You must be logged in to post comments.
वाह… तिनके बड़े हल्के-फुल्के ! पर उसपे सृजन किया भावपूर्ण कितने ! सचमुच किसी भी हल्की च़ीज को हल्के में कदापि नहीं लिया जा सकता है। वो भी कभी बड़े काम की हो सकती है या खेल बिगाड़ भी सकती है ! सरल शब्दों में सुंदर सृजन ! ??
ये घास के तिनके का चमत्कार देख रावण परेशान था और माता सीता यदि चाहती तो उसे इसी तिनके के सहारे अशोक वाटिका में जला के भस्म कर सकती थी।
वाह… तिनके बड़े हल्के-फुल्के ! पर उसपे सृजन किया भावपूर्ण कितने ! सचमुच किसी भी हल्की च़ीज को हल्के में कदापि नहीं लिया जा सकता है। वो भी कभी बड़े काम की हो सकती है या खेल बिगाड़ भी सकती है ! सरल शब्दों में सुंदर सृजन ! ??