Pundir 9 Dec 2021 · 1 min read 'मृत्यु' मृत्यु सहचरी सबकी है, बेवफाई नहीं करती है। मिलने अगर वो आ जाए, लेकर साथ ही जाती है। कब आएगी कहाँ आएगी? चुनकर किसको ले जाएगी। ये भेद सदा ही... Hindi · कविता 2 4 445 Share Godambari Negi Pundir 8 Dec 2021 · 1 min read 'प्रतिदान' कोमल हृदय करने को रक्षित, धरना पड़ता है रूप कठोर नग सा भी। जीवन को जीने को सुखमय , लेना पड़ता निष्चय कठिन डग का भी तूफानों से टकराने को... Hindi · कविता 2 533 Share Godambari Negi Pundir 7 Dec 2021 · 1 min read 'उम्मीद' प्रतिरोधक औषध सम है उम्मीद की एक बूँद, स्नेह से सिंचित हो नम है उम्मीद की एक बूँद। निराशा मन से है मिटाती उम्मीद की एक बूँद। आशा के है... Hindi · कविता 3 2 304 Share Godambari Negi Pundir 5 Dec 2021 · 1 min read 'धरा' तरल शीतल सरस हूँ, शांत गतिमान पारदर्शी हूँ। ठोस कठोर पाषाण हूँ, हाँ अवश्य निष्प्राण हूँ। तुच्छ सा कण स्फुरण हूँ, जीवन संग मरण हूँ। भुवन जगत संसार हूँ, हर... Hindi · कविता 4 3 327 Share Godambari Negi Pundir 1 Dec 2021 · 1 min read 'तिनके' 'तिनके' सर पर छाँव दे जाते हैं, ये घास-फूस के तिनके, पूरा गाँव दे जाते हैं, ये घास-फूस के तिनके। उड़कर कभी बिखर जाते हैं, कहीं पाँव तले कुचले जाते... Hindi · कविता 3 2 354 Share Godambari Negi Pundir 29 Nov 2021 · 1 min read 'पुस्तक' 'पुस्तक' ये पुस्तक है बड़ी अनमोल, बात में इसकी है भारी तोल। पहन ले ऐनक हर पन्ना खोल, प्यारी भाषा इसकी न्यारे बोल। लिखी है इसमें बात पुरानी, कुछ तेरी... Hindi · कविता 3 7 465 Share Godambari Negi Pundir 7 Nov 2021 · 1 min read 'अनुगामिनी' 'अनुगामिनी' मैं हूँ अनुगामिनी तुम्हारी, मैं संग थी,संग में ही रहूँगी। शूल सी बातें भी तुम्हारी, स्मृति में फूल सी रखूँगी। मैं हूँ अनुगामिनी तुम्हारी, मैं संग थी, संग में... Hindi · कविता 4 5 468 Share Godambari Negi Pundir 31 Oct 2021 · 1 min read 'अपना पराया' 'अपना पराया' कौन अपना है,कौन पराया, बिन विपदा, कोई जान न पाया। जो मन को अपने भा जाए, जो संकट में काम आ जाए, धूप में छाँव जो बन जाए,... Hindi · कविता 2 2 291 Share Godambari Negi Pundir 23 Oct 2021 · 1 min read 'डोर' आज भी, स्नेह सिंचित है इक डोर। तुम तक ले जाती है जो, जिसे तुम देखकर भी अनदेखा करने का अभिनय बखूबी एक मंजे हुए अभिनेता की तरह कर लेते... Hindi · कविता 3 1 274 Share Godambari Negi Pundir 18 Oct 2021 · 1 min read 'बूढ़ा गुलाब' 'बूढ़ा गुलाब' मैं गुलाब हूँ! कभी मुझमें भी रंगत थी, संग दुनिया की संगत थी। लोग मरा करते थे मेरे रूप रंग पर, दिल लुटाया करते थे मेरी सुंगध पर।... Hindi · कविता 1 2 365 Share Godambari Negi Pundir 15 Oct 2021 · 1 min read 'रचना का अंत' 'रचना का अंत' एक रचना का आज, रचनाकार के हाथों ही अंत हो गया! किये थे अमूल्य क्षण दान जिसको, अर्पित किया था, हृदय का हर भाव उसको। वर्णमाला को... Hindi · कविता 1 409 Share Godambari Negi Pundir 14 Oct 2021 · 1 min read सोचता हूँ तुम्हें #सोचता-#हूँ-#तुम्हें हर पल सोचता हूँ तुम्हें! तुम्हारी मंद मुस्कान को, उगते हुए दीप्तिमान के स्वागत सत्कार में लालायित! तुम्हारी बिछने की प्रवृत्ति को, हर पल सोचता हूँ तुम्हें! सांझ होने... Hindi · कविता 2 185 Share Godambari Negi Pundir 10 Oct 2021 · 1 min read 'ख़्वाबों का शहर' 'ख्वाबों का शहर' हाँ ये ख्वाबों का शहर है! यहाँ सिर्फ़ ख़्वाब मिलेंगे। कुछ रूठे कुछ टूटे कुछ झूठे तो कुछ सच्चे मिलेंगे। हाँ ये ख्वाबों का शहर है! यहाँ... Hindi · कविता 1 415 Share Godambari Negi Pundir 6 Oct 2021 · 1 min read 'पितृपक्ष' 'पितृपक्ष' देता हमको अवसर पितृपक्ष, श्रद्धा से स्मरण करने का। जिसने जन्म दिया है हमको, उसके ऋण को भरने का। मानव देह जो पाई है हमने, है पालन-पोषण तुमने किया।... Hindi · कविता 2 2 445 Share Godambari Negi Pundir 2 Oct 2021 · 1 min read 'कहानी पुरानी' लिखूँ खत तुझे या कहूँ अपनी कहानी, न था इसमें राजा न थी कोई रानी। घरों में उजाले थे दुखों के न नाले थे, भोला सा बचपन था दूर थी... Hindi · कविता 2 2 541 Share Godambari Negi Pundir 27 Sep 2021 · 1 min read 'पिता की छाँव' घनी पेड़ की छाँव रूप सा, जिसकी छाया में सब सुख पाते हैं। है कौन बता तू ऐसा एक मानव , जिसमें सब संबल पाते हैं। यतन हजारों है वो... Hindi · कविता 4 6 602 Share Godambari Negi Pundir 9 Sep 2021 · 1 min read 'नगराज हिमालय' स्वीकारो हे नगराज नमन मेरा! तुम ही भारत के गौरव गिरिवर राज। युगों-युगों से करते आए हो रक्षा, बन अथक वीर राग की तुम परवाज़। हे ब्रह्म पुत्र!हे अचल यतीश्वर!... Hindi · कविता 2 299 Share Godambari Negi Pundir 3 Sep 2021 · 1 min read 'रोटी' 'रोटी' संपूर्ण दुनिया इस रोटी में समाई है, रोटी ही माँ बाप और भाई है। इंसान से लेकर जानवर तक में, बस रोटी की ही लड़ाई है। पेट सबका रोटी... Hindi · कविता 4 345 Share Godambari Negi Pundir 29 Aug 2021 · 1 min read दिनकर ‘दिनकर' पूर्व दिशा में जगमग करते, हे दिनकर जब तुम आए। स्वर्ण-सिंदूरी सी चादर ताने, रवि तुम यूं प्राची पर छाए। मासूम कली भी देख तुम्हें, है कुछ यूं मुस्काई,... Hindi · कविता 3 7 348 Share Page 1 Next