Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2017 · 1 min read

रमेशराज के 2 मुक्तक

गुलशन पै बहस नहीं करता
मधुवन पै बहस नहीं करता
वो लिए सियासी दुर्गंधें
चन्दन पै बहस नहीं करता |
+रमेशराज
—————————–
“असुर ” कहो या बोलो-“ खल हैं “
हम मल होकर भी निर्मल हैं |
साथ तुम्हारे ‘ सच ‘ होगा पर-
अपने साथ न्यूज-चैनल हैं ||
+रमेशराज

Language: Hindi
282 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं
Gouri tiwari
शिव ताण्डव स्तोत्रम् का भावानुवाद
शिव ताण्डव स्तोत्रम् का भावानुवाद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
💐प्रेम कौतुक-494💐
💐प्रेम कौतुक-494💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हिंदी का आनंद लीजिए __
हिंदी का आनंद लीजिए __
Manu Vashistha
पहाड़ पर कविता
पहाड़ पर कविता
Brijpal Singh
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
तुम जब भी जमीन पर बैठो तो लोग उसे तुम्हारी औक़ात नहीं बल्कि
तुम जब भी जमीन पर बैठो तो लोग उसे तुम्हारी औक़ात नहीं बल्कि
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
दिल की दवा चाहिए
दिल की दवा चाहिए
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज
कवि रमेशराज
अगर मुझे तड़पाना,
अगर मुझे तड़पाना,
Dr. Man Mohan Krishna
"भोर की आस" हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
गोपी-विरह
गोपी-विरह
Shekhar Chandra Mitra
कीमत बढ़ा दी आपकी, गुनाह हुआ आँखों से ll
कीमत बढ़ा दी आपकी, गुनाह हुआ आँखों से ll
गुप्तरत्न
2320.पूर्णिका
2320.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मेरा लेख
मेरा लेख
Ankita Patel
चूड़ी पायल बिंदिया काजल गजरा सब रहने दो
चूड़ी पायल बिंदिया काजल गजरा सब रहने दो
Vishal babu (vishu)
मुक्तक7
मुक्तक7
Dr Archana Gupta
जलने वालों का कुछ हो नहीं सकता,
जलने वालों का कुछ हो नहीं सकता,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कहीं भी जाइए
कहीं भी जाइए
Ranjana Verma
*भाता है सब को सदा ,पर्वत का हिमपात (कुंडलिया)*
*भाता है सब को सदा ,पर्वत का हिमपात (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
THE MUDGILS.
THE MUDGILS.
Dhriti Mishra
ये रिश्ते हैं।
ये रिश्ते हैं।
Taj Mohammad
हम भी अगर बच्चे होते
हम भी अगर बच्चे होते
नूरफातिमा खातून नूरी
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हरकत में आयी धरा...
हरकत में आयी धरा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हार कभी मिल जाए तो,
हार कभी मिल जाए तो,
Rashmi Sanjay
தனிமை
தனிமை
Shyam Sundar Subramanian
अंधा बांटे रेबड़ी, फिर फिर अपनों के देवे – कहावत/ DR. MUSAFIR BAITHA
अंधा बांटे रेबड़ी, फिर फिर अपनों के देवे – कहावत/ DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
चिंतित अथवा निराश होने से संसार में कोई भी आपत्ति आज तक दूर
चिंतित अथवा निराश होने से संसार में कोई भी आपत्ति आज तक दूर
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
Loading...