Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Feb 2022 · 1 min read

‘सांझ के रूप’

चला सूर्य पश्चिम में सोने,
सुखद स्वप्न में खुद को खोने।
सागर में फैली लाल चदरिया,
उतरी उस पर सांझ गुजरिया।
चल पड़ी व्योम पथ तारे बोने,
चला सूर्य पश्चिम में सोने।

कृषक चले हल काँधे धारे,
वनिता तकती घर के द्वारे ।
झुंड पशु के घर को निकले,
घर भीतर से लगते उजले।
आई ओस धरा को भिगोने,
चला सूर्य पश्चिम में सोने।

मंदिर घंट ध्वनि बजने लगी,
थाल आरती सजने लगी।
बाल वृंद अपने घर पहुँचे,
सरोज सरवर में बंद हुए।
चंदा निकला तम को धोने,
चला सूर्य पश्चिम में सोने।

स्वरचित ✍
गोदाम्बरी नेगी
हरिद्वार
©®

Language: Hindi
523 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब
इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब
Dheerja Sharma
बिन बोले ही हो गई, मन  से  मन  की  बात ।
बिन बोले ही हो गई, मन से मन की बात ।
sushil sarna
@घर में पेड़ पौधे@
@घर में पेड़ पौधे@
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तरक़्क़ी देखकर फुले नहीं समा रहे थे ….
तरक़्क़ी देखकर फुले नहीं समा रहे थे ….
Piyush Goel
शिक्षा व्यवस्था
शिक्षा व्यवस्था
Anjana banda
सबक ज़िंदगी पग-पग देती, इसके खेल निराले हैं।
सबक ज़िंदगी पग-पग देती, इसके खेल निराले हैं।
आर.एस. 'प्रीतम'
सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य
सवर्ण और भगवा गोदी न्यूज चैनलों की तरह ही सवर्ण गोदी साहित्य
Dr MusafiR BaithA
*मेरी रचना*
*मेरी रचना*
Santosh kumar Miri
2543.पूर्णिका
2543.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
चन्द्रमा
चन्द्रमा
Dinesh Kumar Gangwar
बाल कविता मोटे लाला
बाल कविता मोटे लाला
Ram Krishan Rastogi
गुज़रा है वक्त लेकिन
गुज़रा है वक्त लेकिन
Dr fauzia Naseem shad
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
।। अछूत ।।
।। अछूत ।।
साहित्य गौरव
आम की गुठली
आम की गुठली
Seema gupta,Alwar
*
*"आज फिर जरूरत है तेरी"*
Shashi kala vyas
ये दुनिया घूम कर देखी
ये दुनिया घूम कर देखी
Phool gufran
ऐसा लगता है कि शोक सभा में, नकली आँसू बहा रहे हैं
ऐसा लगता है कि शोक सभा में, नकली आँसू बहा रहे हैं
Shweta Soni
अदम्य जिजीविषा के धनी श्री राम लाल अरोड़ा जी
अदम्य जिजीविषा के धनी श्री राम लाल अरोड़ा जी
Ravi Prakash
पिता का बेटी को पत्र
पिता का बेटी को पत्र
प्रीतम श्रावस्तवी
सम्बन्ध वो नहीं जो रिक्तता को भरते हैं, सम्बन्ध वो जो शून्यत
सम्बन्ध वो नहीं जो रिक्तता को भरते हैं, सम्बन्ध वो जो शून्यत
ललकार भारद्वाज
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
दुश्मन से भी यारी रख। मन में बातें प्यारी रख। दुख न पहुंचे लहजे से। इतनी जिम्मेदारी रख। ।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अगर युवराज का ब्याह हो चुका होता, तो अमेठी में प्रत्याशी का
अगर युवराज का ब्याह हो चुका होता, तो अमेठी में प्रत्याशी का
*प्रणय प्रभात*
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
The_dk_poetry
फूल और भी तो बहुत है, महकाने को जिंदगी
फूल और भी तो बहुत है, महकाने को जिंदगी
gurudeenverma198
मन तो करता है मनमानी
मन तो करता है मनमानी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
...........,,
...........,,
शेखर सिंह
"उजला मुखड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
चाँदनी रातों में बहार-ए-चमन,
चाँदनी रातों में बहार-ए-चमन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...